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भूमाफियाओं के कब्जे में है सहारनपुर नगर निगम की अरबों की संपत्ति

Manali Rastogi
Published on: 15 Sep 2018 6:56 AM GMT
भूमाफियाओं के कब्जे में है सहारनपुर नगर निगम की अरबों की संपत्ति
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सहारनपुर: नगर निगम की जमीनों को कब्जामुक्त करने को तीन माह पूर्व चलाए गए अभियान की हवा निकल पड़ी है। सीएम योगी के आदेशों के बावजूद भी सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों के खिलाफ चाबुक शांत पड़ा है। इसे चाहे 2019 लोकसभा चुनाव की नजरों से देखें या फिर नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही। नगर निगम के 126 तालाबों में से 71 तालाब विवादित हैं, जिन पर अवैध कब्जा काबिज है।

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जबकि 55 तालाब ऐसे हैं, जिन पर कोई विवाद नहीं है। लेकिन आज तक भी इनका न तो सौंदर्यकरण हो सका है और न ही रखरखाव ठीक प्रकार से हो पा रहा है। कब्जाधारियों से सरकारी संपत्ति को छुड़ाने का अभियान सुस्त पड़ गया है। सूत्रों की माने तो छोटी सरकार यानि निगम के मेयर वोट बचाने व भाजपा के मिशन 2019 को ध्यान में रखते हुए कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही सरकारी संपत्तियों पर कब्जा किए बैठे लोगों के खिलाफ पूरे प्रदेश में कार्रवाई व भूमि को कब्जामुक्त करने के निर्देश दिए थे। ये निर्देश हवा हवाई साबित होते जा रहे हैं। या ये कहें कि सत्ता में काबिज होने के नशे में लिया गया निर्णय।

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हालांकि शुरूआती दौर में एंटी भूमाफियों के के खिलाफ अभियान जोरों शोरों से चलाया गया था। अवैध कब्जाधारियों से नगर निगम क्षेत्र में करीब 150 बीघा जमीन को कब्जामुक्त कराकर सैकड़ों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। हैरानी की बात तो यह है कि करीब चार माह हो गए हैं, अभी तक भू माफिया नगर निगम के इस चाबुक से बचे नजर आ रहे हैं।

नगर निगम लापरवाह बना हुआ है और सहारनपुर शहर में तालाबों व पोखरों की संख्या तेजी से घट रही है। पूर्व में शासन ने तालाबों और पोखरों के संरक्षण के लिए प्रदेश के सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को अवैध कब्जे हटाने और चारगाहों पर अवैध कब्जे की प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन प्रशासन आज तक किसी भी तालाब व पोखर पर कब्जा नहीं हटा पाया है।

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तालाबों की संख्या लगातार घट रही है और ये आबादी में तब्दील हो जा रहे हैं। यदि सहारनपुर नगर निगम की बात करें तो नगर क्षेत्र में कुल 126 ताला चिन्हित किए गए हैं। जिनमें से कुछ पर न्यायालय में विवाद चल रहा है और खाली पडे़ तालाबों का प्रशासन न तो सौंदर्यकरण करा पा रहा है और न ही इनका रख रखाव हो रहा है।

बता दें कि नगर निगम द्वारा जारी किए गए तालाबों की सूची में सबसे ज्यादा तादाद अवैध कब्जाधारियों की है। कब्जाधारियों पर किस प्रकार हथौड़ा चलाता है ओर राजस्व में किस प्रकार की बढोत्तरी होती है। यह साफ नजर नहीं आ रहा है।

अवैध निर्माण हो या फिर सरकारी भूमि पर कार्रवाई के लिए शासन प्रशासन को सख्त होना पड़ता है, लेकिन जनपद में किसी भी विभाग की स्थिति देख ले तो सभी जगह ढाक के तीन पात ही नजर आएंगे। सूत्र बताते हैं कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे काबिज हैं।

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चाहे जो भी हो, वह प्रशासन शासन के हिसाब से कार्य नहीं कर पा रहा है। ऐसे में सवालिया निशान उठना लाजिमी है। भाजपा की छोटी सरकार यानि नगर निगम के मेयर को अपना वोट बैंक बचाकर व 2019 का ध्यान में रखते हुए कार्य करना पड़ रहा है। ऐसे में भू माफियाओं के हौंसलें भी बुलंद हो गए हैं। सरकारी भूमि को कब्जामुक्त करने को अभियान न चला तो धीरे धीरे सरकारी संपत्तियों पर कब्जा हो जाएगा।

ये तालाबों की स्थिति

कुल तालाब: 126

न्यायालय में विवादित: 17

खाली पड़े: 55

कब्जा: 23

खेती: 01

सरकारी भवन: 01

तालाब स्थिति: 06

समतल जमीन: 18

मत्स्य के लिए आवंटित: 02

स्कूल बना: 01

बरातघर बना: 01

शमशान घाट बना: 01

सहारनपुर नगर निगम के मेयर संजीव वालिया का कहना है कि नियम के अनुसार सभी कार्य किए जा रहे हैं। सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वो किसी भी जाति व धर्म के क्यों न हो। बस बात इतनी है कि जनता के साथ कोई भी अन्याय न हो।

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