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ब्राम्हण वाद शुरू: हर दल को आने लगी याद, समाजवादी पार्टी सबसे आगे
यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट के बाद एक बार फिर राजनीतिक दलों को ब्राह्मणों की याद आने लगी हे। जहां सत्ता पक्ष अपने को ब्राह्मणों को सबसे बड़ा हितैशी बनाने में जुट गया है।
लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव की आहट के बाद एक बार फिर राजनीतिक दलों को ब्राह्मणों की याद आने लगी हे। जहां सत्ता पक्ष अपने को ब्राह्मणों को सबसे बड़ा हितैशी बनाने में जुट गया है। वहीं विपक्ष खास तौर पर समाजवादी पार्टी दो कदम आगे बढ़ने को तैयार है। पार्टी ने भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने के साथ ही इस बात की दावेदारी तेज कर दी हे कि मुलायम सरकार के दौरान ही परशुराम जयंती पर छुट्टी घोषित की गयी थी, जिसे योगी सरकार ने खत्म कर दिया है।
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परशुराम की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने पर विचार कर रही है सपा
समाजवादी पार्टी हिंदुओं और ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने पर विचार कर रही है। पार्टी यह मूर्ति लखनऊ में लगाई जाएगी। हालांकि जगह अभी ढूंढ़ी जा रही है। मूर्ति की ऊंचाई 108 फीट होगी। समाजवादी पार्टी इस बात का दावा कर रही है उसकी सरकार के दौरान ही पहली बार संस्कृत शिक्षकों का सम्मान किया गया।
भगवान परशुराम की प्रतिमा बनवाने के लिए समाजवादी पार्टी देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार अर्जुन प्रजापति और लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में लगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य मूर्ति बनाने वाले राजकुमार से सम्पर्क कर चुकी है। इतना ही नहीं प्रतिमा बनवाने के लिए परशुराम चेतना पीठ ट्रस्ट बनाया जाएगा। समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में कररने के लिए ब्राह्मण नेताओं को आगे करना शुरू कर दिया है।
अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं के साथ बैठक की
यही नहीं जल्द ही हर जिले में परशुराम की मूर्ति लगवाने और ब्राह्मणों को आकर्षित करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किए जाएगें। पिछले महीने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं अभिषेक मिश्र, मनोज पांडेय और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय के साथ बैठक कर भावी रणनीति पर विचार विमर्श किया।
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बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पहले ही ब्राम्हण समाज को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुकी है। जबकि कांग्रेस और सपा बराबर भाजपा सरकार पर निर्दोष ब्राह्मणों को प्रताड़ित करने का आरोप लगा रही हैं। जिसके बाद सरकार के तीन ब्राह्मण मंत्री डॉ दिनेश शर्मा, ब्रजेश पाठक और सतीश द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष पर हमला बोला था। कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भाजपा के मजबूत ब्राह्मण वोट बैंक पर सेंधमारी करने के लिए ब्राहमण चेतना संवाद की शुरुआत भी की है।
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