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'रावण' की पेशी में तो दिखी पुलिस की चुस्ती, लेकिन महापंचायत पर फूल रहे हाथ-पांव

aman
By aman
Published on: 6 Nov 2017 8:24 PM GMT
रावण की पेशी में तो दिखी पुलिस की चुस्ती, लेकिन महापंचायत पर फूल रहे हाथ-पांव
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सहारनपुर: जिले को जातीय हिंसा की आग में झोंकने के आरोप में जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण की सोमवार को भारी सुरक्षा घेरे में कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। जहां से उसे अग्रिम तारीख मिली है। वही, 9 नवंबर के महापंचायत आह्वान पर पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है।

पिछले दिनों शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान गांव शब्बीरपुर में ठाकुरों और दलितों के बीच शुरू हुए हिंसा के दौर ने धीरे-धीरे पूरे सहारनपुर को अपनी चपेट में ले लिया था। जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर और उसके साथी इन दिनों जिला कारागार में बंद हैं। सोमवार को चंद्रशेखर उर्फ रावण को एसीजेएम प्रथम की कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 तारीख को होगी। वहीं, इस दौरान चंद्रशेखर से मिलने की मंशा रखने वाले उसके परिजनों और भीम आर्मी से जुड़े पदाधिकारियों को पुलिस ने कोर्ट के आस-पास भी फटकने नहीं दिया।

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महापंचायत के आह्वान से प्रशासन की उड़ी नींद

ज्ञात हो, कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण पर रासुका लगाए जाने के विरोध में भीम आर्मी से जुड़े पदाधिकारियों ने 9 नवंबर से भूख हड़ताल का आह्वान किया है। वहीं, इस महापंचायत को लेकर पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। भीम आर्मी इन दिनों सोशल मीडिया पर पूरी तरह सक्रिय है। आर्मी द्वारा 'सहारनपुर चलो' का आह्वान कर पूरे देश के दलितों को एक धागे में पिरोने का प्रयास किया जा रहा है। इसे लेकर पुलिस अधिकारी टेंशन में हैं।

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'दिल्ली कूच' को भी लिया था हल्के में

शब्बीरपुर हिंसा के बाद भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने दिल्ली में एक बड़े आयोजन का आह्वान किया था। उस वक़्त भीम आर्मी ने इसी तरह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया था। हालांकि, पुलिस प्रशासन इसे हल्के में लेता रहा। लेकिन उस समय अधिकारियों के पसीने छूट गए थे जब दिल्ली में हजारों की संख्या में भीम आर्मी से जुड़े पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित हुए थे। जबकि संस्थापक चंद्रशेखर सहारनपुर हिंसा में नामजद भी किया जा चुका था और उसे गिरफ्तार करने को यहां से पुलिस टीमें दिल्ली भी पहुंची थी, लेकिन बड़े हुजूम के बीच मौजूद चंद्रशेखर को गिरफ्तार करने की हिम्मत पुलिस नहीं जुटा पायी थी।

'बिना अनुमति कुछ भी किया तो होगी कार्रवाई'

इस मामले में एसएसपी बबलू कुमार का कहना है, कि '9 नवंबर के भीम आर्मी के कार्यक्रम को लेकर अनुमति के बिना जो भी काम होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, किसी भी हालत में माहौल बिगड़ने नहीं दिया जाएगा, चाहे इसके लिए प्रशासन को कितनी भी सख्ती क्यों न बरतनी पड़े।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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