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Saharanpur के काबिल प्रधानाध्यापक: बेच डाला सरकारी विद्यालय का फर्नीचर, ऐसे पकड़े गए साहब

Saharanpur News: जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार का कहना है कि फर्नीचर जर्जर है। प्रधानाध्यापक द्वारा फर्नीचर को मरम्मत के लिए भेजा जा रहा था।

Neena Jain
Report Neena JainPublished By Shashi kant gautam
Published on: 26 March 2022 8:52 PM IST
Saharanpur के काबिल प्रधानाध्यापक: बेच डाला सरकारी विद्यालय का फर्नीचर, ऐसे पकड़े गए साहब
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Saharanpur News: उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर (District Saharanpur) साढ़ौली कदीम विकास खंड, साढ़ौली कदीम क्षेत्र के एक सरकारी विद्यालय में बिना विभागीय स्वीकृति लिए लाखों रुपये के फर्नीचर को कबाड़ बताते हुए बेचने का प्रयास कर रहे प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने मौके पर पकड़ लिया।

उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर साढ़ौली कदीम क्षेत्र के गांव बहरामपुर (Village Baharampur) में एक सरकारी विद्यालय में बिना विभागीय स्वीकृति लिए लाखों रुपए के फर्नीचर को कबाड़ बताते हुए बेचने का प्रयास कर रहे प्रधानाध्यापक को ग्रामीणों ने मौके पर पकड़ा।

प्रधानाध्यापक ने सरकारी विद्यालय का फर्नीचर प्राइवेट स्कूल को बेचा

गांव के क्षेत्र वासियों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने एक प्राइवेट स्कूल को 20 हजार में फर्नीचर बेचा था। क्षेत्र के गांव बहरामपुर में संचालित शहीद बिंदरपाल सिंह उच्च प्राथमिक विद्यालय में लाखों रुपये के फर्नीचर को विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने एक प्राइवेट विद्यालय को कौड़ियों के भाव में बेचते हुए ट्रैक्टर-ट्राली में भरवा दिया।

फोटो: प्रधानाध्यापक

फर्नीचर बेचने की सूचना मिलने पर क्षेत्रवासियों ने ट्रैक्टर ट्राली का घेराव कर जमकर किया हंगामा। ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद प्रधानाध्यापक से फर्नीचर बेचने का स्वीकृति पत्र मांगा। तो इस पर प्रधानाध्यापक कोई पत्र नहीं दिखा पाये। क्षेत्रवासियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्राइवेट विद्यालय के मौके पर मौजूद बच्चों व शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने उक्त फर्नीचर को प्रधानाध्यापक से 25 हजार रुपये में खरीदा था।

फोटो: बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार

फर्नीचर जर्जर है, मरम्मत के लिए भेजा गया है- बेसिक शिक्षा अधिकारी

वहीं इस पूरे मामले पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष कुमार का कहना है कि फर्नीचर जर्जर है। जिसे बिना मरम्मत प्रयोग में नहीं लाया जा सकता। प्रधानाध्यापक द्वारा फर्नीचर को मरम्मत के लिए भेजा जा रहा था। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि बिना विभागीय स्वीकृति के प्रधानाध्यापक को कुछ भी बेचने का अधिकार नहीं है। उक्त मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।

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