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Azam Khan Hate speech : हेट स्पीच केस में आजम खान को 'दोहरा झटका', मिली 3 साल की सजा..जाएगी विधायकी
Azam Khan News Today: रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को आईपीसी की धारा 153-ए, 505-ए और 125 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दोषी करार दिया है।
Azam Khan Hate speech: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan News Today) पर आज भड़काऊ भाषण मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है। हेट स्पीच केस में अदालत ने आजम खान को 3 धाराओं में दोषी करार दिया है। हालांकि, आजम खान के वकीलों की ओर से दो जमानत याचिका दाखिल कर दी गई थी। आजम खान को जमानत मिल गई है। अभी वो जेल नहीं जाएंगे।
सजा के बाद सपा नेता आज़म खान ने कहा, 'उनका संघर्ष आगे भी जारी रहेगा। वो अब सेशन कोर्ट जाएंगे।' आपको बता दें, हेट स्पीच का ये मामला साल 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है। आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। आज़म के भड़काऊ बोल की शिकायत बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने की थी। इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आज यानी गुरुवार (27 अक्टूबर 2022) को अपना फैसला सुनाया।
3 साल की सजा, छह हजार जुर्माना
सपा नेता आजम खान को अदालत ने 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही, तीनों धाराओं में दो- दो हजार रुपये के जुर्माने कुल छह हजार के जुर्माने की भी सजा मिली है। ऐसे में उनकी विधानसभा की सदस्यता चली गई है। हालांकि, आजम खान को बेल मिल सकती है। बेल के लिए सपा नेता के पास एक महीने का समय होगा। जिसमें वो अपील कर सकते हैं।
कोर्ट का फैसला सुनाए जाने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर में ही बीजेपी नेता आकाश सक्सेना का उनके समर्थकों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। बीजेपी समर्थकों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। कलेक्ट्रेट के बाहर चौराहे पर ख़ुशी में आतिशबाजी की गई।
क्या कहा वादी आकाश सक्सेना ने?
वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता जो वादी भी हैं ने मीडिया से बात करते हुए कहा, कि 'साल 2019 में ही एक मामला दर्ज हुआ था। यह केस हेट स्पीच का था। यह आचार संहिता से जुड़ा मामला था जो देश में नजीर बनने जा रहा है। आने वाले समय में कोई भी नेता अपने भाषण में बोलने से पहले सौ बार सोचेगा। आजम खान अपने भाषण में जिस हद तक गिरे थे, आप स्पीच देखेंगे तो खुद पता चल जाएगा।'
अब्दुल्ला आजम- ये लड़ाई लंबी है
वहीं, आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने कहा, अदालत के किसी फैसले पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है। हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है। ज्यादातर मामलों में सर्वोच्च न्यायालय सहित अन्य अदालतों में हमें इंसाफ मिला है। ये लड़ाई लंबी है।'
चुनाव लड़ने पर भी रोक संभव
सरकारी वकील अजय तिवारी ने कहा, 'आज आए फैसले में कोर्ट ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई है। तीन धाराओं में दो-दो हजार का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में आज़म खान ने तत्कालीन कलेक्टर आंजनेय कुमार सिंह जो इस वक्त मुरादाबाद के कमिश्नर हैं, के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया था। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी जो एक संवैधानिक पद पर हैं, के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी केस में आज आजम खान दोषी करार दिए गए। अजय तिवारी ने आगे कहा, प्रावधान ये है कि जो भी व्यक्ति अगर वो विधायक या सांसद है और उसे 2 साल से ज्यादा की सजा होती है, तो उसकी विधायकी चली जाएगी। चुनाव लड़ने पर रोक भी लगाई जा सकती है।'
2 साल से ज्यादा की सजा पर जाएगी सदन की सदस्यता
गौरतलब है कि बीते दिनों ही नफरत भरे भाषणों और भड़काऊ बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त तेवर दिखाए थे। नफरत फैलाने वाले भाषणों आदि पर चिंता जताते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा था ऐसे मामलों में किसी शिकायत का इंतजार किए बगैर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को दिया था। साथ ही चेतावनी दी कि प्रशासन की ओर से इसमें किसी भी तरह की देरी को गंभीरता से लिया जाएगा। यह कोर्ट की अवमानना होगी। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इसी के तहत आज़म खान की विधायकी जाएगी।
आज़म के वकील कम सजा की कोशिश में
ये कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे कि, अगर आजम खान को दो साल से अधिक की सजा होती है, तो उनका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ जाएगा। उनकी विधायकी रद्द हो जाएगी। इसलिए कोर्ट में बहस करीब डेढ़ घंटे चली। आजम के वकील लगातार इस कोशिश में दिखे कि उन्हें कम से कम सजा हो। वहीं, अभियोजन पक्ष की कोशिश रही, कि आजम को नियमानुसार लंबी सजा हो। अब आजम खान चाहें तो इस फैसले को ऊपरी अदालत हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। फिर, जज का फैसला होगा कि मामला सुनने योग्य है या नहीं।
क्या है मामला?
ये मामला 7 सितंबर 2019 का है। आज़म के वकील ने बताया कि, यह एफआईआर अभियोजन पक्ष की तरफ से दर्ज करवाई गई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि एक जगह आजम खान ने हेट स्पीच दी थी। इस स्पीच के संबंध में उन्होंने केस दर्ज करवाया था। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आज़म खान के खिलाफ ये मामला दर्ज करवाया था। जबकि, आज़म पक्ष इसे राजनीतिक साजिश करार दे रही है। बता दें, आजम पर प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी तथा तत्कालीन डीएम को अपशब्द कहने के आरोप थे।
मिल गई जमानत
आजम खान को सजा सुनाये जाने के बाद उनके वकीलों के अनुरोध पर अदालत ने 25-25 हजार की दो जमानतों पर आजम खान को जमानत देकर रिहा कर दिया। अब वह फैसले के खिलाफ अपील के लिए बड़ी अदालत में जाएंगे।
देखें कोर्ट के आदेश की कॉपी