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Samajwadi Party Family: मुलायम सिंह के जन्मदिन पर तय होगा 'परिवार' का राजनीतिक रास्ता
Samajwadi Party Family: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर क्या प्रसपा के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच कड़वाहट खत्म होगी? आइए जानते है इसके बारे में..
Samajwadi Party Family: पांच साल पहले समाजवादी पार्टी के परिवार (Samajwadi Party Family) में उपजा विवाद आज तक खत्म नहीं हो सका है। इस दौरान ऐसे कई मौके आए जिनमें चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) और भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के बीच कड़वाहट खत्म होने के आसार दिखे । पर एक पक्ष की सहमति होने पर दूसरे पक्ष की तरफ से असहमति जताए जाने के कारण यह विवाद फिर जस का तस रह गया। परिवार के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन (Mulayam Singh Yadav Birthday) पर जब पूरा खानदान एकत्र होगा तब एक बार फिर से शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच सुलह हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) (Pragatisheel Samajwadi Party) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अलग-अलग पार्टी के कार्यक्रमों में शामिल होकर चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं। दोनो दलों की तरफ से यात्राएं और जनसभाओं का दौर जारी है। इस बीच शिवपाल सिंह यादव अपनी चार चरण की यात्रा बेटे (shivpal singh yadav son) आदित्य यादव (Aditya Yadav) के साथ निकाल चुके हैं। उन्होंने यह यात्रा पिछले महीने 12 अक्टूबर को शुरू की थी। जिसका पांचवा चरण 14 को पूरा हो रहा है । जबकि पांचवा चरण 17 को और छठा चरण 24 नवम्बर शुरू होना है।
इस बीच मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन 22 नवम्बर को होने के कारण शिवपाल सिंह यादव अपनी यह यात्रा कैंसिल करने जा रहे हैं। अब सारा दारोमदार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर आकर टिक गया है। जहां अखिलेश यादव अपने चाचा से चुनावी गठबन्धन चाहते हैं । वहीं शिवपाल सिंह यादव चाह रहे हैं कि पहले की तरह वह एक बार फिर समाजवादी पार्टी में शामिल होकर पार्टी को फिर से उसकी उंचाईयों तक पहुंचाने का काम करें।
इससे पहले जब शिवपाल सिंह यादव ने अपनी रथ यात्रा शुरू की थी तब भी उन्होंने बिना अखिलेश यादव का नाम लिए कहा था कि हमने समाजवादी पार्टी से गठबन्धन के कई प्रयास किए परन्तु कोई जवाब नहीं आया है। अगर जल्द कोई जवाब नहीं आया तो हम 403 सीटों पर अकेले ही चुनाव लडे़गें। शिवपाल सिंह यादव का दावा है कि उन्होंने अपनी तरफ से कई सारे प्रयास किए । पर उनकी तरफ से कोई जवाब न आने के कारण ही अब वह अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं।
इसके पहले भी कानपुर में अपनी यात्रा के दौरान शिवपाल सिंह यादव कह चुके हैं कि उन्होंने सपा से गठबंधन के सवाल पर कहा कि बड़े संकल्प के लिए त्याग और संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए त्याग के लिए वह तैयार हैं। लेकिन सम्मान पर आए तो समझौता नही कर सकते हैं। अब सवाल इस बात का है कि शिवपाल सिंह यादव की तरफ से प्रयास फिर से किए जा रहे हैं । पर जब तक अखिलेश यादव की तरफ से इस मामले में हरी झंडी नहीं मिलती तब तक सुलह समझौते की बात करना बेमानी होगी।