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RTI: सपा सरकार रही महिला मामलों में बेपरवाह, कम बजट के बावजूद नहीं खर्च की पूरी राशि

aman
By aman
Published on: 9 April 2017 2:33 PM IST
RTI: सपा सरकार रही महिला मामलों में बेपरवाह, कम बजट के बावजूद नहीं खर्च की पूरी राशि
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार महिला संबंधी तमाम संवेदनशील मामलों में पूरी तरह बेपरवाह रही है। यह तथ्य आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा महिला कल्याण निदेशालय से प्राप्त सूचना से सामने आया है।

वर्तमान सरकार ने दहेज, विधवा पुनर्विवाह, देह व्यापार से उद्धार जैसे कई संवेदनशील विषयों पर सहायता हेतु योजनायें बनाई हैं। लेकिन समाजवादी सरकार के समय एक तो इन योजनाओं पर बहुत मामूली बजट का प्रावधान किया गया, ऊपर से उस बजट का भी उपयोग नहीं किया जा सका।

कम बजट के बावजूद नहीं हुआ पूरा खर्च

महिला कल्याण निदेशालय की ओर से दी गई सूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में दहेज पीड़ित महिलाओं की सहायता हेतु मात्र 9 लाख रुपए के बजट का प्रावधान किया गया। उसमें भी मात्र 5.56 लाख रुपए का उपयोग हुआ। इसी प्रकार दहेज पीड़ित महिलाओं की कानूनी सहायता के लिए मात्र 8 लाख का बजट था। जिसमें 2.95 लाख रुपए का ही उपयोग हुआ।

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अन्य मामलों में भी बुरा हाल

इसी तरह विधवा विवाह पर दंपति को पुरस्कार हेतु 45 लाख का बजट था, जिसमें 19.03 लाख रुपए का उपयोग हुआ। जबकि देह व्यापार से उद्धार में लगे संगठनों हेतु 136 लाख का बजट था जिसमें 79.59 लाख रुपए का ही उपयोग हुआ।

वित्तीय वर्ष 2014-15 में इतना खर्च

वित्तीय वर्ष 2014-15 में दहेज पीड़ित सहायता हेतु 9 लाख बजट में मात्र 5.14 लाख

दहेज़ पीड़ित की कानूनी सहायता हेतु 8 लाख बजट में 3.65 लाख

विधवा विवाह पुरस्कार हेतु 45 लाख बजट में16.17 लाख

देह व्यापार उद्धार हेतु 150 लाख बजट में 75.95 लाख रुपए का ही उपयोग हुआ।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में इतना खर्च

इसी तरह वित्तीय वर्ष 2016-17 में दहेज पीड़ित सहायता हेतु 9 लाख बजट में मात्र 1.84 लाख

दहेज पीड़ित की कानूनी सहायता हेतु 8 लाख बजट में 0.77 लाख

विधवा विवाह पुरस्कार हेतु 45 लाख बजट में 3.08 लाख

देह व्यापार उद्धार हेतु 75 लाख बजट में 17.36 लाख रुपए का उपयोग हुआ।

नूतन ठाकुर के अनुसार यह स्थिति वास्तव में दयनीय है कि प्रदेश में महिलाओं से जुड़े इतने संवेदनशील मामलों में इतना मामूली बजट दिया जा रहा है और उनका भी कोई खर्च नहीं हो रहा।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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