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Samajwadi Party Executive: स्वामी से नाराज नेताओं को कार्यकारिणी में लेकर सपा ने साधा संतुलन
Samajwadi Party Executive: समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की संशोधित सूची जारी की है। इसमें पार्टी के बड़े नेताओं को भी शामिल किया गया।
Samajwadi Party: राम चरित मानस पर चल रहे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में संशोधन किया है. विगत दिनों घोषित हुई समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सवर्णों खासतौर से क्षत्रिय और ब्राह्मणों को कम स्थान मिलने से पार्टी के इस वर्ग के नेताओं में नाराजगी थी.
पार्टी के कद्दावर नेता ओमप्रकाश सिंह ने तो ट्वीट करके भी अपनी नाराजगी जताई थी. हालांकि बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया था. इसी को देखते हुए सपा ने संशोधित कार्यकारिणी में दो ठाकुर नेताओं ओमप्रकाश सिंह और अरविंद सिंह गोप को जगह दी है. दोनों को ही राष्ट्रीय सचिव बनाया है. हालांकि दोनों के कद को देखते हुए उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने की संभावना थी. लेकिन इन्हें राष्ट्रीय सचिव पर ही संतोष करना पड़ेगा. इसके साथ ही गोरखपुर के कद्दावर नेता हरिशंकर तिवारी के पुत्र विनय तिवारी को भी राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. नीरज सक्सेना की भी एंट्री राष्ट्रीय सचिव के रूप में हुई है. कुल मिलाकर नई कार्यकारिणी में चार नए सदस्य राष्ट्रीय सचिव के रूप में जुड़े हैं. चारों ही सवर्ण हैं.
इसके साथ ही कार्यकारिणी में कई सदस्यों को राष्ट्रीय सचिव के रूप में अपग्रेड किया गया है. इनमें राम गोविंद चौधरी शामिल हैं. पहले 19 राष्ट्रीय सचिव थे जो अब 24 हो गए हैं. इस प्रकार नई कार्यकारिणी में कुल 67 सदस्य हैं. पहले इनकी संख्या 63 थी. कार्यकारणी में ओबीसी सदस्यों की संख्या सर्वाधिक है. विशेष रूप से अध्यक्ष, प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव समेत राष्ट्रीय महासचिव के पदों पर ओबीसी ज्यादा हैं.
यदि हम सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का विश्लेषण करें तो इसमें ओबीसी नेताओं को महत्व दिया जाना साफ दिखाई देता है. कुल 14 राष्ट्रीय महासचिवों में 9 ओबीसी वर्ग से हैं. इनमें शिवपाल यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, रवि प्रकाश वर्मा, बलराम यादव, विशम्भर प्रसाद निषाद, हरेंद्र मलिक, नीरज चौधरी, लालजी वर्मा, राम अचल राजभर शामिल हैं. इनके साथ ही कुल मिलाकर 34 ओबीसी नेताओं को पूरी कार्यकारिणी में जगह मिली है. अध्यक्ष और प्रमुख महासचिव तो इस वर्ग से हैं ही. राष्ट्रीय सचिवों में भी ओबीसी की संख्या सर्वाधिक है. कार्यकारिणी में सिर्फ पांच ब्राह्मण नेताओं को जगह मिली है. वह भी राष्ट्रीय सचिव के रूप में एक अभिषेक मिश्रा, दूसरे तारकेश्वर मिश्रा और तीसरे विनय तिवारी और दो ब्राह्मण नेता सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं. वहीं सिर्फ चार क्षत्रिय नेताओं को जगह मिली है. दो राष्ट्रीय सचिव और दो सदस्य। और एक कायस्थ को भी जगह मिली है। कार्यकारिणी में नौ मुस्लिम नेताओं को जगह मिली है। इनमें एक राष्ट्रीय महासचिव, चार सचिव और दो सदस्य शामिल हैं। दो विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को भी राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. इसके साथ ही लखनऊ की डाक्टर मधु गुप्ता को भी राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है. जया बच्चन को सम्मान देते हुए उन्हें कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नामित किया गया है. कुल मिलाकर 62 लोगों की कार्यकारिणी बनाई गई है.