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Dimple Yadav Oath: लोकसभा में आज सांसद पद की शपथ लेंगी डिंपल यादव, रिकॉर्ड वोटों से जीती हैं उपचुनाव
Dimple Yadav Oath: मैनपुरी उपचुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करने वाले डिंपल को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला सुबह 11 बजे शपथ दिलाएंगे।
Dimple Yadav Oath: सपा सुप्रीमो और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव आज लोकसभा में सांसद पद की शपथ लेंगी। मैनपुरी उपचुनाव में रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करने वाले डिंपल को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला सुबह 11 बजे शपथ दिलाएंगे। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार रघुराज शाक्य को 2 लाख 88 हजार से अधिक मतों के विशाल अंतर से हराकर अपने ससुर की सियासी विरासत बचा ली। मैनपुरी की सीट साल 1996 से मुलायम परिवार के कब्जे में है।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण यह सीट खाली हो गई थी। बीजेपी ने मुलायम के ही शिष्य रघुराज शाक्य को मैदान में उतारकर अखिलेश के लिए लड़ाई मुश्किल कर दी थी। लेकिन सपा सुप्रीमो चुनाव में अपने रूठे चाचा शिवपाल यादव को साथ लेने में कामयाब रहे और बीजेपी को बड़ी शिकस्त दे दी। डिंपल को सबसे बड़ी लीड शिवपाल के विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में ही मिली थी।
डिंपल का सियासी सफर
उत्तराखंड के सैन्य परिवार से आने वाली डिंपल यादव की शादी अखिलेश यादव से 24 नवंबर 1999 को हुई थी। शादी के 10 साल बाद राजनीति में उनकी एंट्री हुई। साल 2009 में उन्होंने पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। दरअसल, 2009 के आम चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज और फिरोजाबाद दो सीटों से चुनाव लड़े थे और दोनों पर जीत हासिल की थी। नियम के मुताबिक, उन्हें एक सीट छोड़ना था तो उन्होंने फिरोजाबाद की सीट छोड़ दी। उपचुनाव में उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा। उनके सामने थे कांग्रेस प्रत्याशी और फिल्म अभिनेता राज बब्बर। बब्बर ने डिंपल को 85 हजार से अधिक मतों से हरा दिया था।
साल 2012 में विधानसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश मिलने के बाद अखिलेश यादव यूपी के सीएम बन गए। सीएम बनने के बाद उन्होंने कन्नौज लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया। एकबार फिर डिंपल अपने पति के सीट से चुनाव मैदान में थीं। लेकिन इसबार उनकी लड़ाई काफी आसान थी। डिंपल के सामने किसी दल ने कैंडिडेट खड़ा नहीं किया और नतीजतन वह निर्विरोध चुनाव जीत गईं। दो साल बाद यानी 2014 में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद उन्होंने कन्नौज से दोबारा जीत हासिल की।
लेकिन 2019 में वह तीसरी बार अपनी जीत को बरकरार नहीं रख सकीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का यह किला ढ़ह गया और बीजेपी के सुब्रत पाठक ने 12 हजार से अधिक वोटों के अंतर से डिंपल यादव को हरा दिया। साल 2022 में डिंपल ने एक बार फिर संसद में वापसी की है।