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स्वामी प्रसाद मौर्य को अखिलेश यादव देंगे बड़ा गिफ्ट, करहल से विधानसभा भेजने की तैयारी!

UP: आज अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य की मुलाकात हुई। जिसमें यह चर्चा हो सकती है कि उन्हें करहल से प्रत्याशी बनाया जाए। फिलहाल इस पर अंतिम फैसला अखिलेश यादव को करना है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 13 March 2022 8:01 PM IST
Swami Prasad Maurya Akhilesh Yadav
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स्वामी प्रसाद मौर्य अखिलेश यादव (फोटो-सोशल मीडिया)

UP: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देने की खबरें तेजी से चल रही हैं। इस बीच सूत्रों से पता चला है की करहल से अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार सकते हैं। क्योंकि स्वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर से बीजेपी प्रत्याशी से चुनाव हार गए हैं, ऐसे में अब अखिलेश यादव उन्हें अपनी सीट सौंपकर विधानसभा भेजने पर मंत्रणा कर रहे हैं। अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद बने रहेंगे।

सूत्रों के मुताबिक आज अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य की मुलाकात हुई। जिसमें यह चर्चा हो सकती है कि उन्हें करहल से प्रत्याशी बनाया जाए। फिलहाल इस पर अंतिम फैसला अखिलेश यादव को करना है।

दरअसल विधानसभा चुनाव के ऐन वक्त पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। अखिलेश यादव ने उन्हें पडरौना की बजाय फाजिलनगर से मैदान में उतारा था लेकिन वह इस बार चुनाव हार गए। स्वामी प्रसाद मौर्य को हार के बाद बड़ा धक्का लगा। क्योंकि वह ओबीसी समाज खासकर मौर्य, कश्यप समाज के बड़े नेता माने जाते हैं।

उनके चुनाव हारने से उनके कार्यकर्ता और समर्थकों में काफी निराशा है, अखिलेश यादव उसी को ध्यान में रखते हुए जहाँ खुद सांसद बने रहेंगे वहीं अपनी सीट करहल से विधायकी छोड़ सकते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्य को मैदान में उतारकर उन्हें एक बार फिर विधानसभा भेज सकते हैं। यह एक बड़ा मैसेज उनके कार्यकर्ताओं और समाज में जाएगा कि अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के चुनाव हारने के बाद भी उन्हें बड़ा सम्मान दिया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जन्मे स्वामी प्रसाद मौर्य ने 1980 में सक्रिय रूप से राजनीति में कदम रखा था। वह इलाहाबाद युवा लोकदल की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने और जून 1981 से सन 1989 तक महामंत्री पद पर रहे। इसके बाद 1989 से सन 1991 तक यूपी लोकदल के मुख्य सचिव रहे।

मौर्य 1991 से 1995 तक उत्तर प्रदेश जनता दल के महासचिव पद पर रहे।1996 को स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा की सदस्यता ली और प्रदेश महासचिव बने। इसके बाद उन्होंने बसपा के टिकट पर डलमऊ, रायबरेली से विधानसभा सदस्य बने और चार बार विधायक बने। मंत्री ने 2009 में पडरौना विधानसभा उपचुनाव जीता और केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह की मां को हराया।

मई 2002 से अगस्त 2003 तक उन्हें मंत्री का दर्जा मिला और अगस्त 2003 से सितंबर 2003 तक नेता प्रतिपक्ष भी रहे। स्वामी प्रसाद मौर्य वर्ष 2007 से 2009 तक मंत्री रहे। जनवरी 2008 में उन्हें बसपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2016 में उन्होंने बसपा से बगावत करके भाजपा का हाथ थाम लिया था।



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Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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