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यूक्रेन में फंसे यूपी के रहने वाले कई भारतीय छात्र और परिजन सरकार से लगा रहे वतन वापसी की गुहार

रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे उत्तर प्रदेश के कई जिलों के छात्रों ने सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है। वहीं इन छात्रों के परिजनों ने भी जल्द से जल्द अपने बच्चों के वतन वापसी की मांग सरकार से की है।

Bishwajeet Kumar
Published on: 26 Feb 2022 5:39 PM GMT
Indian students stranded in Ukraine
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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने लगाई सरकार से मदद की गुहार

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से चल रहा तनाव अब एक युद्ध के रूप में परिवर्तित हो चुका है। दोनों देशों की ओर से लगातार युद्ध के हथियार चलाए जा रहे हैं। ऐसे माहौल में यूक्रेन में रहने वाले छात्रों समेत करीब 20 हज़ार लोगों पर जीवन का संकट आ गया है। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से यूक्रेन में रहने वाले भारतीय छात्र या नागरिक लगातार यहां के सरकार से स्वदेश वापसी करवाने का अपील कर रहे हैं। साथ ही इन छात्रों के परिजन लगाता सरकार से बच्चों को सही सलामत वतन बुलाने की मांग कर रहे हैं। आइए देखते हैं यूपी के कुछ जिलों के बच्चों और परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है जिनके बच्चे या वह खुद यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

बुलंदशहर-

बुलंदशहर जनपद के 20 मेडिकल छात्र रूस-युक्रेन युद्ध मे फसे, यूक्रेन की विनितस्या नेशनल मेडिकल यूनिवर्सटी में फंसे बुलंदशहर के छात्र मुकुल गोयल ने वीडियो भेजा। वीडियो में मुकुल ने कहा- हम ज्यादा परेशानी में घिरे हैं, यहां के हालात बहुत ज्यादा खराब हो चुके हैं, हमारे पास 2 दिन का ही राशन-पानी बचा है, सरकार बॉर्डर पर जाने को बोल रही है, लेकिन बॉर्डर तक जाने के लिए संसाधन नहीं है, बॉर्डर पर जाना हमारे लिये बहुत मुश्किल है। यदि जल्द हम नही निकल पाए तो यहां कीव जैसे हालात हो जाएंगे। भारत मे परिजन भी परेशान है, सरकार से वतन वापसी कराने की लगाई गुहार।


रायबरेली-

रूस और यूक्रेन के बीच में युद्ध लगातार गहराता जा रहा है। यूक्रेन में काफी बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ते हैं। यूक्रेन में फंसे तमाम भारतीय छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगा रहे हैं। यूपी के तमाम छात्र छात्राएं भी युक्रेन में फंसे हुए हैं। रायबरेली के सलोन तहसील का एक छात्र असद कुरेशी भी यूक्रेन में फंसा हुआ है। अपने बेटे की सलामती को लेकर उनके माता-पिता काफी चिंतित हैं। उन्होंने सरकार से गुजारिश की है कि उनके बेटे को सुरक्षित भारत लाया जाए।

बता दें असद कुरेशी यूक्रेन में रहकर एमबीबीएस कोर्स कर रहा है। असद कुरेशी के पिता कुरेशी बताते हैं कि उनका बेटा एमबीबीएस के चौथे साल में है। जब जंग छिड़ी तो उसका फोन आया और उसने बताया कि हम लोग यहां बंकर में छिपे हैं। खाने-पीने की बहुत समस्या है और मेरे जैसे तमाम छात्र-छात्राएं यहां पर फंसे हुए हैं। हम लोग काफी परेशानी में है। एहसान कुरैशी ने सरकार से गुहार लगाई है कि मेरे बेटे जैसे तमाम छात्र छात्राएं जो भी वहां फंसे हैं उन्हें सरकार सुरक्षित भारत ले आए। अहसान कुरैशी के घर में दहशत का माहौल है। वह हर 2 मिनट में टीवी पर यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग की खबर देखते रहते हैं।

असद कुरैशी की मां सरवरी बानो अपने बेटे को याद करके रोने लगती है। जब भी टीवी पर रूस और यूक्रेन की लड़ाई की खबर देखती है। इनकी आंखें डबडबा जाती हैं। फोन पर जब बेटे से बात होती है तो आंसू थमने का नाम नहीं लेते हैं। सरवरी बानो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि मेरा बेटा और साथ में अन्य जो भी छात्र वहां पर फंसे हुए हैं उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित भारत लाने का इंतजाम सरकार करें।

इधर रायबरेली प्रशासन ने भी तेजी दिखाते हुए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है और जिले के तमाम नागरिकों से अपील की है कि जो भी जिले का नागरिक यूक्रेन में फंसा है, वह प्रशासन द्वारा जारी किए गए नंबर पर फोन करके मदद की गुहार लगा सकता है।



हमीरपुर-

हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर कस्बे के एक मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश कुमार की पुत्री प्रतीक्षा यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसी हुई है। जो एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा है और पिछले डेढ़ वर्ष से कीव में रहकर पढ़ाई कर रही है। परिजनों के अनुसार वह सुरक्षित हैं। रूस के हमला करने के बाद यूक्रेन में इंटरनेट की समस्या खड़ी हो गई है। इससे वीडियो कॉलिंग एवं सोशल मीडिया के माध्यम से हाल-चाल नहीं मिल पा रहा है। दिन में तीन से चार बार लैंडलाइन फोन से बातचीत हो रही है। बेटी ने और परिवार ने भारत सरकार से वापस बुलाने की गुहार लगाई है।

पिता ने बताया कि उसके दो संताने हैं। बेटी बड़ी है और डॉक्टर बनने के लिए यूक्रेन गई हुई है। जबकि बेटा प्रभात नोएडा में रहकर बीटेक कर रहा है। बिटिया की यूक्रेन में फंस जाने से पिता मुकेश कुमार, मां मधु,दादा चंद्रकिशोर व भाई प्रभात की चिंता बढ़ गई है। सभी उसके सकुशल स्वदेश आने की कामना करने में रात दिन जुटे हुए हैं।

फ़िरोज़ाबाद-

रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद वहां फंसे भारतीय लोगों के परिजनों की चिंता बढ़ गई हैं। उनकी चिंताओं को कम करने तथा परिवारीजनों का हालचाल जानने के लिए शनिवार को फिरोजाबाद के जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने उनके घर पहुंच कर परिजनों से मिले। नगर के कटरा मीरा निवासी डॉ. जेवी राना के बड़े पुत्र दीपांशू प्रताप सिंह राना विगत 10 साल से यूक्रेन में रह रहे हैं। उन्होंने यूक्रेन में डॉक्टरी की डिग्री हासिल की और उसके बाद वहीं अपना परिवार बसा कर रहने लगे। जब यूक्रेन पर रूस ने आक्रमण किया तो उनके परिवार की चिंता बढ़ गई।

हालांकि परिवार के अन्य सदस्यों से उनकी रोज फोन पर बात होती रहती है। वह पूरी तरह सुरक्षित हैं। शनिवार को जिलाधिकारी दीपांशू के घर पहुंचे और उनके माता-पिता और परिवार के लोगों से उनके बारे में जानकारी की। परिजनों ने उन्हें बताया कि उनके बेटे से शनिवार सुबह बात हुई थी। वह पूरी तरह से सुरक्षित स्थान पर है। दीपांशू के भाई शानू ने बताया कि सुबह बात होने पर भैया ने बताया कि वह ओडेसा के ओवलेक्स में रह रहे थे।

लेकिन रूस के हमले की जानकारी होने के बाद वह पत्नी लताशा और पुत्र रिहान के साथ ओवलेक्स छोड़ कर वहां से दूर सुरक्षित एक गांव में पहुंच गए हैं। दीपांशू चार भाइयों में सबसे बड़ा है। जबकि छोटे भाई हिमांशू, शानू और शम्मी हैं। दीपांशू की चाची सुशीला और चाचा बीएस राना ने बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन युद्ध चल रहा है तो स्वभाविक है कि परिवार के लोगों को परेशानी तो होती ही है। जिलाधिकारी ने पूरे परिवार के लोगों को हिम्मत बंधाई और कहा कि सरकार शीघ्र ही उन्हें यूक्रेन से निकाल कर लाएगी।

बहराइच-

बहराइच के जरवल इलाके के रहने वाले दो छात्रों ने परिजन से बात कर यूक्रेन के खराब हालात की जानकारी देते हुए बताया की हम लोगों को फ्लैट के नीचे बने बंकरों में रहना पड़ रहा है। परिवार के लोगों ने सरकार से वापसी की गुहार लगाई है। बहराइच जिले के जरवल इलाके के रहने वाले युवा मेडिकल की पढ़ाई यूक्रेन में कर रहे हैं। जरवल नगर निवासी डॉक्टर बाबू राम यादव का का पौत्र अभय यादव यूक्रेन के जीफोरजिया स्टेट में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया हुआ है। जहां पर रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच फंस गया है। परिजन ने बताया कि छात्र से बात करने पर पता चला है कि सायरन बजते ही फ्लैट के नीचे बने बंकरो में रूकना पड़ रहा है। तथा इमरजेंसी में खाने पीने की व्यवस्था किसी तरह से करनी पड़ रही है।

इसी तरह जरवल के ग्राम सपसा दिकौलिया निवासी मनोज कुमार सिंह का पुत्र शिवेंद्र प्रताप सिंह मेडिकल एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। जो यूक्रेन की राजधानी कीव में रहता है। जहां इस पर समय भयंकर बमबारी चल रहा है। दो दिन पूर्व युद्ध के डर से एक दर्जन से अधिक छात्रों के साथ भागकर पोलैंड बॉर्डर पर आ गया है। जहां पर रहने खाने की कोई उचित व्यवस्था नहीं मिल पा रही है, काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिवेंद्र के पिता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पुत्र अन्य छात्रों के साथ पोलैंड की सीमा में पहुंच गया है। लेकिन वहां पर खाना के साथ पानी की कोई सुविधा नहीं है। उनके पिता मनोज कुमार सिंह का परिवार इस बात को लेकर परेशान नजर आ रहा है। तथा सरकार से बच्चों की वतन वापसी की गुहार लगाई है।

मुरादाबाद-

यूक्रेन में शिक्षा ग्रहण करने गए बहुत से भारतीय छात्र युद्ध की परिस्थितियों में वहां फंसे हैं। केंद्र सरकार की तमाम कोशिशें अभी तक कामयाब नहीं हो सकी हैं। इस बीच हिंदू स्वयंसेवक संघ ने यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चों के लिए एक नंबर भी जारी किया है जिसपर अभिभावक अपने बच्चों की जानकारी देकर उनकी मदद करा सकते हैं।

पीतल नगरी मुरादाबाद के कई बच्चे यूक्रेन में फंसे हैं, मुरादाबाद के हिमगिरी की नाज दबीर पुत्री दबीर हुसैन, मंगुपुरा में रहने वाले शाकिर अंसारी का पुत्र अरहम, अवंतिक कालोनी में रहने वाले प्रदीप सक्सेना का पुत्र निमिष सक्सेना, चक्कर की मिलक में रहने वाले अतीक अहमद का पुत्र अमान आदि के यूक्रेन में फंसे होने की खबर मिली है।

यह सभी लोग पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हुए हैं। इनके परिजन परेशान हैं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित भी। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को देश के लोगों को यूक्रेन से लेकर आने की पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। हालांकि इस बीच सरकार ने बच्चों में फंसे बच्चों से हवाई किराया नहीं लेने का ऐलान किया है।

अगर आपका बच्चा अथवा कोई परिचित यूक्रेन में फंसा और उसे किसी भी तरह की मदद की दरकार है तो यह नंबर मिलाइये। पीतल नगरी के प्रसिद्ध निर्यातक व समााजसेवी रवीश खन्ना ने बताया कि यूक्रेन का नंबर 380731008108 पर आप काल करके अपनी समस्या बता सकते हैं तथा यूक्रेन में फंसे अपने बच्चे को यह नंबर दे दीजिये, तााकि वह बात करके जरूरी सहायता हासिल कर सकता है।

उन्होंने बताया कि इस नंबर पर जानकारी देने से आपके बच्चे के नजदीक रहने वाले सदस्य को अवगत कराया जाएगा और तत्काल सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह नंबर यूक्रेन के हिंदू स्वयंसेवक संघ का है तथा यहां सूर्यमणी से बात होगी।

Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

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