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UP Government Employees: सावधान सचिवालय कर्मियों, 84 हजार लोगों के वेतन पर लटकी तलवार, जल्दी कर लें ये काम

UP Government Employees Salary Alert: पिछले महीने जब 2.44 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की तो उनके लिए समय सीमा बढ़ा कर 30 सितम्बर कर दी गई...

Ramkrishna Vajpei
Published on: 22 Sept 2024 9:38 PM IST (Updated on: 23 Sept 2024 6:24 AM IST)
Sachivalaya Employees Salary Alert
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Sachivalaya Employees Salary Alert 

UP Government Employees Salary: उत्तर प्रदेश में संपत्ति का विवरण देने में नाकाम रहे दो लाख 43 हजार कर्मचारियों में से अभी तक 84 हजार राज्य कर्मचारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। जिससे उनके वेतन के रुकने के आसार हो गए हैं। आपको बता दें कि मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति की घोषणा की अंतिम तिथि 30 सितंबर है। अब तक संपत्ति का ब्योरा नहीं देने से उनके साथ-साथ संबंधित डीडीओ का वेतन भी रुक जाएगा। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने नया शासनादेश जारी कर दिया है।

आपको बता दें कि पहले ये घोषणा करने की समय सीमा 31 अगस्त थी। लेकिन पिछले महीने जब 2.44 लाख से अधिक राज्य कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की तो उनके लिए समय सीमा बढ़ा कर 30 सितम्बर कर दी गई, इसी के साथ अपनी संपत्ति की घोषणा जमा नहीं करने वाले कर्मचारियों को वेतन रोके जाने से एक महीने की राहत मिल गई। जो 31 अगस्त तक संपत्ति घोषणा की आवश्यकता का पालन करने में विफल रहे थे।

सरकार ने समय सीमा बढ़ाने क निर्णय विभिन्न कर्मचारियों के अधिक समय के अनुरोध के बाद और विभिन्न विभागों को विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया था। आपको बता दें कि अगस्त में निर्धारित समय सीमा तक, राज्य के 8 लाख 46 हजार 640 सरकारी कर्मचारियों में से केवल 71% ने इस निर्देश का अनुपालन किया था, यानी 6 लाख दो हजार 75 कर्मचारियों ने सफलतापूर्वक अपनी संपत्ति का विवरण जमा किया था। शेष कर्मचारी, जो समय सीमा पूरी नहीं कर पाए, उन्हें अपनी घोषणाएँ पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया था। लेकिन इस महीने के अंत तक 84 हजार राज्य कर्मचारियों ने अब तक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है, जिससे इनके वेतन रुकने की संभावना बढ़ गई है।

पिछले महीने तक बुनियादी शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व जैसे अन्य प्रमुख विभागों ने निर्देश का पूरी तरह से पालन नहीं किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि संपत्ति का विवरण जमा करना एक अनिवार्य आवश्यकता है, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता सुनिश्चित करना और राज्य प्रशासन के भीतर भ्रष्टाचार को रोकना है।



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