...तो बन गई बात अब चाचा को अखिलेश सौंपेंगे अपनी जगह!

UP Politics: शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तो हैं ही साथी उनको संगठन का काफी लंबा अनुभव है। समाजवादी पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 24 July 2024 3:47 AM GMT
Shivpal Yadav and Akhilesh Yadav
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शिवपाल यादव और अखिलेश यादव   (फोटो: सोशल मीडिया ) 

UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र के हंगामी रहने के आसार हैं। विपक्ष कई मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करने को तैयार बैठा है। लेकिन वहीं विधानसभा में अखिलेश यादव के नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने के बाद से यह पद खाली है। कन्नौज से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा और नेता प्रतिपक्ष के पद से त्याग पत्र दे दिया था।

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव अपने चाचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकते हैं। जानकारों की मानें तो अखिलेश यादव को यूपी विधानसभा सत्र से पहले पार्टी का विधानसभा में नेता चुनना है। अभी तक नेता प्रतिपक्ष की रेस में चाचा शिवपाल यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो अखिलेश यादव परिवार के ही किसी व्यक्ति को उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकते हैं। ऐसे में देखा जाए तो विधानसभा में यादव परिवार में अब शिवपाल यादव ही हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी मिल सकती है। शिवपाल यादव जसवंतनगर से पार्टी के विधायक हैं और पार्टी के सीनियर लीडर हैं।

शिवपाल यादव क्यां?

शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता तो हैं ही साथी उनको संगठन का काफी लंबा अनुभव है। समाजवादी पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ है। राजनीति की बारिकियों को वे बखूबी समझते हैं। वे लगातार कई बार से विधानसभा का चुनाव जीतते आ रहे हैं। वहीं कार्यकर्ताओं और पार्टी के विधायकों को भी शिवपाल के नाम पर कोई एजराज नहीं होगा। ऐसा माना जा रहा है।


दलित को भी अखिलेश सौंप सकते हैं कमान

सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी विधानसभा में दलित समाज के व्यक्ति को भी नेता प्रतिपक्ष की कमान सौंप सकती है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता इंद्रजीत सरोज का नाम सबसे आगे है। इंद्रजीत सरोज पासी बिरादरी से आते हैं।


नेता प्रतिपक्ष की रेस में ये नाम आगे

सपा सूत्रों के मुताबिक अभी इंद्रजीत सरोज के अलावा राम अचल राजभर के नाम की भी चर्चा जोरो पर है। वहीं कुछ लोग माता प्रसाद पांडेय को भी दावेदार बता रहे हैं।

समाजवादी पार्टी जिस पीडीए की राजनीति पर चल रही है उसमें विधान परिषद में पिछड़े समाज के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देने के बाद अब पीडीए से दलित समाज के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व देने का काम विधानसभा में कर सकती है। इससे सपा को अपनी राजनीति में फायदा होगा।

2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन इस समाज का भी वोट मिला है, जिस कारण समाजवादी पार्टी इस समाज को भी प्रतिनिधित्व देकर अपनी पैठ बढ़ाना चाहेगी।



Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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