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ताजनगरी में संघ प्रमुख, संस्कृति चर्चा से दलित के घर भोजन तक का कार्यक्रम
भागवत के कार्यक्रम को प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौरक्षकों के खिलाफ वक्तव्य और दलितों के लिए जताई गई चिंता की अगली कड़ी माना जा रहा है।इस कार्यक्रम को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि 31 जुलाई को अमित शाह की आगरा में प्रस्तावित रैली के लिए दलितों का समर्थन जुटाने में भाजपा नाकाम रही थी, और आखिरी समय में रैली रद्द करनी पड़ी थी।
आगरा: शहर में शनिवार से पांच दिन तक राष्ट्र प्रेम, संस्कृति और संस्कारों की बयार बहेगी। शनिवार को आगरा पहुंच रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शिक्षकों और नव युगलों को राष्ट्र और संस्कृति के प्रति जागरूक करेंगे। आगरा के अपने इस 5 दिवसीय दौरे के आखिरी दिन वह एक दलित के घर खाना खाएंगे।
दलित के घर भोजन
-सूत्रों के अनुसार मोहन भागवत एक दलित स्वयंसेवक राजेंद्र चौधरी के घर खाना खाएंगे। राजेंद्र आगरा के जयपुर हाउस के केशव कुंज में जूते बनाने का कारखाना चलाते हैं।
-हालांकि, संघ जातिविहीन समाज में भरोसा रखता है और अपने सदस्यों को जातिसूचक संबोधनों से पुकारने की परंपरा नहीं है। इसलिए भागवत के इस फैसले को राजनैतिक कारणों से जोड़कर देखा जा रहा है।
-इसे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा गौरक्षकों के खिलाफ वक्तव्य और दलितों के लिए जताई गई चिंता की अगली कड़ी माना जा रहा है।
-इस कार्यक्रम को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि 31 जुलाई को अमित शाह की आगरा में प्रस्तावित रैली के लिए दलितों का समर्थन जुटाने में भाजपा नाकाम रही थी, और आखिरी समय में रैली रद्द करनी पड़ी थी।
प्रांत प्रचारक ने की पुष्टि
-संघ के प्रांत प्रचारक प्रदीप ने कार्यक्रमों की पुष्टि करते हुए इसके पीछे किसी राजनैतिक कारण से इनकार किया है।
-संघ स्वयंसेवक राजेंद्र ने संघ को परिवार की तरह बताते हुए कहा कि भागवत के लिए सादा खाना परोसा जाएगा।
शिक्षा, संस्कृति, संस्कार
-आयोजन के लिए शुक्रवार को आगरा कॉलेज मैदान में भूमि पूजन किया गया।
-सरसंघचालक मोहन भागवत शनिवार को विश्वविद्यालयी और महाविद्यालयी शिक्षकों को संबोधित कर रहे हैं।
-इसमें संघ प्रमुख का जोर है कि शिक्षा व्यावसायिक तो हो ही, साथ ही गुणात्मक और संस्कार वाली भी हो।
-रविवार 21 अगस्त को युवा दंपति सम्मेलन होगा। इसमें नव युगलों को संस्कृति, संस्कारों का पाठ पढ़ाया जाएगा।
-संघ प्रमुख जोर देंगे कि भारतीय संस्कृति के अनुसार संयुक्त परिवार की अवधारणा को मजबूत किया जाए। आदर्श परिवार की धारणा साकार हो।
-कार्यक्रम के मुताबिक 22 से 24 अगस्त तक संगठनात्मक बैठकें होंगी। इस दौरान संघ प्रमुख कार्यो की समीक्षा के साथ ही ब्रजप्रांत, मेरठ प्रांत और उत्तराखंड के पदाधिकारियों को ऊर्जावान बनाएंगे।