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Russia-Ukraine War: प्रयागराज के सत्येंद्र की खौफनाक दास्तां, न्यूजट्रैक से बताए छात्रों के मौजूदा हालात

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में एमबीबीएस पढ़ाई कर रहे सत्येंद्र ने न्यूज़ ट्रैक से मौजूदा हालात साझा करते हुए बताया कि 2 दिन तक फोन ऑफ होने के बाद छात्रों का एक जत्था रोमानिया पहुंच गया है। वहीं, उनके परिवार वालों ने सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द सभी छात्रों की वतन वापसी कराई जाए।

Syed Raza
Report Syed Raza / Brajesh RathorePublished By Shreya
Published on: 2 March 2022 10:29 AM IST (Updated on: 2 March 2022 10:31 AM IST)
Russia-Ukraine War: प्रयागराज के सत्येंद्र की खौफनाक दास्तां, न्यूजट्रैक से बताए छात्रों के मौजूदा हालात
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सत्येंद्र (फोटो- न्यूजट्रैक)  

Russia-Ukraine War: यूक्रेन में रूस की हमले के बाद पूरे यूक्रेन में भारी तबाही की भयावह तस्वीर देखने को मिल रही है। कल गोलीबारी के दौरान कर्नाटक के एक छात्र की मौत हो गई जिसके बाद पूरे देश में गम का माहौल है। हालांकि यूक्रेन से कई छात्र भारत पहुंच चुके हैं लेकिन अभी भी हजारों छात्र यूक्रेन नहीं तो रोमानिया में फसे हुए हैं। अभी भी प्रयागराज के भी कई छात्र भारत नहीं लौटे है। इसी कड़ी में प्रयागराज के गंगापार इलाके के कोटवा गांव के रहने वाले सतेंद्र यादव का भी परिवार बेसब्री से इंतजार कर रहा है की कब सतेंद्र अपने गांव लौटे।

जब हमारी टीम उनके परिजनों से मिलने पहुंचे तो उन्होंने बताया कि 1 मार्च से उनके बेटे से बात हो पा रही है जबकि बीते 2 दिनों तक कोई कांटेक्ट नहीं हुआ था। फोन बंद बता रहा था और उधर से भी कोई सूचना नहीं मिल पा रही थी। आज जब उनके बेटे का फोन आया तो उसने अपनी और फंसे लोगों की दर्द भरी कहानी सुनाई। जिसमें उसने बताया कि 2 दिनों तक केवल बिस्कुट के सहारे उसने दिन बिताए हैं और अब वो यूक्रेन से रोमानिया पहुंच चुका है। रोमानिया के एक शेल्टर होम में 50 से अधिक भारतीयों को रुकवाया गया है। जिसमें प्रयागराज के भी कई छात्र मौजूद हैं। जब हमारी टीम पहुंची तो उनके पिता ने और उनके चाचा ने वीडियो कॉल करके वहां का हाल जाना।

रोमानिया के एनजीओ ने की छात्रों की मदद

हमारे संवाददाता ने भी सतेंद्र से बात की और हौसला बनाए रखने की बात कही। सतेंद्र ने भी एक वीडियो भेज कर के वहां की तस्वीर को साझा किया, जिसमें उसने बताया कि रोमानिया के एक एनजीओ ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए उन सभी छात्र छात्राओं को इस शेल्टर रूम में रुकवाया है और उनको भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है। हालांकि उनका कहना है कि जब तक इंडियन एम्बेसी से कोई कॉल नहीं आएगी या कोई सूचना नहीं आएगी तब तक इन सभी छात्रों को यही पर रुकना है। बताया जा रहा है कि अभी इंडियन एम्बेसी ने इन छात्रों से कोई कांटेक्ट नहीं किया है।

उधर सतेंद्र के पिता वीरेंद्र यादव और उनके चाचा राजेन्द्र यादव से खास बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि घर में सभी का रो रो कर बुरा हाल है। जब 2 दिन तक फोन ऑफ बताया और कोई भी बात नहीं हो पाई थी तब पूरा परिवार सहम और घबरा गया था ।लेकिन जब आज सुबह फोन आया और वीडियो कॉल करके उन्होंने अपने बेटे को देखा तब उनको भी जान में जान आई। सत्येंद्र 3 सालों से यूक्रेन में रह रहा है जहां वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। यूक्रेन समेत आसपस के देशों के क्या है हालात और उनके बेटे का कैसा सफर रहा है इसकी जानकारी के लिए न्यूज़ ट्रैक से सतेंद्र के पिता वीरेंद्र यादव और चाचा राजेन्द्र यादव ने साझा की जानकारी।

परिवार के साथ छात्रा कीर्ति (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

धरमई निवासी छात्रा यूक्रेन से सकुशल वापस लौटी

वहीं, दूसरी ओर रूस एवं यूक्रेन की युद्ध की विभीषिका के बीच फंसी छात्रा कीर्ति के वापस आने पर परिवार में खुशियां छा गई तथा छात्रा ने भारत सरकार के इस कार्य की बहुत ही प्रशंसा की। जनपद फिरोजाबाद के नगर सिरसागंज क्षेत्र के निकट ग्राम धरमई निवासी कीर्ति जादौन पुत्री विनोद कुमार के यूक्रेन से वापस आने पर परिवार वालों ने बहुत ही खुशी का इजहार किया। जैसे ही उनके पिता विनोद कुमार को अपनी बेटी के दिल्ली एयरपोर्ट पर आने की सूचना मिली, वैसे ही वह अपनी बेटी को लेने के लिए दिल्ली पहुंच गए और वहां से लेकर अपने घर सकुशल आ गए।

बेटी एवं बेटी के परिवार के लोग बहुत ही प्रसन्न है तथा यूक्रेन में युद्ध विभीषिका के बीच फंसे छात्रों के बारे में कीर्ति ने बताते हुए कहा कि अभी भी भारतीय छात्र कीवी में फंसे हुए हैं तथा बंकरों में रह रहे हैं। मैं हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट तक आयी और वहां से फ्लाइट के द्वारा दिल्ली तक पहुंची। वही छात्रा कीर्ति ने भारत सरकार के इस प्रयास की बहुत प्रशंसा की तथा कहा कि शेष छात्र वहां पर संयम रखें, भारत सरकार सभी को सुरक्षित निकालने का पूरा प्रयास कर रही है। वही अपने आप को सौभाग्यशाली बताते हुए कहा कि आज शिवरात्रि के महापर्व पर अपने पूरे परिवार के साथ यहां बैठी हुई हूं। छात्रा तथा उसके परिजनों ने पीएम मोदी व भारत सरकार के इस कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

अधिकतर छात्रों ने छोड़ा यूक्रेन

गौरतलब है कि यूक्रेन के हालात हर दिन दयनीय होते जा रहे हैं। रूस का हमला लगातार जारी है गोलीबारी के दौरान कल भारतीय मूल के एक छात्र की भी मौत हो गई है। हालांकि बातचीत का दौर जारी है लेकिन युद्ध कब खत्म होगा इसकी भी अभी कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल भारत ने सभी छात्रों को सुरक्षित लाने के लिए अपनी गतिविधि तेज कर दी है। अधिकतर छात्रों ने यूक्रेन छोड़ दिया है और वो रोमानिया और आसपास के देश में पहुंच चुके हैं। सरकार ने अपील की है कि जो भी छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं वह जल्द से जल्द वहां से बाहर निकले।

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Shreya

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