TRENDING TAGS :
Moradabad: सपा नेता आजम खान पिता-पुत्र को कोर्ट से बड़ा झटका, इस मामले में दोषी करार, शेष सभी आरोपी बरी
Azam Khan News: आज़म खान और अब्दुल्ला आज़म खान की कार को चेकिंग के लिए रोका गया था। छजलैट पुलिस ने 29 जनवरी 2008 को पूर्व मंत्री की गाड़ी को जांच के लिए रोका था।
Azam Khan News : समाजवादी पार्टी कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) तथा उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला खान (Abdullah Azam Khan) को अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सोमवार (13 फरवरी) को पिता-पुत्र को साल 2008 के एक मामले में दोषी करार दिया। ये केस आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सहित अन्य समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ 29 जनवरी 2008 में दर्ज करवाया गया था। एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया है।
मुरादाबाद की छजलैट पुलिस ने 29 जनवरी 2008 को समाजवादी पार्टी के नेता और तत्कालीन रामपुर विधायक आजम खान की कार जांच के लिए रोकी थी। चेकिंग की बात सुनते ही आज़म खान गुस्सा होकर सड़क पर बैठ गए। आजम खान और उनके साथियों सहित पार्टी कार्यकर्ताओं पर सड़क जाम करने तथा सरकारी कार्य में बाधा डालने व भीड़ को उकसाने आरोप लगे थे। पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी मामले में आज कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया है।
शेष सभी आरोपी निर्दोष करार
मुरादाबाद के छजलैट थाने (Chhajlat Police Station) में वर्ष 2008 में दर्ज इस मामले की सुनवाई स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट (Special MP MLA Court) में हुई। मामले में सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म खान, महबूब अली सहित 9 समाजवादी पार्टी नेता को आरोपी बनाया गया था। अदालत ने आज़म खान पिता-पुत्र को छोड़कर शेष सभी आरोपियों को निर्दोष करार दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, इस मामले में अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली (Mehboob Ali), पूर्व सपा विधायक हाजी इकराम कुरैशी (Haji Ikram Qureshi), बिजनौर के समाजवादी पार्टी नेता मनोज पारस (Manoj Paras), सपा नेता डीपी यादव (DP Yadav), सपा लीडर राजेश यादव तथा समाजवादी पार्टी नेता रामकुंवर प्रजापति आरोपी थे।
अब्दुल्ला आजम की याचिका SC ने की थी ख़ारिज
बता दें, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अब्दुल्ला आजम खान की उस याचिका को खारिज कर दिया था। जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) के फैसले को बरकरार रखते हुए पूर्व विधायक को चुनाव की तारीख पर न्यूनतम योग्यता आयु प्राप्त नहीं करने के कारण अयोग्य घोषित किया गया था।