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Akhilesh Yadav Biography: इंजीनियर से प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री तक, कुछ ऐसा रहा है अखिलेश यादव का सफर
Akhilesh Yadav Biography: अखिलेश यादव को राजनीति विरासत में मिली है। नेताजी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा के प्रदर्शन ने बता दिया कि अखिलेश मुलायम के उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित हो चुके हैं।
Akhilesh Yadav Biography: आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सूबा होने के कारण भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश की तूती बोलती है। कई प्रधानमंत्रियों को दिल्ली के तख्त बैठाने वाला यह राज्य हमेशा खबरों में रहता है। यही वजह है कि इस प्रदेश के सबसे बड़े सियासी घराने का देश की राजनीति में एक अलग रसूख है। जी हां, हम बात कर रहें यादव परिवार की, जिसके ईद-गिर्द पिछले तीन दशकों से अधिक समय से यूपी की राजनीति घूमती रही है।
यूपी की राजनीति में यादव घराने को स्थापित करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव भले ही अब नहीं रहे, लेकिन उनके बेटे अखिलेश यादव इस विरासत को बखूबी आगे ले जाते नजर आ रहे हैं। नेताजी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सपा के प्रदर्शन ने बता दिया कि अखिलेश मुलायम के उत्तराधिकारी के तौर पर स्थापित हो चुके हैं।
अखिलेश का सियासी सफर
अखिलेश यादव को राजनीति विरासत में मिली है। उनकी राजनीतिक पहचान मुलायम सिंह यादव के बेटे के रूप में हैं, जो यूपी के सीएम और केंद्र में रक्षा मंत्री रह चुके हैं। अखिलेश यादव के सियासी सफर की शुरूआत साल 2000 में होती है, जब वो अपने पिता द्वारा खाली की गई कन्नौज की सीट पर उपचुनाव लड़कर संसद पहुंचते हैं। 2004 और 2009 में एकबार फिर वो जीतने में कामयाब रहते हैं। सपा सुप्रीमो और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव 2019 में एकबार फिर लोकसभा का चुनाव आजमगढ़ से जीतते हैं। लेकिन 2022 में करहल से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वो लोकसभा से इस्तीफा दे देते हैं।
साल 2012 उनके सियासी जीवन का सबसे अहम साल साबित होता है। उस साल विधानसभा चुनाव में अखिलेश साइकिल यात्रा निकाल कर जमकर पसीना बहाते हैं और लोगों के बीच काफी लोकप्रिय होते हैं। नतीजों में सपा की ऐतिहासिक जीत होती है और पिता मुलायम सिंह गद्दी अपने बेटे को सौंपने का बन बना चुके होते हैं। मात्र 38 साल की उम्र में अखिलेश के हाथों में देश के सबसे बड़े सूबे की कमान आ जाती है। अखिलेश यादव यूपी के सबसे युवा सीएम के तौर पर मीडिया में छा जाते हैं।
लेकिन साल 2014 आते-आते देश की सियासी फिजा नई करवट ले लेती है और अखिलेश का सियासी भविष्य भी डगमगाने लगता है। उस साल आम चुनाव में बड़ी पराजय झेलने के तीन साल बाद अखिलेश अपनी गद्दी भी नहीं बचा पाते हैं। साल 2017 में योगी आदित्यनाथ के रूप में प्रचंड बहुमत के साथ बीजेपी की सरकार आती है। दो साल बाद लोकसभा चुनाव में अखिलेश एकबार फिर बसपा के साथ गठजोड़ करने के बावजूद हार जाते हैं। हारने का सिलसिला यहीं नहीं रूकता, 2022 के विधानसभा चुनाव में मजबूत जातीय गठबंधन करने के बावजूद वो दोबारा बीजेपी को सत्ता में आने से नहीं रोक पाते हैं।
अखिलेश की पढ़ाई-लिखाई
उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा इटावा के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद उन्होंने राजस्थान के धौलपुर स्थित मिलिट्री स्कूल में दाखिल लिया। इंटर करने के बाद उन्होंने मैसूर के श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। मास्टर्स के लिए वो ऑस्ट्रेलिया चले गए। सिडनी विश्वविद्यालय से उन्होंने मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
डिंपल से किया प्रेम-विवाह
अखिलेश यादव ने 24 नवंबर 1999 को डिंपल यादव से प्रेम विवाह किया था। उत्तराखंड की रहने वाली डिंपल भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल आरएस रावत की तीन लड़कियों में मंझली हैं। सपा कार्यकर्ताओं के बीच वो डिंपल भाभी के नाम से मशहूर हैं। बताया जाता है कि मुलायम अखिलेश की डिंपल से शादी के खिलाफ थे। उन्हें राजी करने में दिवंगत नेता अमर सिंह का बड़ा रोल माना जाता है। अखिलेश – डिंपल की शादी में तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी आए थे। डिंपल यादव ने हाल ही में अपने ससूर की सीट मैनपुरी से ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
अखिलेश के कितने बच्चे ?
अखिलेश और डिंपल तीन बच्चों के माता-पिता हैं। इनमें से दो लड़कियां और एक लड़का है। लड़कियों के नाम अदिति यादव और टीना यादव है। लड़के का नाम अर्जुन यादव है। टीना और अर्जुन जुड़वा हैं। अदिति सबसे बड़ी है, उसने पिछले ही साल बारहवीं पास की है। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहती हैं। अदिति ने 12वीं 98 प्रतिशत के साथ पास किया था। डिंपल ने एकबार मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उनकी बड़ी बेटी यानी अदिति की हिंदी काफी अच्छी है और उसे बैडमिंटन खेलना पसंद है। टीना और अर्जुन अभी छोटे हैं।
कारों के शौकीन हैं अखिलेश
अखिलेश यादव को गाड़ियों का शौकीन माना जाता है। उनके पास कई एक से एक निजी गाड़ियां हैं। हालांकि, वो ज्यादातर सरकारी मर्सडीज कार में ही घूमते नजर आते हैं। लेकिन उनके काफिले में कई निजी गाड़ियां मौजूद होती हैं। उनके पास जी मित्सुबिशी पजेरो और टोयोटा कैमरी जैसे लग्जरी गाड़ियां का कलेक्शन है।
यूपी का सबसे बड़ा सियासी घराना
अखिलेश यादव का परिवार उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा राजनीतिक घराना यूं ही नहीं कहलाता। यादव परिवार के सदस्य देश की संसद से लेकर पंचायत तक नजर आते हैं। इनमें दिवंगत सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अलावा अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव और अखिलेश के चचेरे भाई प्रमुख तौर पर शामिल हैं। अखिलेश के सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव फिलहाल बीजेपी में हैं। यूपी की राजनीति में यादव परिवार के दखल को इस बात से समझा जा सकता है कि साल 2014 में सपा ने 5 सीटें जीती थीं। उनमें मुलायम सिंह यादव, डिंपल यादव, अक्षय यादव, तेज प्रताप यादव और धर्मेंद यादव शामिल थे। अक्षय, तेज प्रताप और धर्मेंद मुलायम के भतीजे हैं।