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Saharanpur: अब दारुल उलूम देवबंद ने बुलाया मदरसों के सबसे बड़े संगठन का सम्मेलन
Saharanpur: इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने मदरसों के सबसे बड़े संगठन कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का सम्मेलन आगामी 30 अक्टूबर को बुलाया है।
Saharanpur: मदरसों की समस्याओं के समाधान और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इस्लामी तालीम (Islamic education) के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम देवबंद (Major Center Darul Uloom Deoband) ने मदरसों के सबसे बड़े संगठन कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का सम्मेलन आगामी 30 अक्टूबर को बुलाया है। संस्था में विभाग द्वारा इस सम्मेलन की तैयारियां आरंभ कर दी गई है
कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का इजलास बुलाए जाने का लिया था निर्णय
गत 12-13 सितंबर को दारुल उलूम देवबंद की सुप्रीम पावर मजलिस ए शूरा की तीन दिवसीय बैठक में कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का इजलास बुलाए जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए दारुल उलूम देवबंद द्वारा गुरुवार को बाकायदा दारुल उलूम से जुड़े सभी मदरसों के लिए लेटर जारी कर दिया गया है। जिसमें बताया गया है कि दारुल उलूम देवबंद ने आगामी 30 अक्टूबर को कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया का सम्मेलन बुलाने का निर्णय लिया है।
साथ ही 29 अक्टूबर को कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया की वर्किंग कमेटी की बैठक दारुल उलूम देवबंद में आयोजित की जाएगी। उसके अगले दिन 30 अक्टूबर को मदरसों के सभी जिम्मेदारों का एक बड़ा सम्मेलन दारुल उलूम देवबंद की मस्जिद रशीद में किया जाएगा, जिसमें मदरसों की समस्याओं के समाधान पर चर्चा की जाएगी। साथ ही शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और अन्य मसलों पर चर्चा कर के निर्णय लिए जाएंगे।
कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया दारुल उलूम देवबंद मदरसों का सबसे बड़ा संगठन
बता दें कि "कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया दारुल उलूम देवबंद" मदरसों का सबसे बड़ा संगठन है, जिसमें देशभर के करीब साढ़े चार हज़ार मदरसे जुड़े हुए हैं, कुल हिंद राब्ता-ए-मदारिस-ए-इस्लामिया की वर्किंग कमेटी में कुल 50 सदस्य हैं जिनकी बैठक 29 अक्टूबर को होनी है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मदरसों में आधुनिक शिक्षा की अनिवार्यता के संबंध में यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम ने बताया ये
दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और मदरसों के निजाम को ठीक रखना व उनकी समस्याओं का समाधान करना दारुल उलूम देवबंद के बुनियादी मकसद में शामिल है और यही कारण है कि दारुल उलूम देवबंद ने बाकायदा कुल हिंद राब्ता ए मदारिस इस्लामिया का एक विभाग बनाया हुआ है, जिसका सम्मेलन समय-समय पर बुलाया जाता है। इसमें शिक्षा व्यवस्था और समस्याओं पर चर्चा करके उसके समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं।