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शरीयत में हम हैं पूरी तरह महफूज, सड़कों पर उतरी बुर्कानशीं छात्राएं
तीन तलाक की हिमायत में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर बुर्कानशीं मदरसा छात्राओं ने हाथों में तख्तियां व बैनर लेकर तीन तलाक के खिलाफ सरकार द्वारा बनाए गए बिल को वापस लिए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि वह शरीयत में पूरी
सहारनपुर: तीन तलाक की हिमायत में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर बुर्कानशीं मदरसा छात्राओं ने हाथों में तख्तियां व बैनर लेकर तीन तलाक के खिलाफ सरकार द्वारा बनाए गए बिल को वापस लिए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि वह शरीयत में पूरी तरह महफूज हैं इसलिए उनका नाम लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलअंदाजी न की जाए। छात्राओं ने मांगों से सम्बंधित ज्ञापन स्थानीय अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भी प्रेषित किया।
बुद्धवार को नगर के मोहल्ला ख्वाजबख्श स्थित मदरसा माहद आयशा सद्दीका कासिमुल उलूम लिलबनात की छात्राओं ने मदरसे की उप प्रधानाचार्य फरहीन सनाउलहक और गुलफशां तहसीन के नेतृत्व में सरकार के तीन तलाक मुखालिफ बिल पर अपना विरोध दर्ज कराया।
छात्राएं ‘हम शरीयत की पाबंद है’ ‘यूनिफार्म सिविल कोड कबूल नहीं’‘तलाक बिल वापिस लिया जाए’ आदि नारे लिखी तख्तियां हाथ में लिए थी। इसकेउपरांत मदरसा प्रबंधक मौलाना नदीमुल वाजदी और छात्राओं व अध्यापिकाओं ने मौके पर पहुंचे खुफिया विभाग के अधिकारियों को महामहिम राष्टÑपति को सम्बोधित ज्ञापन भी सौंपा।
शरीयत में हम हैं पूरी तरह महफूज, सड़कों पर उतरी बुर्कानशीं छात्राएं
ज्ञापन में कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं का यह मानना है कि प्रोटेक्शन आफ राइट्स इन मैरिज एक्ट 2017 जल्दबाजी में बनाया गया है। इसको बनाते हुए उलेमा या मुस्लिम बुद्धिजीवियों से राय मशवरा भी नहीं किया गया। उच्चतम न्यायालय के बाइस अगस्त 2017 के निर्णय के बाद ऐसे बिल की कोई जरूरत ही नहीं थी। यह बिल असल में संविधान व मुस्लिम महिलाओं और उनके बच्चों के खिलाफ है।
ज्ञापन में मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन बिल के नाम पर संविधान द्वारा औरतों को दिए गए अधिकारों से खिलवाड़ न किए जाने और तलाक मुखालिफ बिल को तुरंत वापस लिए जाने समेत अन्य मांगें की गर्इं। इस दौरान जीनत अब्दुल समद, शीबा जमील, हामिदा, सदफ, नरगिस यामीन, सायमा, नाजिश नूर मोहम्मद, तसकीन ताहिर, नाहिद शाहिद, उम्मे सलमा समेत काफी संख्या में मदरसा छात्राएं और अध्यापिकाएं मौजूद रहीं।