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Samajwadi Party: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का 2 दिवसीय तेलंगाना दौरा, KCR की रैली में होंगे शामिल
Samajwadi Party: कल 18 जनवरी को होने वाले के. चंद्रशेखर राव KCR की जनसभा में शामिल होंगे। इस दौरा वे खम्मम में 'कांति वेलुगु' के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे।
Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) की रैली में शामिल होने के लिए हामी भर दी है। कल रात 8 बजे हैदराबाद के लिए रवाना होंगे। इस दौरान अखिलेश यादव दो दिन तेलंगाना दौरे पर रहेंगे। कल 18 जनवरी को जनसभा आयोजित किया जायेगा। इस दौरा वे खम्माम में 'कांति वेलुगु' के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे। उन्होने गुरुवार को विवेकानंद जयंती के मौके पर मुलायम सिंह यादव के नाम पर नए साल का कैलेंडर जारी किया था।
दरअसल, भारत राष्ट्र समिति के अध्यक्ष और तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव (KCR) तीसरे मोर्चे की तैयारी कर रहे हैं। अब वे राज्य से निकलकर देश की राष्ट्रीय राजनीति में हाथ आजमाने की कोशिश में जुटे हैं। इसी दृष्टिगत उन्होंने तेलंगाना के खम्माम में 18 जनवरी को भारत राष्ट्र समिति की विशाल जनसभा बुलाई है। KCR ने इस विशाल जनसभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को आमंत्रित किया है। भारत राष्ट्र समिति ने कहा कि ये रैली देश में कई समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों की एकता को प्रदर्शित करने का एक मंच होगा।
खम्माम में विपक्षी पार्टियों का जमावड़ा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव 18 जनवरी को खम्माम मे जनसभा को संबोधित करेंगे। अभी हाल ही में वे अपनी तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदल कर भरत राष्ट्र समिति कर दिया है। खम्माम में होवे वाले जनसभा में सम्मिलित होने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान सिंह, केरल के सीएम पिनरई विजयन और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए न्योता भेजा है। जिसमे से सपा राष्ट्रीय अध्य़क्ष ने हामी भर दी है। केसीआर इस रैली के माध्म से शियासी समीकरण साधने की कोशिस में हैं। इस रैली के माध्यम से विपक्षी कुनबे को मजबूत करना चाहते हैं। जिससे 2024 लोक सभा चुनाव मजबूती से लड़ा जा सके। इसी क्रम में उन्होने दिल्ली में पार्टी दफ्तर की शुरूआत की थी।
कांग्रेस को संदेश
राजनीतिक जानकारों की माने तो 18 जनवरी को होने वाली केसीआर की रैली के लिए अखिलेश यादव की हामी कांग्रेस को स्पष्ट संदेश है। अखिलेश पहले भी कांग्रेस और भाजपा को एक जैसी पार्टी बता चुके हैं। जब उत्तर भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है तो उन्होने इससे दूरी बनाना ही उचित समझा। अतीत को देंखे तो सपा को कांग्रेस से कोई फायदा नही हुआ है। 2017 के विधान सभा चुनाव में सपा कांग्रेस गठबंधन का कोई फायदा नही हुआ। इस रैली के लिए हामी भरकर अखिलेश यादव ने साफ संदेश दिया है, कि वे गैर-बीजेपी और गैर कांग्रेसी एकता को बल देंगे।