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अयोध्या संग काशी में भी संतों का जमावड़ा, परमधर्म संसद में होगा राम मंदिर पर मंथन
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर देश में सियासत जारी है। विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस की ओर से जहां अयोध्या में धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संत समाज की ओर से परमधर्म संसद बनाया गया।
वाराणसी: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर देश में सियासत जारी है। विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस की ओर से जहां अयोध्या में धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में संत समाज की ओर से परमधर्म संसद बनाया गया।
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परमधर्म संसद की कार्यवाई में भाग लेने के लिए देश भर के संत वाराणसी पहुंच गए हैं। परमधर्म संसद में राम मंदिर निर्माण सहित सनातन धर्म से जुड़े कई मसलों को लेकर चर्चा होगी। इस दौरान मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास किया जाएगा।
परम धर्म संसद में तीन दिन तक होगा मंथन
परम धर्म संसद तीन दिन तक लगेगी। द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती इसके अध्यक्ष है। परम धर्म संसद में लिए कुल 1008 आसन लगाएं गए। देश के 543 संसदीय क्षेत्रों के साधु संत के अलावा विद्वानों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। इसके साथ ही 33 विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को भी निमंत्रण भेजा गया है। तीन दिन के मंथन के बाद संसद अपना परमधर्म संदेश सुनाएगा।
सरकार पर दबाव बढ़ाने की तैयारी
परमधर्म संसद में मुख्य रूप से राम मंदिर निर्माण पर चर्चा होगी। इस दौरान केंद्र सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए संसद में अध्यादेश लाने के लिए भी दबाव बनाया जाएगा। वाराणसी पहुंचे संतों के मुताबिक बीजेपी की सरकार राम मंदिर के नाम पर केंद्र में आई है, लिहाजा उसका कर्तव्य बनता है कि कानून बनाकर मन्दिर का निर्माण करे।
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