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Sitapur News: आजम खान जेल में सुन रहे 'महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र का जाप', जानिए पूरा मामला?
Sitapur News: सीतापुर जेल में महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र स्पीकर में बजाया गया।
Sitapur News: उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों के जीवन यापन में बदलाव लाने के लिए नए कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र बजाने का आदेश सभी जेलों को दिया है। जिससे कैदियों की मनोदशा को बदला जा सके। इस आदेश के बाद जेलों में मंत्री के आदेश को लागू किया जा रहा है। आज रविवार को सीतापुर जेल में महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र लाउट स्पीकर में बजाया गया। वहीं इस जेल में तकरीबन ढाई साल से बंद पूर्व मंत्री और रामपुर से विधायक आजम खान भी बंद हैं। लिहाजा वह भी महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र का जाप सुन रहे हैं।
मालूम हो कि सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुला खान सीतापुर जेल में बंद थे। बेटे को यूपी चुनाव से पहले जमानत मिल गई और वह रिहा हो गए। लेकिन आजम खान को अभी एक मामले में जमानत नहीं मिलने से वह अभी जेल के अंदर हैं। आजम खान पर कुल 87 मुकदमे अलग-अलग अदालतों में चल रहे थे। 86 में उनकी जमानत हो चुकी है, सिर्फ एक केस में अभी उन्हें जमानत का इंतजार है। इसकी वजह से वह बाहर नहीं आ पा रहे हैं।
कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने दिया है आदेश
योगी सरकार 2.0 में जेल एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने प्रदेश की सभी जेलों में सजा काट रहे कैदियों की मानसिक शांति के लिए बड़ा फैसला किया था। उन्होंने आदेश दिया था कि सभी जेलों में महामृत्युंजय और गायत्री मंत्र बजाया जाए। यहीं नहीं कुछ बड़े संतों के उपदेश भी सुनाने की बात कही गई है। इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई थी। उनका कहना था कि जेल में बंद कैदियों में कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने किए पर पछतावा होता है। उनमें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र बजाए जाएंगे। ताकि वह जब जेल से रिहा हों तो अच्छा इंसान बन सकें।
फैसले का हो रहा विरोध
वहीं अब इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं की तरफ से विरोध भी किया जा रहा है। फतवा ऑनलाइन के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा है कि जेल मंत्री ने बंदियों के अंदर बदलाव लाने के लिए जो नई व्यवस्था लागू की है। वह हिंदुस्तान की धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। क्योंकि हमारा संविधान सभी को अपने महजब के मुताबिक जीने का अधिकार देता है। जेल में सिर्फ एक धर्म के नहीं बल्कि अलग-अलग धर्म के लोग बंद हैं। ऐसे में ऐसी व्यवस्था वहां लागू करना उचित नहीं होगा।