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Rajya Sabha Election: जया बच्चन को लगातार पांचवीं बार राज्यसभा भेजेगी सपा, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन के नाम भी तय

Rajya Sabha Election: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों का नाम तय करने के लिए विधायकों की बैठक बुलाई थी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 13 Feb 2024 4:45 AM GMT
Rajya Sabha Election
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Rajya Sabha Election  (photo: social media )

Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने अपने तीन प्रत्याशियों के नाम तय कर दिए हैं। हालांकि पार्टी की ओर से अभी तक इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों का नाम तय करने के लिए विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में तीन प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लग गई।

सपा लगातार पांचवीं बार जया बच्चन को राज्यसभा भेजने जा रही है। जया बच्चन के अलावा सपा के राष्ट्रीय महासचिव और दलित नेता रामजीलाल सुमन और अखिलेश सरकार में मुख्य सचिव रह चुके आलोक रंजन को भी पार्टी की ओर से राज्यसभा भेजा जाएगा। समाजवादी पार्टी के इन तीनों प्रत्याशियों की ओर से आज नामांकन किए जाने की संभावना है। भाजपा की ओर से पहले ही सात सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं।

सपा विधायकों की बैठक में नामों पर लगी मुहर

पार्टी मुख्यालय में सपा विधायकों की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जया बच्चन, रामजीलाल सुमन व आलोक रंजन को राज्यसभा के लिए प्रत्याशी बनाए जाने की जानकारी दी। सपा ने राज्यसभा में पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) समीकरण साधने के लिए दलित नेता रामजीलाल सुमन पर भरोसा जताया है। राज्यसभा में प्रोफेसर रामगोपाल यादव व जावेद अली खान पहले से ही पिछड़े व अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायकों का समर्थन है और उसे तीनों सीटों पर जीत हासिल करने के लिए 111 विधायकों के समर्थन की जल आवश्यकता है। सपा को कांग्रेस के दो विधायकों का समर्थन मिलना तय माना जा रहा है मगर पार्टी को एक अतिरिक्त वोट की व्यवस्था के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यदि राज्यसभा चुनाव में पार्टी के तीनों प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई तो राज्यसभा में सपा सदस्यों की संख्या पांच हो जाएगी।

लगातार पांचवीं बार राज्यसभा जाएंगी जया बच्चन

मशहूर फिल्म अभिनेता और महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की पत्नी जया बच्चन को सपा की ओर से लगातार पांचवीं बार राज्यसभा भेजने की तैयारी है। सपा 2004 से ही लगातार जया बच्चन को राज्यसभा भेज रही है। जया बच्चन खुद भी मशहूर अभिनेत्री रही हैं और उन्हें भारत सरकार की ओर से 1992 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। राज्यसभा में अपने अलग अंदाज के कारण जया बच्चन हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं। वे विभिन्न मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती हैं।

जया बच्चन का जन्म 9 अप्रैल 1948 को मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। उन्होंने नागपुर में भी अपना बचपन बिताया। बॉलीवुड में अपने शानदार अभिनय के दम पर वे नौ फिल्म फेयर अवार्ड जीतने में कामयाब हुई थीं।

1973 में उनकी शादी अमिताभ बच्चन के साथ हुई थी और उनके बेटे अभिषेक बच्चन भी बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता हैं। उनकी एक पुत्री श्वेता बच्चन नंदा हैं। श्वेता की शादी दिल्ली में कपूर परिवार के उद्योगपति पोते निखिल नंदा से हुई। उनके दो बच्चे नव्या नवेली और अगस्त्य नंदा हैं।

अभिषेक बच्चन की शादी अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से हुई है। उनकी एक बेटी आराध्या बच्चन है। अमिताभ और जया बच्चन का मुलायम परिवार से करीबी नाता रहा है और इस कारण पार्टी जया बच्चन को लंबे समय से राज्यसभा भेजती रही है।

सपा के कद्दावर नेता हैं रामजीलाल सुमन

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन को पार्टी का कद्दावर नेता माना जाता रहा है। वे कई बार लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। समाजवादी पार्टी के दलित नेता के रूप में उनकी पहचान रही है। वे छात्र जीवन से ही राजनीति के मैदान में सक्रिय हो गए थे। रामजी लाल सुमन का जन्म 25 जुलाई 1950 को हाथरस जिले के बहदोई गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई। उनकी माध्यमिक शिक्षा हाथरस में और उच्च शिक्षा आगरा कॉलेज आगरा में हुई। वे 1977 में पहली बार लोकसभा पहुंचे थे।

इमरजेंसी के दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का करीबी माना जाता था और उनकी सरकार में वे केंद्र में राज्य मंत्री भी रहे हैं। मात्र 26 साल की उम्र में वे 1977 में लोकसभा सांसद बनने में कामयाब हुए थे। 1993 में समाजवादी पार्टी का गठन होने के बाद उन्होंने मुलायम सिंह यादव का साथ देने का संकल्प लिया था। मुलायम सिंह के निधन के बाद अब वे अखिलेश यादव के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं।

प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं आलोक रंजन

आलोक रंजन अखिलेश यादव की सरकार के समय प्रदेश के मुख्य सचिव रह चुके हैं। जून 2014 में उन्हें प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। वे जुलाई 2016 में रिटायर हुए थे। बाद में अखिलेश यादव ने उन्हें मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार और यूपीएसआईडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी गिनती मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के करीबी अफसरों में की जाती रही है।

उनका जन्म 9 मार्च 1956 को उन्नाव में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंनें अहमदाबाद से एमबीए किया। वे 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएएसी परीक्षा में चौथा रैंक हासिल किया था। विधानसभा चुनाव के दौरान सपा का घोषणा पत्र बनाने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही है। अब पार्टी की ओर से उन्हें राज्यसभा भेजने की तैयारी है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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