TRENDING TAGS :
Russia Ukraine War : यूक्रेन से वापस आई मेरठ की मुस्कान, बेटी को सही सलामत देख माता-पिता की छलक आई आंखें
Russia Ukraine war रूस यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसी मेरठ की मुस्कान सकुशल घर पहुंच गई हैं। मुस्कान ने कहा है कि, उन्हें सरकार पर पूरा भरोसा है कि वह बाकी के फंसे छात्रों को भी वहां से निकाल लेगी।
मेरठ। यूक्रेन (Ukraine) में एमबीबीएस करने गए मेरठ जिले के छात्र-छात्राओं के सकुशल वतन वापसी का सिलसिला तेजी से चल रहा है। इस क्रम में आज यूक्रेन में फंसी केसर गंज, मेरठ निवासी 18 वर्षीय छात्रा मुस्कान पुत्री अयाजउद्दीन मेरठ लौटी तो बेटी को सामने देखकर माता-पिता की आंखें छलक आईं और काफी देर मुस्कान अपने माता-पिता के गले लगकर भावुक हो गई।
अपने देश पहुंचते ही हुई छूमंतर : मुस्कान
मुस्कान ने मीडिया से बातचीत कहा कि बम धमाकों के बीच बंकरों से निकल कर घर पहुंचते ही माइनस-6 डिग्री तापमान में भूखे प्यासे पैदल चलने की थकान अपने देश में पहुंचते ही छूमंतर हो गई। बकौल मुस्कान, सकुशल घर लौटने पर सबसे पहले मैं मोदी जी और भारतीय दूतावास का आभार व्यक्त करती हूं जिनके प्रयासों से मैं आज अपने घर पर हूं। मुझे पूरा भरोसा मोदी जी पर है कि उनके प्रयासों से बहुत जल्दी वहां फंसे बाकी मेरे साथी छात्र-छात्राएं भी मेरी तरह सकुशल घर लौटेंगे।
मेरठ के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने मुस्कान के आवास पर पहुंच कर मुस्कान को बुके भेंट कर सकुशल भारत लौटने पर बधाई दी। सांसद ने मुस्कान एवं उनके परिजनों से मिलकर उनका कुशल-क्षेम जाना। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहित गोयल, महानगर उपाध्यक्ष रविश अग्रवाल, विवेक रस्तोगी, अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष डॉ आबिद, महिला मोर्चा महामंत्री श्रीमती डॉली गुप्ता सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय हिंदू मुस्लिम एकता मंच के पदाधिकारियों ने भी अध्यक्ष मोहम्मद रिहान खान के नेतृत्व में यूक्रेन से वापस आई मुस्कान के आवास पर जाकर मुस्कान को बुके भेंट कर सकुशल भारत लौटने पर बधाई दी। रिहान खान ने कहा कि हम भारत सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं कि उनके प्रयासों से यूक्रेन में फंसे भारतीय बच्चे सही सलामत वापस आ रहे हैं. इसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारत सरकार को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं। मुस्कान के बाद सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने जनकपुरी, मेरठ निवासी छात्रा अनुष्का एवं उनके परिजनों से मिलकर उनका कुशल-क्षेम जाना।
यूक्रेन की राजधानी कीव की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रही इंद्रप्रस्थ एस्टेट निवासी श्रुति मलिक भी घर पहुंची हैं। श्रुति ने बताया कि 25 फरवरी को कीव में कर्फ्यू लगा दिया था। 28 फरवरी को कर्फ्यू को हटाकर वहां से सभी को पश्चिमी बॉर्डर की तरफ सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा था। वह उसी दिन वहां से निकल गई थी लेकिन, ट्रेनों में भारी भीड़ होने से बैठ नहीं सकी थी। काफी मशक्त के बाद एक ट्रेन में चढ़ी और 17 घंटे की यात्रा के बाद हंगरी बॉर्डर पहुंची। यहां पर भारतीय दूतावास के लोगों ने उन्हें सहायता उपलब्ध कराई ट्रेन से हंगरी की राजधानी बुड़ापेस्ट पहुंचाया। श्रुति के पिता राजेश मलिक ने कहा कि बेटी के सकुशल घर पहुंचने पर बहुत बड़ी राहत मिली है।
बहरहाल,ये चंद वो छात्र-छात्राएं हैं जो कि ना जाने कैसे-कैसे झंझावतों से जूझते सकुशल घर लौटे हैं। अभी कई छात्र-छात्राएं रास्ते में है, उम्मीद यही है कि कुछ दिनों में वें भी सही-सलामत अपने घर लौट आएंगे।