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समाजवादी पार्टी के नेता भगवती सिंह का निधन, राजनीति के क्षेत्र में शोक की लहर
समाजवादी चिंतक व मुलायम सिंह यादव की सरकारों में मंत्री रहे भगवती सिंह के आज सुबह निधन का समचार सुनते ही राजनीति के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी।
लखनऊ: यूपी की राजनीति का एक बड़ा सितारा आज हमेशा के लिए विलुप्त हो गया। समाजवादी चिंतक व मुलायम सिंह यादव की सरकारों में मंत्री रहे भगवती सिंह के आज सुबह निधन का समचार सुनते ही राजनीति के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गयी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है।
आज सुबह से ही भगवती सिंह के रिवर फ्रंट स्थित आवास पर राजनीतिक सामाजिक क्षेत्र के लोगों को उनके घर पर तांता लगा रहा। समाजवादी चिंतक भगवती सिंह ने पहले ही अपनी देह दान की घोषणा कर रखी थी इसलिए आज दोपहर केजीएमयू के डाक्टरों ने वहां जाकर औपचारिकता पूरी की।
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के थे करीबी
भगवती सिंह 89 वर्ष के थे, उन्हें समाजवादी चिंतक माना जाता था और समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का बेहद करीबी भी बताया जाता था। इन दिनों वो बख्शी का तालाब स्थित चंद्रभानु गुप्त कृषि महाविद्यालय में ज्यादातर अपना समय बिताया करते थे। रविवार सुबह उन्होंने वहीं अंतिम सांस ली। भगवती सिंह ने बख्शी का तालाब स्थित चंद्रिका देवी मंदिर के निर्माण कार्य में अहम भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने बीकेटी में चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना भी की। इसके अलावा बख्शी का तालाब तहसील की स्थापना कराने में भी उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई।
मजदूरों और किसानों के हक में उठाया आवाज़
भगवती सिंह का जन्म लखनऊ के बीकेटी स्थित अर्जुनपुर गांव में हुआ था। शुरुआत से ही वह मजदूरों और किसानों के हक में आवाज उठाते थे। इसके लिए उन्होंने कई बड़े आंदोलन भी किए। 1975 के आपात काल के दौरान वह जेल भी गए। उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया, जनेश्वर, चंद्रशेखर और राजनारायण जैसे बड़े नेताओं से राजनीति का मार्गदर्शन प्राप्त किया।पिछली अखिलेष सरकार के दौरान समाजवादी पार्टी में हुए विवाद से भगवती सिंह बेहद दुखी रहते थें। इसलिए उन्होंने समाजवादी पार्टी की गतिविधियों में भी हिस्सा लेना कम कर दिया था।समाजवादी पार्टी की स्थापना के समय कुछ गिने चुने लोगों में भगवती सिंह भी शामिल थें। उन्होंने जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में काम किया था। समग्र क्रांति के समय उनकी इंदिरा सरकार के विरोध मे बडी भूमिका बताई जाती है। भगवती सिंह पहली बार 1977 में महोना से विधायक बने थे। इसके बाद कई बार उन्हें मंत्री रहे। 2004 में उन्हें राज्यसभा सदस्य भी बनाया गया।