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UP Politics: आजम खां को अपने पाले में करने की राजनीतिक दलों में मची होड़, जारी है सियासी दावं-पेंच
UP Politics: इन दिनों सत्ता पक्ष से अधिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो आजम खां सुखिर्यो में हैं।
UP Politics: यूपी की राजनीति में इन दिनों सत्ता पक्ष से अधिक समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मो आजम खां सुखिर्यो में हैं। अपनी पार्टी से नाराज चल रहे मो आजम खां पर दूसरे दलों के नेता डोरे डालने में लगे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि मुस्लिम समुदाय के बडे़ नेता आजम खां को अपने पाले में करने से एक बडे़ वोट बैंक का लाभ उसे मिल सकता है।
यूपी की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहे मो आजम खां के बुरे दिन प्रदेश में योगी सरकार के आते ही शुरू हो गए थें। उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए। इसके बाद अदालत के आदेश पर पत्नी पुत्र समेत उन्हे जेल में डाल दिया गया। वह पिछले करीब 14 महीने से जेल में हैं। लगभग 100 मुकदमों में अधिकतर में वह बरी हो चुके हैं पर अभी एक मुकदमे के कारण फिलहाल वह जेल में हैं।
इस बीच जब आजम खां समर्थकों को लगा कि आजम खां की समाजवादी पार्टी में उपेक्षा हो रही है और उनसे मिलने इतने दिनों अखिलेश यादव केवल एक बार मिलने जेल गए तो आजम समर्थकों का छिप दर्द बाहर आ गया।
आजम खां मीडिया प्रभारी शानू ने जुबान खोल दी और अखिलेश यादव को अपने निशाने पर सीधे ले लिया। इस पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके सलाहकारों ने पार्टी प्रतिनिधि के तौर पर किसी नेता को सीतापुर जेल भेजने की सलाह दी।
इसके बाद जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी विधायक रविदास मेहरोत्रा को आजम खां से मिलने भेजा तो उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया। जिसके बाद से पार्टी में चिंता की लकीरे बढती जा रही है।
वहीं, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी, प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और उनके करीबी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से आजम खां से सीतापुर जेल में मिल आए। कहा जा रहा है कि प्रमोद कृष्णन को कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ही उन्हे जेल में मिलने भेजा था। जहां कांग्रेस नेता को मो आजम खां ने खजूर खिलाए तो प्रमोद कृष्णम ने उनको श्रीमद् भागवत गीता भेंट की।
उधर, बहराइच में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह भी आजम से मिलने को तैयार हैं। उनका कहना है कि मो आजम खां केवल प्रदेश के नहीं, बल्कि देश के बडे नेता हैं। इसी बीच जब भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद डा रमापति राम त्रिपाठी से यह पूछा गया कि आजम खां की ईद कहां पर होगी तो उन्होने इस सवाल के जवाब में कहा यह तो कानून बताएगा।
हम बताने की स्थित में नहीं हैं। उनसे जब पूछा गया कि आज़म खान भाजपा में शामिल हो रहे है तो उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई अशुध्द नहीं होता है। मानवता कहती है कि हम सबके सुख-दुख में सहभागी हैं, लेकिन उनको निर्णय कानून देगा। राज्य सरकार की नीयत किसी को परेशान करने की नहीं है।