TRENDING TAGS :
UP ELECTION 2022: नोएडा में भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई, शुरू से ही रहा है पार्टी का दबदबा
नोएडा विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी समेत कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी जीत दर्ज करने लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं।
लखनऊ: गौतमबुद्ध नगर की नोएडा विधानसभा सीट पर भाजपा प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रही है क्योंकि पार्टी ने एक बार फिर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के बेटे पंकज सिंह (Pankaj Singh) को चुनाव मैदान में उतारा है। 2017 के चुनाव में पंकज सिंह ने इस सीट से 104016 मतों से भारी जीत दर्ज की थी। उन्होंने 63 फ़ीसदी से अधिक वोट हासिल करके सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी (Sunil Choudhary) को हराया था। सपा ने इस सीट पर एक बार फिर सुनील चौधरी को ही चुनाव मैदान में उतारा है।
दिल्ली से सटी इस सीट पर आम आदमी पार्टी की नजरें भी लगी हुई हैं जबकि कांग्रेस भी यहां अपनी ताकत दिखाने को बेकरार है। विपक्ष की ओर से भाजपा की चौतरफा घेरेबंदी की जा रही है। इस कारण भाजपा ने विपक्ष के चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। 2012 में बनी इस सीट पर शुरुआत से ही भाजपा का दबदबा रहा है और इस बार भी पार्टी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखने को बेताब है।
भाजपा का गढ़ मानी जाती है यह सीट
नोएडा विधानसभा सीट का गठन 2012 में हुआ था। इस सीट को भाजपा का गढ़ कहा जा सकता है क्योंकि अभी तक इस सीट पर लगातार भाजपा ने ही जीत हासिल की है। 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ महेश शर्मा ने जीत हासिल की थी। बाद में 2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ महेश शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। उनके इस्तीफा देने के बाद 2014 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था जिसमें भाजपा प्रत्याशी विमला बाथम ने एक लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी।
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पंकज सिंह को इस विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। पंकज सिंह ने 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 104016 मतों से जीत हासिल की थी। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के सुनील चौधरी को 58,401 मत हासिल हुए थे। बसपा के रविकांत तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 27,365 मत मिले थे। दिलचस्प बात यह है कि 2017 में 1787 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।
फिर दो पुराने प्रत्याशियों में होगा मुकाबला
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इस चुनाव क्षेत्र में पंकज सिंह पर ही भरोसा जताया है। पंकज सिंह को इस बार भी इस चुनाव क्षेत्र से सबसे मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने 2017 में दूसरे नंबर पर रहने वाले सुनील चौधरी को एक बार फिर मौका दिया है। महिलाओं को प्राथमिकता देने की प्रियंका गांधी की नीति पर चलते हुए कांग्रेस ने पंखुड़ी पाठक को इस बार अपना प्रत्याशी बनाया है। बसपा की ओर से एक कृपाराम शर्मा चुनाव मैदान में उतरे हैं।
दिल्ली से सटा हुआ इलाका होने के कारण आम आदमी पार्टी की नजर भी इस विधानसभा सीट पर लगी हुई है। आप ने पंकज अवाना को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा को चुनौती देने की कोशिश की है। पंकज सिंह के कोरोना से संक्रमित होने के कारण उनकी ओर से भाजपा सांसद और डॉ महेश शर्मा ने उनका पर्चा दाखिल किया।
भाजपा प्रत्याशी को लोगों के समर्थन की उम्मीद
भाजपा ने अपने गढ़ माने जाने वाले नोएडा में एक बार फिर जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है। पार्टी प्रत्याशी पंकज सिंह का मानना है कि 2017 में प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद नोएडा में विकास के काफी काम हुए हैं और इस कारण उन्हें एक बार फिर लोगों का आशीर्वाद मिलने की उम्मीद है।
उनका कहना है कि भाजपा ने नोएडा की कई लंबित परियोजनाओं को पूरा करने का काम किया है। दूसरी ओर विपक्षी दलों की ओर से भाजपा की मजबूत घेरेबंदी की जा रही है। नोएडा में पहले चरण में ही 10 फरवरी को मतदान होना है। इसलिए प्रत्याशियों ने मतदाताओं से संपर्क साधने का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया है।