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अखिलेश का मुश्लिम कार्ड: गोरखपुर के डॉ कफील को बनाया MLC उम्मीदवार, ऑक्सीजन कांड में आया था नाम
MLC Candidate Dr Kafeel: डॉ कफील आज ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात किए थे और उन्हें अब प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है।
Gorakhpur MLC candidate Dr Kafeel: समाजवादी पार्टी ने यूपी विधान परिषद चुनाव के लिए अपने 4 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इनमें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ रहे डॉक्टर कफील को सपा प्रमुख ने देवरिया-कुशीनगर से अपना उम्मीदवार बनाया है। डॉ कफील आज ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात किए थे और उन्हें अब प्रत्याशी घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा बिरेंद्र यादव रायबरेली के सपा एमएलसी कैंडिडेट घोषित किये गए हैं।
आज सपा प्रमुख से मिलने के बाद डॉक्टर कफील ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा 'आज पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की और उन्हें अपनी किताब 'द गोरखपुर हॉस्पिटल ट्रेजडी' की एक प्रति भेंट की। जिसके बाद अब डॉ कफील देवरिया कुशीनगर से एमएलसी उम्मीदवार घोषित हो गए हैं।
डॉ कफील को जानिए?
डॉ कफील गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ के तौर पर तैनात थे। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में करीब 60 बच्चों की मौत के बाद डॉक्टर कफील का नाम इसमें सामने आया था। जिसके बाद योगी सरकार ने 22 अगस्त 2017 को उन्हें निलंबित कर दिया गया था। यही नहीं इसके बाद कार्यालय में घटित एक अन्य घटनाओं के संबंध में भी उन्हें अलग से निलंबित किया गया था। 12 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उन्होंने सीएए, एनआरसी आंदोलन के दौरान एक भाषण दिया था। इसके बाद वहां के छात्र उग्र हो गए थे और जमकर हंगामा हुआ था। इस मामले में अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में उनके ऊपर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया और 30 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने मुंबई एयरपोर्ट से डॉक्टर कफील को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि उन्हें बाद में हाईकोर्ट से राहत मिल गई। अब उन्हें अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी का एमएलसी उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
यूपी में दो चरणों में होगा एमएलसी का चुनाव
बता दें 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद के चुनाव के लिए नामांकन आज 15 मार्च से शुरू हो गया है। पहले चरण के लिए नामांकन 19 मार्च तक किए जाएंगे 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 मार्च तक नाम वापस लिए जाएंगे। इससे पहले भी जिन लोगों ने नामांकन कर लिया था वह नामांकन भी मान्य होगा। दूसरे चरण में 6 सीटों के लिए 15 मार्च से 22 मार्च तक नामांकन किए जाएंगे, 23 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 25 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। सभी सीटों पर एक साथ 9 अप्रैल को मतदान होगा। 12 अप्रैल को इनकी गिनती होगी मौजूदा समय में विधान परिषद में सपा का बहुमत है, इस वक्त सपा की 48 सीटें हैं जबकि भाजपा की 36 हालांकि सपा के 8 एमएलसी अब भाजपा में आ चुके हैं। वहीं बसपा का एक एमएलसी भाजपा में आया है। अगर इस चुनाव में भाजपा बढ़त बना लेगी तो उच्च सदन में भी मजबूत हो जाएगी।
जिसकी सत्ता उसकी जीत
विधान परिषद के चुनाव में अब तक देखने को मिला है कि जिस की सत्ता होती है उसी का बहुमत हो जाता है उनके प्रत्याशी ज्यादा जीतकर आते हैं पिछले 2016 में हुए एमएलसी के चुनाव में नजर डाले तो फरवरी-मार्च 2016 में अखिलेश यादव के सीएम रहते चुनाव हुए थे। जिसमें सपा 31 सीटें जीत गई। इसमें 8 सीटों पर निर्विरोध जीत भी शामिल थी। पहले सपा केवल एक सीट जीती थी।
कौन करता है मतदान?
वैसे अभी तक विधानसभा चुनाव के पहले विधान परिषद के चुनाव होते थे। लेकिन इस बार दोनों की तारीख एक साथ होने से विधान परिषद के चुनाव को आयोग ने आगे बढ़ा दिया था। इन 36 सीटों पर 7 मार्च को कार्यकाल खत्म हो गया है। स्थानीय निकाय की सीटों पर सांसद, विधायक, नगरीय निकायों, कैंट बोर्ड के निर्वाचित सदस्य, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायतों के सदस्य, ग्राम प्रधान वोटर होते हैं।