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Rajya Sabha Elections 2024: सपा के साथ हो गया खेल! आलोक रंजन का जीतना मुश्किल, संजय सेठ की संभावना बढ़ी
Rajya Sabha Elections 2024: पार्टी की बैठक और डिनर पार्टी में विधायकों की अनुपस्थिति से सपा को राज्यसभा चुनाव में इनके क्रॉस वोटिंग करने का डर सताने लगा है। अगर ऐसा हुआ तो सपा का खेल बिगड़ सकता और पार्टी उम्मीदवार आलोक रंजन का जीतना मुश्किल हो जाएगा।
Rajya Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 27 फरवरी यानी मंगलवार को चुनाव होना है। दस सीटों पर 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। वोटिंग से एक दिन पहले सोमवार को ही समाजवादी पार्टी के खेमे में हलचल मच गई है।
समाजवादी पार्टी ने वोटिंग की पूर्व संध्या पर पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी और उनके लिए डिनर आयोजित किया था, लेकिन उसके 8 विधायक बैठक और डिनर में शामिल नहीं हुए। इससे सपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ऐसे में उनके तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन का जीतना मुश्किल हो सकता है।
ये 8 विधायक नहीं हुए बैठक और डिनर में शामिल-
सपा से चायल विधायक पूजा पाल, गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह, गोसाईगंज विधायक अभय सिंह, अमेठी विधायक महाराजी देवी, कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी, ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय, सिराथू विधायक पल्लवी पटेल और अंबेडकरनगर विधायक राकेश पांडेय सपा की बैठक और डिनर में शामिल नहीं हुए।
अखिलेश को सताने लगा क्रॉस वोटिंग करने का डर-
पार्टी की बैठक और डिनर में आठ विधायकों की अनुपस्थिति से सपा को राज्यसभा चुनाव में इनके क्रॉस वोटिंग करने का डर सताने लगा है। अगर ऐसा हुआ तो सपा का खेल बिगड़ सकता है। उसे अपना तीसरा उम्मीदवार जीताने के लिए पहले ही तीन वोट कम पड़ रहे थे, जिनका जुगाड़ करने के लिए अखिलेश यादव और नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया और निर्दलियों से बात की थी। अब अगर उसके खुद के ही 7 विधायक क्रॉस वोटिंग कर देते हैं तो उसके दो ही उम्मीदवार राज्यसभा जा पाएंगे। अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता पल्लवी पटेल सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ी थीं। उन्होंने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का विरोध जताते हुए पहले ही ऐलान किया था कि राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगी।
उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव के लिए मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। इस चुनाव में भाजपा एक अतिरिक्त सीट जीतने की कोशिश कर रही है। यहां मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और समाजवादी पार्टी के बीच है। जबकि चुनाव 10 सीटों के लिए होना है, लेकिन ग्यारह उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं भाजपा के पास अपने 7 उम्मीदवारों को उच्च सदन यानी राज्यसभा भेजने के लिए पर्याप्त वोट हैं, लेकिन उसने 8वां उम्मीदवार मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत-
यूपी विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। जिनमें से 4 सीटें अभी खाली हैं। इस तरह विधानसभा की मौजूदा संख्याबल 399 विधायकों की है। ऐसे में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए लिए 37 वोटों की जरूरत है। भाजपा को अपने 8वें उम्मीदवार की जीत पक्की करने के लिए 9 वोटों की जरूरत है।
बीजेपी, आरएलडी, अपना दल(एस), निषाद पार्टी, एसबीएसपी, जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के कुल 288 विधायक हैं। हालांकि, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का एक विधायक जेल में है, जिससे भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 287 रह गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए बसपा सांसद रितेश पांडे अपने पिता राकेश पांडे का वोट बीजेपी में ला सकते हैं। राकेश पांडे समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक हैं। इस तरह देखा जाए तो बीजेपी को आठवीं सीट पर जीत के लिए 8 और विधायकों के वोट की जरूरत पड़ेगी।
यूपी विधानसभा में एनडीए में शामिल दलों का संख्याबल-
1. बीजेपी- 252
2. अपना दल (एस)- 13
3. निषाद पार्टी- 6
4. एसबीएसपी- 6
5. जनसत्ता दल- 2
6. आरएलडी- 9
इंडिया ब्लॉक के दलों का यूपी विधानसभा में संख्याबल-
1. समाजवादी पार्टी- 108
2. कांग्रेस- 2
अन्य-
1. बीएसपी- 1
2. रिक्त- 4
दसवें उम्मीदवार के चयन में क्रॉस वोटिंग की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी को अपने तीसरे उम्मीदवार को जीताने के लिए सिर्फ तीन वोटों की जरूरत है। सपा और कांग्रेस के पास कुल मिलाकर 110 विधायक हैं। इनमें दो सपा विधायक रमाकांत यादव और इरफान सोलंकी जेल में हैं। इस तरह सपा को 3 और विधायकों के वोट की जरूरत है। अगर सपा विधायक राकेश पांडे बीजेपी प्रत्याशी को वोट करते हैं तो उन्हें 4 वोटों की अतिरिक्त जरूरत पड़ेगी। ऐसे में देखा जाए तो विधायकों की क्रॉस वोटिंग 10वें उम्मीदवार को जीताने में अहम भूमिका निभाएगी क्योंकि क्रॉस वोटिंग के बिना दोनों पार्टियों के लिए जीत चुनौतीपूर्ण होगी।
ऐसे में अब देखना होगा की सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन राज्यसभा पहुंचते हैं कि भाजपा के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ। यह तो राज्यसभा चुनाव में वोटों की गिनती होने के बाद ही पता चल पाएगा।