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UP Election: जानिए फतेहाबाद विधानसभा सीट का इतिहास, सपा के टिकट पर लड़ रही हैं यहां से बाहुबली की बेटी रुपाली दीक्षित चुनाव

विधानसभा चुनाव के लिए आगरा के फतेहाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने अपने पुराने प्रत्याशी को हटाकर बाहुबली अशोक दीक्षित की बेटी रूपाली दीक्षित को अपना प्रत्याशी बनाया है।

Bishwajeet Kumar
Published on: 23 Jan 2022 6:25 PM IST (Updated on: 23 Jan 2022 7:21 PM IST)
UP Election: जानिए फतेहाबाद विधानसभा सीट का इतिहास, सपा के टिकट पर लड़ रही हैं यहां से बाहुबली की बेटी रुपाली दीक्षित चुनाव
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UP Assembly Election

UP Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद से पूरे सूबे में सियासी सरगर्मी और बढ़ गई है। सभी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, तो वहीं सियासी पार्टियां अपना अपना राजनीतिक समीकरण सही करने में लगी हुई हैं। इन्हीं सबके बीच आगरा में भी सियासी खींचतान देखने को मिल रहा है। जहां चुनाव प्रत्याशी घोषित करने के बाद समाजवादी पार्टी ने अब अपना प्रत्याशी बदल दिया है।

आगरा के फतेहाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कुछ दिन पहले राजेश शर्मा (Rajesh Sharma) को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन अब समाजवादी पार्टी ने अपना उम्मीदवार बदल कर आगरा के बड़े गैंगस्टर और बाहुबली माने जाने वाले अशोक दिक्षित (Ashok Dixit) की बेटी रूपाली दीक्षित (Rupali Dixit) को अपना उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवार बदलने के बाद से ही आगरा में सियासी हलचल बहुत तेज हो गई।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी बनने के बाद रूपाली दीक्षित ने कहा की मेरे पिता ने इस क्षेत्र में जो काम नहीं किया वह काम मैं करूंगी दीक्षित का कहना है कि उनके पिता गरीबों का शोषण करने वालों के लिए बाहुबली हैं। गौरतलब है कि आगरा के फतेहाबाद विधानसभा सीट (Fatehabad assembly seat) से बाहुबली अशोक दीक्षित खुद दो बार चुनावी मैदान में उतर चुके हैं लेकिन दोनों ही बार अशोक दीक्षित को करारी हार का सामना करना पड़ा था। रूपाली दीक्षित का कहना है कि उनके पिता बहुत संघर्षशील थे वह हमेशा से समाज के उपकार के दिशा में काम करते आए हैं। मैं उनके इस संघर्ष को और आगे ले जाऊंगी जो कुछ भी मेरे पिता करने में असफल रह गए मैं उन सभी चीजों को पूरा करूंगी। रूपाली ने कहा मेरे पिता हमेशा से गरीबों के हित में काम किया है। वह कभी भी गरीबों के खिलाफ काम नहीं करते उनके बाहुबली होने का छवि उन लोगों ने बनाया है जो खुद गरीबों का शोषण करते हैं।

गौरतलब है कि आगरा के बाहुबली अशोक दीक्षित के ऊपर कई तरह की आपराधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल अशोक दीक्षित एक हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं अशोक दीक्षित के खिलाफ आगरा के अलग-अलग थानों में लगभग कुल 5 दर्जन के करीब मुकदमा दर्ज हैं।

कौन हैं रुपाली दीक्षित

आगरा के बड़े बाहुबली माने जाने वाले अशोक दीक्षित की बेटी रूपाली दीक्षित मूलता आगरा के फतेहाबाद की रहने वाली हैं। रूपाली दीक्षित ने अपनी उच्च पढ़ाई विदेश में ही किया है। रूपाली ने इंग्लैंड के कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी से एमबीए का उपाधि हासिल किया है जिसके बाद रूपाली ने कुछ वर्षों तक प्राइवेट सेक्टर में काम भी किया है लेकिन 2017 में रूपाली ने राजनीति में कदम रखा 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। उस वक्त भी विधानसभा चुनाव में रूपाली दीक्षित भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ना चाहती थी मगर सियासी हंगामे के कारण 2017 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना टिकट नहीं दिया। अब 2022 विधानसभा चुनाव में रूपाली ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया और इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है।

फतेहाबाद सीट का राजनीतिक इतिहास

आगरा का फतेहाबाद विधानसभा सीट आगरा जिले के लिए राजनीति का हमेशा से एक बहुत बड़ा केंद्र रहा है। फतेहाबाद विधानसभा सीट के इतिहास को देखें तो यहां के मतदाता हमेशा किसी एक पार्टी से साथ बंद कर नहीं दिखते हैं। समय दर समय चुनाव दर चुनाव यहां के मतदाताओं ने यहां की राजनीतिक समीकरण को हमेशा से कठिन बनाया है। फतेहाबाद विधानसभा सीट से अब तक सबसे ज्यादा जीत राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी नहीं दर्ज की है। 1952 के विधानसभा चुनाव में फतेहाबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी ईश्वर उल हक को जीत मिली थी वही इसके बाद 1957, 1974, 1980, 1985 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज किया है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी को चार बार जीत हासिल हुई वहीं जनता दल को तीन बार तो सोशलिस्ट पार्टी नेवी फतेहाबाद विधानसभा सीट से 2 बार जीत दर्ज किया है।

अगर फतेहाबाद विधानसभा सीट के 2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ी जीत हासिल की थी। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जितेंद्र वर्मा ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र सिंह को कुल 34 हजार से अधिक वोटों से हराया था।



Bishwajeet Kumar

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