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अखिलेश और शिवपाल ने जड़े एक दूसरे पर आरोप, हंगामे के बाद बेनतीजा रही मीटिंग

शिवपाल ने अपने भाषण में सीधा निशाना सीएम पर साधा और कहा कि अखिलेश ने मुझे धमकी देते हुए कहा था कि मैं अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ूंगा। शिवपाल ने कहा कि मैं गंगाजल उठाकर कह सकता हूं कि सीएम ने मुझसे यही कहा था।

zafar
Published on: 24 Oct 2016 1:55 PM IST
अखिलेश और शिवपाल ने जड़े एक दूसरे पर आरोप, हंगामे के बाद बेनतीजा रही मीटिंग
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लखनऊ: दिन कयामत का था। उम्मीद थी कि देश के सबसे बड़े राजनीतिक कुनबे में चल रहे सत्ता संघर्ष पर विराम लग जाएगा क्योंकि मंच पर समाजवादी पार्टी के पितामह मुलायम सिंह यादव, सीएम अखिलेश यादव और भाई शिवपाल यादव मौजूद थे। लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।

भावनाओं वाले भाषण हुए। आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। अंत में मुलायम ने शिवपाल और अखिलेश को गले मिलवाया। इसके बावजूद मिले गले तुरंत अलग भी हो गए। मंच पर ही मुलायम के सामने अखिलेश और शिवपाल आपस में भिड़ गए। शुरूआत जितनी ठीक हुई थी, अंत उसका बेहद खराब रहा। सपा मुख्यालय और सड़क पर अखिलेश और शिवपाल के समर्थक आपस में भिड़ गए और जमकर मारपीट हुई। मुलायम ने सपा के सभी विधायकों, चुनाव में प्रत्याशी और वरिष्ठ नेताओं को बुलाया था ताकि चल रहे विवाद को खत्म किया जा सके।

शुरूआत मुलायम के भाषण से

-मुलायम ने साफ कर दिया कि वो अमर सिंह का साथ नहीं छोड़ सकते क्योंकि वो उनके भाई की तरह हैं और उन्होंने मुझे जेल जाने से बचाया था।

-मुलायम सिंह ने कहा कि छोड़ना तो दूर की बात मैं अमर सिंह के खिलाफ कुछ सुन भी नहीं सकता।

-मुलायम ने कहा कि पार्टी बनाने में मैंने बहुत संघर्ष किया। इमरजेंसी के दौरान जेल गया। यह कौन नहीं जानता। लोहिया जी के रास्ते पर चलकर आगे बढ़ा। जो लोग उछल रहे हैं वो एक डंडा भी झेल नहीं पाएंगे।

-उन्होंने कहा कि पार्टी में चल रहे झगड़े से बहुत दु:खी हूं। पार्टी मैंने बनाई हैं अखिलेश ने नहीं।

-उन्होंने अखिलेश समर्थकों से कहा गुंडागर्दी करते हो मेरे से बड़ा गुंडा कोई नहीं है। जो अखिलेश भईया के नारे लगा रहे हैं उन्हें क्या पता मैंने लड़ाई कैसे लड़ी।

-मुख्तारी अंसारी का समर्थन करते हुए कहा कि उनका सम्मानित परिवार है। उनके परिवार के सदस्य राज्यसभा के सभापति हैं।

-मुलायम ने अखिलेश से कहा कि तुम अमर सिंह को गाली देते हो।

-मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी टूट नहीं सकती। शिवपाल के कामों को कभी भूल नहीं सकता। शिवपाल मुझे कुर्सी पर बैठाता था और खुद जमीन पर बैठता था।

शिवपाल ने लगाए आरोप

-शिवपाल ने अपने भाषण में सीधा निशाना सीएम पर साधा और कहा कि अखिलेश ने मुझे धमकी देते हुए कहा था कि मैं अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ूंगा।

-शिवपाल ने कहा कि मैं गंगाजल उठाकर कह सकता हूं कि सीएम ने मुझसे यही कहा था।

-शिवपाल ने कहा क्या मेरे विभाग में अच्छा काम नहीं हुआ। विपक्ष के लोगों ने मेरे काम की तारीफ की। मैने हमेशा नेताजी का कहना माना है।

-जब मुझे पार्टी की प्रदेश अध्यक्षता दी गई तो खुद सीएम अखिलेश ने मेरा समर्थन किया था।

-शिवपाल ने कहा कि नेताजी को सीएम बन जाना चाहिए। मैं जब सीएम से मिलने गया तो उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं दल बनाऊंगा और किसी भी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ूंगा।

-पार्टी में मलाई चाटने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई। नारेबाजी करने वाले लोगों को पार्टी से बाहर करना होगा। नेताजी के खून और पसीने से पार्टी बनीं है नारेबाजी से नहीं।

-शिवपाल ने कहा कि मैं जानता हूं कि पार्टी कैसे चलानी है। नेताजी के संरक्षण में 2017 में हम चुनाव लड़ेंगे।

-नाम लिए बगैर रामगोपाल की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिनके पास 10 वोट नहीं हैं। उन्होंने महागठबंधन को रुकवा दिया। वरना आज हम सबसे आगे होते।

सीएम अखिलेश बोले

-सीएम अखिलेश ने कहा कि मैं नई पार्टी क्यों बनाऊं। मेरे पिता मेरे गुरू हैं। उन्होंने कहा कि हम पर जो इल्जाम लगाना है लगाएं। लेकिन हमें भी बोलने का मौका दें। शिवपाल का नाम लिए बिना कहा जो बात नहीं सुनना चाहते हैं वो यहां से चले जाएं।

-उन्होंने कहा हमारी पार्टी स्थापना दिवस मनाने जा रही है। हम सब पूरी ईमानदारी से इसे सफल बनाने का काम करेंगे। हमे अन्याय के खिलाफ खड़े होना आप लोगों ने सिखाया है।

-रथ और स्थापना दिवस दोनों साथ चलेंगे। सब मैदान में हैं लेकिन काम करने वाले कहीं नहीं दिख रहे हैं।

बिगड़ा मामला

-मामला तब बिगड़ा जब अखिलेश ने कहा कि अमर सिंह ने मेरे बारे में टाइम्स आफ इंडिया के फ्रंट पेज पर लिखवाया कि मैं औरगंजेब हूं और नेताजी शाहजहां हैं।

-उन्होंने इस मामले में विधायक आशू मलिक का नाम लिया। आशू ने जब कहा कि मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं तो स्थिति बिगड़ गई।

-अखिलेश के सामने से माइक भी छीनने की कोशिश की गई और मारपीट की नौबत आ गई। मंच पर आशू मलिक को मुलायम सिंह ने ही बुलवाया था ।

-उन्होंनें एक पत्र का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि अखिलेश मुसलमानों का ध्यान नहीं रखते।

-आशू मलिक ने जवाब देने में गरिमा का भी ध्यान नहीं रखा और कहा.. मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं।

-इसकी सूचना जब बाहर पहुंची तो अखिलेश और शिवपाल के समर्थक आपस में भिड गए। जमकर मारपीट हुई।

-लेटर को लेकर हुए विवाद के बाद सीएम बैठक से चले गए और मीटिंग खत्म हो गई।

-लेकिन आशू के इस व्यवहार के बाद सीएम सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर चले गए ।



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