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रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह को सपा ने किया निष्कासित, पार्टी के खिलाफ आवाज उठाने की मिली सजा
Samajwadi Party News: सपा ने गुरुवार को बड़ा एक्शन लिया। पार्टी की दो युवा नेत्री को पार्टी से निष्कासित कर दिया। दोनों पर कार्रवाई को उनके पिछले बयानों से जोड़कर देखा जा रहा है।
Samajwadi Party News: समाजवादी पार्टी ने रोली तिवारी मिश्रा (Roli Tiwari Mishra) और ऋचा सिंह (Richa Singh) को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस संबंध में एक ट्वीट कर जानकारी दी गई। गौरतलब है कि, बीते दिनों समाजवादी पार्टी के इन दोनों युवा चेहरों ने पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस वाले बयान का विरोध किया था। माना जा रहा पार्टी ने उसी की सजा दी है।
गौरतलब है कि, रामचरितमानस विवाद पर सपा की दोनों नेता रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर अपना बयान दिया था। दोनों ने ही स्वामी प्रसाद मौर्य बयानों का विरोध किया था।
स्वामी प्रसाद के बयान पर युवा नेत्री का मुखर बयान
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने हाल में रामचरितमानस पर सवाल उठाए थे। जिसके खिलाफ बोलने की सजा गुरुवार (16 फ़रवरी) को दोनों महिला नेत्री को दी गई। उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। स्वामी प्रसाद के रामचरितमानस पर दिए बयान पर रोली तिवारी और ऋचा सिंह मुखर होकर बोलती रही थीं।
रोली तिवारी ने आज ही ट्विटर पर पूछे थे सवाल
रोली तिवारी मिश्रा ने आज ही अपने ट्विटर हैंडल पर पार्टी के सीनियर लीडर स्वामी प्रसाद मौर्य का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, 'स्वामी प्रसाद का कहना है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों को प्रतिबंधित करवाएंगे। 2012 में रोटी-कपड़ा सस्ती हो, दवा-पढ़ाई मुफ़्त हो, इस नारे के साथ अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री बने थे। क्या 'मानस का मुद्दा' लेकर सपा पुनः सरकार बना पाएगी?'
ऋचा भी स्वामी प्रसाद पर थी हमलावर
वहीं, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष डॉ. ऋचा सिंह (Dr. Richa Singh) भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमलावर थीं। ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की जमकर आलोचना करती रही थीं। ऋचा ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, 'राम चरित मानस की जिन पंक्तियों को लेकर आप आपत्ति कर रहे हैं, सच यह है कि आपने उन पंक्तियों को सही परिप्रेक्ष्य और उचित भावार्थ के साथ नहीं पढ़ा।'