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Loksabha Election 2024: सपा-कांग्रेस गठबंधन पर सस्पेंस खत्म, अखिलेश यादव ने किया बड़ा इशारा
SP-Congress Alliance: सपा के 17 सीटों के प्रस्ताव को कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। इनमें दानिश अली की सीट अमरोहा भी शामिल है।
Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन के भविष्य पर मंडरा रहे संकट के बादल अब छंटते नजर आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मची खींचतान पर बड़ी जानकारी सामने आई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन फाइनल हो गया है। दोनों पार्टियों कितने-कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, ये भी आज शाम को ऐलान कर दिया जाएगा।
अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ संबंधों में आई कड़वाहट को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि हमारे बीच अब कोई विवाद नहीं है, गठबंधन होगा और जल्द ही सारी चीजें साफ हो जाएंगी। बाकी चीजें पुरानी हो गई हैं, अंत भला तो सब भला। उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी की कोशिश रहेगी कि अधिक से अधिक सीटों पर लड़ा जाए।
कांग्रेस को मिलेंगी इतनी सीटें
सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बात बन गई है। सपा की ओर से कांग्रेस के सामने 17 सीटों का प्रस्ताव रखा गया, जिसे कांग्रेस ने स्वीकार कर लिया है। बताया जा रहा है कि अमरोहा और सीतापुर की सीट सपा कांग्रेस को देने के लिए तैयार हो गई है। अमरोहा से दानिश अली बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। बुधवार शाम पांच बजे दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मीडिया के सामने गठबंधन का आधिकारिक ऐलान होगा।
किन सीटों पर फंसा था पेंच
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अमरोहा, सीतापुर के अलावा बलिया, मुरदाबाद और बिजनौर की सीट भी चाह रही थी। बलिया से खुद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मैदान में उतारना चाहते हैं लेकिन सपा ये सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। इसी प्रकार मुरादाबाद सीट पर सपा के डॉ. एसटी हसन सांसद हैं, इसलिए पार्टी ने ये सीट छोड़ने से भी इनकार कर दिया।
32 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है सपा
घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा को समर्थन देते हुए अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। लेकिन मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों के बीच ये तालमेल नहीं दिखी। दोनों ओर से एक-दूसरे के खिलाफ तीखी बयानबाजी भी हुई। सपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पर दवाब बनाते हुए बगैर सलाह के 32 सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान कर दिए। इनमें कुछ वो सीटें भी शामिल थीं, जिस पर कांग्रेस दावा कर रही थी। ऐसे में अब ये तय माना जा रहा है कि कांग्रेस को उन शेष 48 सीटों में से ही 17 सीटें दी जाएंगी।
बात करें 2019 के चुनाव परिणाम की तो सपा ने तब बसपा और रालोद के साथ गठबंधन करने के बावजूद महज पांच सीटें ही जीत पाई थी। वहीं, कांग्रेस तो एक सीट पर सिमट गई। खुद राहुल गांधी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
राहुल की यात्रा में शामिल होंगे अखिलेश ?
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस को स्पष्ट कर दिया था कि वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा में तभी शामिल होंगे जब दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा हो जाएगा। अब जब अखिलेश ने खुद इसकी पुष्टि कर दी है तो उनका यात्रा में शामिल होना तय माना जा रहा है। ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार राहुल गांधी और अखिलेश यादव यूपी में एक साथ रैली करते नजर आएंगे। बता दें कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा 25 फरवरी को यूपी से राजस्थान में प्रवेश करेगी।