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समाजवादी रथ यात्रा से घबराई सरकार ने तीनों काले कानून लिया वापस: अखिलेश यादव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए बीते करीब एक साल से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By aman
Published on: 19 Nov 2021 12:08 PM IST (Updated on: 19 Nov 2021 2:34 PM IST)
समाजवादी रथ यात्रा से घबराई सरकार ने तीनों काले कानून लिया वापस: अखिलेश यादव
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Samajwadi Party on Farm Laws Withdrawn: समाजवादी रथ यात्रा के समापन के बाद अखिलेश यादव आज मीडिया से मुखातिब हुए। प्रदेश कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत उन्होंने तीनों कृषि कानून की वापसी से किया। सपा प्रमुख ने बीजेपी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, कि रथ यात्रा में पूर्वांचल और पूरे प्रदेश से मिले जनसमर्थन के बाद यह सरकार घबरा गई। जिसके बाद इन्हें मजबूर तीनों काले कानून को वापस लेना पड़ा।

उन्होंने कहा, कि इनकी बातों पर कोई भरोसा नहीं, पता नहीं चुनाव के बाद फिर ऐसा कोई कानून लाकर किसानों पर थोप दें। इसलिए इनकी बातों पर यकीन नहीं किया जा सकता।

अखिलेश ने दिलाई नोटबंदी की याद

अखिलेश यादव ने कहा, कि आपको याद होगा, इस सरकार ने ऐसा ही एक और फैसला लिया था, जिससे अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। जो उस समय फैसला सरकार का था, क्या उससे आज अर्थव्यवस्था सुधर गई है? वह फैसला भी सरकार का गलत था। लेकिन, इसी सरकार ने उस वक्त कोई अफसोस नहीं जताया था। समाजवादी पार्टी 'खजांची' को याद करती है। इसलिए मैं किसानों को बधाई देता हूं। इस आंदोलन को बधाई देता हूं। जिस तरह से जनता का समर्थन इसे मिला। दरअसल, अखिलेश यादव का इशारा नोटबंदी को लेकर था। वह नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर लगातार हमलावर रहे हैं।


रथ यात्रा से घबराई बीजेपी

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने आगे कहा, 'रथ यात्रा को जिस तरह से समर्थन मिला। जिस तरह से कार्यकर्ता, नेता और आम लोगों ने समर्थन दिया, उससे बीजेपी घबरा गई है। उन्होंने कहा, आज भी जिस तरह से पूर्वांचल के किसान, नौजवान सड़कों पर आ गए। उससे डरकर, घबराकर केंद्र ने तीन कृषि कानूनों से जुड़ा फैसला वापस लिया है। अखिलेश बोले, यह जरूरी नहीं कि यह सरकार चुनाव के बाद फिर ऐसा कोई कानून न ले आए। इसका भरोसा कौन दिलाएगा। इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं।


हमने जो मंडी बनवाई, उसे बंद कर दिया

यूपी के पूर्व सीएम ने कहा, 'आज किसानों को लाइन में नहीं लगना होता है। किसी किसान को खाद नहीं मिल रही। डीएपी नहीं है। पूरे उत्तर प्रदेश में किसी भी किसान को धान की कीमत नहीं मिल रही। आज मैंने सुना कि प्रधानमंत्री जी ने मंडी के लिए पैसा दिए हैं। पूरे बुंदेलखंड के लिए बनी खड़ी है। मैं जानना चाहता हूं कि किस मंडी में किसानों की फसल खरीद हुई है।' अखिलेश यादव ने कहा, उन्होंने जो मंडी बनवाई थी वह बंद करने का काम किया गया है। पिछले साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोई बजट नहीं दिया है। वह धान की कीमत नहीं दे पा रहे हैं, गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है। डीजल पेट्रोल के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं।


जिसने किसानों को रौंदा, वह भला कैसे करेगी

आखिर में, अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर कहा, कि इन्हें अपने मंत्री जिन्होंने किसान की हत्या की। उनका इस्तीफा कब होगा? उन्हें कब हटाएंगे? इसलिए इस सरकार की बातों पर यकीन करना मुश्किल है, जो सरकार अपने मंत्री पर आज तक कार्रवाई नहीं की। जिसने किसानों को रौंदा है, तो वह सरकार किसानों का भला कैसे कर सकती है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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