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मामला निर्णायक दौर में है इसलिए धैर्य एवं चिंतन के साथ कदम बढ़ाएं: भागवत

विहिप के धर्म संसद में कोई तारीख नहीं घोषित की गई और केंद्र की मोदी सरकार पर मंदिर निर्माण को लेकर भरोसा जताने के लिए लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से मान लिया गया। इसी को लेकर वहां मौजूद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और तारीख बनाने के लिए बैनर होर्डिंग लेकर प्रदर्शन करने लगे।

Shivakant Shukla
Published on: 1 Feb 2019 8:39 PM IST
मामला निर्णायक दौर में है इसलिए धैर्य एवं चिंतन के साथ कदम बढ़ाएं: भागवत
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आशीष पाण्डेय

कुंभ नगर: कुंभ नगर में ओल्ड जीटी रोड स्थित विश्व हिंदू परिषद में धरम संसद के दूसरे दिन मंदिर को लेकर गर्मजोशी दिखी। धर्म संसद की अध्यक्षता श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी महाराज ने की । जिसमें देशभर के पूज्य संतों की उपस्थित रहे।

धर्म संसद को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने अपने उद्बोधन में कहा की श्री राम जन्म भूमि पर केवल भव्य मंदिर ही बनेगा इसके अतिरिक्त और कुछ भी स्वीकार्य नहीं।

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उन्होंने कहा कि सरकार में श्री राम मंदिर का समर्थन करने वाले लोग हैं। कानून बनाने की मांग हमारी है और आगे भी रहेगी। अब मामला निर्णायक दौर पर है इसलिए रास्ता सोच समझकर अपनाना पड़ेगा। पड़ोसी देश से अगर हिंदुओं को भगाया जाता है तो भारत उनकी आश्रय स्थली बने यह कानून बनाने वाली यह पहली केंद्र की सरकार है। यह समय सनातन धर्म के प्रत्यक्ष रूप से प्रकट होने का है । हालांकि धर्म संसद में उन्होंने इशारों इशारों में भाजपा को समर्थन करने की बात भी कह डाली। उन्होंने कहा कि पूज्य संतो ने जो तय किया है संघ उस पर चलेगा।

अविवादित भूमि वापस मांगकर केंद्र सरकार ने मंदिर निर्माण का इशारा कर दिया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने भव्य मंदिर बनाने के आंदोलन के अगुवा रहे संत एवं आंदोलन चलाने वाले नेताओं का स्मरण करते हुए कहा कि उनके संकल्प को नमन करता हूं। उन्होंने बताया कि संतों ने तय किया था कि भव्य मंदिर के निर्माण हेतु देशभर में जनसभाएं करेंगे। इसके परिणाम स्वरुप 400 जनसभाएं संपन्न हुई। यहां तक कि कुछ जनसभाओं में लाखों राम भक्त एकत्र हुए।

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इन जनसभाओं में ऐसे भी नवयुवक सम्मिलित हुए जिन्होंने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन को पहली बार देखा था। यह ठीक है कि मौजूदा केंद्र सरकार ने कानून नहीं बनाया और जो हमारी भूमि अधिग्रहित है, कोर्ट भी मानता है कि उन्हें इसकी आवश्यकता नहीं । उसे प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने कोर्ट में अर्जी लगा दी है कि अधिग्रहित जमीन को मूल मालिकों को वापस किया जाए। जो मंदिर निर्माण की तरफ एक कदम ही है।

सिंहद्वार से शुरू करेंगे, गंर्भगृह तक जाएंगे और मंदिर वहीं बनाएंगे: स्वामी चिन्मयानंद

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिन्मयानंद महाराज ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि का आंदोलन भारत का आंदोलन है। दानवी शक्तियां हमें कमजोर कर रही हैं पर सत्यमेव जयते ही सत्य है। हमें एक बात अवश्य ध्यान रखनी चाहिए कि जिसने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया हो उनसे मंदिर निर्माण की अपेक्षा कैसे की जा सकती है उन्होंने घोष किया कि सिंह द्वार से शुरू करेंगे गर्भगृह तक जाएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।

हमें मोदी सरकार को एक बार और मौका देना चाहिए: नृत्य गोपाल दास महाराज

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि 6 अप्रैल 2019 को एक करोड़ विजय मंत्र जपने का संकल्प दिलाया तो वहीं श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास महाराज ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर शीघ्र बने इसके लिए धैर्य की आवश्यकता है और हमें मोदी सरकार को एक बार और मौका देना चाहिए।

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विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीएस कोकले ने प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए कहा कि अभी समाचार आया है कि केंद्र ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना की है तथा इसके लिए उन्होंने 7.5 करोड़ रूपए अनुदान की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने हिंदू समाज की श्रद्धा का सम्मान करते हुए कदम उठाया। हम उसका धन्यवाद करते हैं। धर्म सभा में मंच पर सैकड़ों संत और हजारों की संख्या में दर्शक दीर्घा में संत व अन्य लोग उपस्थित रहे।

मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार पर भरोसा करने का प्रस्ताव, तारीख न घोषित करने पर हंगामा

विहिप के धर्म संसद में कोई तारीख नहीं घोषित की गई और केंद्र की मोदी सरकार पर मंदिर निर्माण को लेकर भरोसा जताने के लिए लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से मान लिया गया। इसी को लेकर वहां मौजूद लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और तारीख बनाने के लिए बैनर होर्डिंग लेकर प्रदर्शन करने लगे। करीब बीस मिनट तक रहे इस हंगामें को विहिप के पदाधिकरियों ने कड़ी मशक्कत कर शांत करा लिया लेकिन मंच पर बैठे कई शंतों ने इसे विपक्ष की चाल बताते हुए उन्हें हिंदू विरोधी तक कहने में गुरेज नहीं किया।



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Shivakant Shukla

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