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CM योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे...' बयान को RSS का समर्थन, बोले- तोड़ने का काम जारी
RSS: सीएम योगी के बयान को आरएसएस ने समर्थन दिया है। साथ ही लोक कल्याण के लिए हिंदुओं को एकजुट होने का संदेश दिया।
RSS on CM Yogi: मथुरा के परखम स्थित दीनदयाल गो विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के नवधा सभागार में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक की बैठक हुई। कार्यकारी मंडल की बैठक का शुभारंभ संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले द्वारा किया गया। बैठक में हिंदू एकता को बरकरार रखने के लिए कई बड़े मूलमंत्र दिए। बीते दिनों सूबे के मुखिया द्वारा दिए गए 'बंटेंगे तो कटेंगे...' वाले बयान का भी समर्थन करते हुए व्याख्यान दिया।
परखम स्थित दीनदयाल गो विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में दस दिवसीय शिविर चल रहा है। इसमें पंच परिवर्तन पर दो दिवसीय खास बैठक का आयोजन हुआ। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बयान का मतलब एकता लाना जरूरी है। हिंदुओं की एकता लोक कल्याण के लिए जरूरी है। लोग हिंदुओं को तोड़ने का काम कर रहे हैं। तोड़ने वाली बातों को नाकारते हुए हिंदू एकता की अलख जगाना है। समाज को जातियों में बांटने से रोकना है। वहीं, बैठक के पहले दिन संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के नेतृत्व में तय हुआ था कि पंच परिवर्तन (नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी, पर्यावरण रक्षा एवं सामाजिक समरसता) पर संघ के कार्यकर्ता काम करेंगे।
क्या था योगी का बंटेगे तो कटेंगे बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में वीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम के दौरान ये बयान दिया था। उस दौरान बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए सीएम योगी ने कहा- राष्ट सर्वोपरि है, राष्ट्र से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब हम सब एक साथ रहेंगे। हम बटेंगे तो कटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि बांग्लादेश में देख रहे हो न क्या हो रहा है। ऐसी गलती यहां नहीं होनी चाहिए। एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। अब आरएसएस ने मुख्यमंत्री के इस बयान को समर्थन देते हुए हिंदुओ को एकजुट होने का संदेश दिया है।
ओटीटी से दूर रहें बच्चे
बैठक में ये भी तय हुआ कि स्वयंसेवक समाज के बीच जाकर छोटे-छोटे बच्चों के मन में पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर भी चर्चा करेंगे। इन दिनों किशोरों के बीच ओटीटी बहुत तेजी से उभरा है। इन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कंटेंट उपलब्ध हैं जो उन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। परिवारों के बीच स्वयंसेवक जाएंगे, उन्हें परिवार का महत्व बताएंगे। एक साथ बैठ कर भोजन करने और लगातार एक-दूसरे से संवाद बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।