×

जूना अखाड़े की साध्वी कोयल गिरी का आर्य समाज पद्धति सेे हुआ अंतिम संस्कार

यूपी के शाहजहांपुर में जूना अखाड़े की साध्वी हत्या के मामले में आज दिन भर पुलिस और प्रशासन की सांसे थमी रही। जूना अखाड़े की साध्वी थी तो अंतिम संस्कार सनातन पद्धति से होना चहिए।

Anoop Ojha
Published on: 5 Dec 2018 9:20 PM IST
जूना अखाड़े की साध्वी कोयल गिरी का आर्य समाज पद्धति सेे हुआ अंतिम संस्कार
X

शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में जूना अखाड़े की साध्वी हत्या के मामले में आज दिन भर पुलिस और प्रशासन की सांसे थमी रही। जूना अखाड़े की साध्वी थी तो अंतिम संस्कार सनातन पद्धति से होना चहिए। लेकिन उनका अंतिम संस्कार आर्य समाज पद्धति से हुआ।रूद्रपुर संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य के द्वारा उनका अंतिम संस्कार आर्य समाज पद्धति के अनुसार किया गया।

इतना ही नहीं साध्वी के परिजनों ने हाईवे पर शव रखकर जाम लगाया लेकिन जूना अखाड़े ने उनकी सुध नहीं ली। खास बात ये है कि जूना अखाड़े से एक भी साधू संत उनके अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। जबकि परिजन जूना अखाड़े के बङ़े संतों की राह तकते रहे। फिलहाल मांगों को लिखित में लेकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस ने तत्काल जमीन के मालिक के खिलाफ धोखाधड़ी करने और उस एफआईआर में पांचों आरोपियों के खिलाफ नाम लिखकर मुकदमा दर्ज कर 48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।

यह भी पढ़ें ......साध्वी निरंजन ज्योति ने गिनाए मोदी सरकार के काम….क्या जनता देगी इनाम

दरअसल तिलहर थाना क्षेत्र के बहादुरगंज मोहल्ले की रहने वाली साध्वी कोयल गिरी की 12 दिन बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। साध्वी ने जमीन विवाद के चलते इलाके के रहने वाले पांच लोगों पर छेड़छाङ करके मिट्टी तेल डालकर आग लगाने का आरोप लगाया था।

यह भी पढ़ें ......साध्वी कोयल गिरी का शव हाईवे पर रख परिजनों ने लगाया जाम ये है उनकी मांग

साध्वी का नाम सीमा वर्मा था। उन्होंने करीब दो साल तक जूना अखाड़े से दीक्षा प्राप्त की। उसके बाद उनका नाम कोयल गिरी हो गया। उनकों लखनऊ के मन कामेश्वर मठ का पुजारी बना दिया गया। लेकिन लखनऊ से वापस लौटते वक्त 12 दिन पहले दबगों ने मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा दी थी। 12 दिन तक बरेली के ​निजि अस्पताल में साध्वी ने दम तोड़ दिया। आज जब उनका अंतिम संस्कार होना था तब परिजनों को उम्मीद थी कि जूना अखाड़े से बङे साधू संत आएंगे और साध्वी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। साथ ही परिवार को ये भी उम्मीद थी कि 12 दिन से साध्वी के हत्यारे खुलेआम घूम रहे है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर जूना अखाड़े के साधू संत प्रशासन पर दबाव बनाएंगे। लेकिन आखिर वक्त तक जब जूना अखाड़े का कोई भी साधू संत नहीं पहुंचा तब परिजनों ने साध्वी के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाना शुरू किया। लेकिन रास्ते में तीन जगाहों पर शव को हाईवे पर रखकर जाम लगाया गया।

यह भी पढ़ें ......साध्वी प्राची का बड़ा बयान- कहा,सरकार अध्यादेश लाकर बनाये राम मंदिर,तब नकली ब्राह्मणों का पता चलेगा

इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया

जूना अखाड़े की साध्वी की मौत के बाद भारी बवाल को देखते हुए पुलिस प्रशासन और खुफिया विभाग काफी अलर्ट रहा। जब तक साध्वी का अंतिम संस्कार नही हुआ तक पुलिस प्रशासन के हाथपांव फूले रहे। भारी बवाल के चलते ही पुलिस ने इलाके को छावनी मे तब्दील कर दिया। साध्वी के अंतिम शव यात्रा मे दस थानों की पुलिस के साथ एक प्लाटून पीएसी लगाई गई थी। और साथ ही एक सीओ और एसडीएम अंतिम संस्कार होने तक मौके पर डटे रहे। पुलिस प्रशासन को आशंका थी कि अंतिम संस्कार के वक्त बङा बवाल हो सकता है। उसका कारण ये है कि 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने पांच आरोपियों में से एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।

सीओ तिलहर मंगल सिंह रावत का कहना है कि दूसरी एफआईआर में दो नाम बढ़ाए गए हैं।



Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story