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Sambhal Jama Masjid : संभल जामा मस्जिद को लेकर ASI ने कोर्ट के सामने किए चौंकाने वाले दावे, अब आगे क्या होगा?

Sambhal Jama Masjid : उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने कोर्ट के समक्ष हलफनामा दाखिल किया है।

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Newstrack Network
Published on: 30 Nov 2024 4:55 PM IST (Updated on: 30 Nov 2024 5:27 PM IST)
Sambhal Jama Masjid : संभल जामा मस्जिद को लेकर ASI ने कोर्ट के सामने किए चौंकाने वाले दावे, अब आगे क्या होगा?
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Sambhal Jama Masjid : उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने कोर्ट के समक्ष हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें चौंकाने वाले दावे किए हैं। एसआई ने कहा कि 1920 से इस जामा मस्जिद के संरक्षण और रखरखाव का जिम्मा हमारे पास है। इसके बावजूद उन्हें इसके मौजूदा स्वरूप के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि उनकी टीम को लंबे समय से मस्जिद के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।

एएसआई ने हलफनामे में और क्या कहा?

- हेरिटेज जामा मस्जिद के रख-रखाव और संरक्षण का जिम्मा 1922 से ही एएसआई के पास है। इसके बावजूद एसआई को मस्जिद के अंदर प्रवेश करने से रोका जाता रहा है।

- एसआई की टीम ने जामा मस्जिद का आखिरी बार जून, 2024 में दौरा किया था। इस दौरान पुलिस और प्रशासन का सहयोग लिया गया था।

- इससे पहले 1998 में दौरा किया गया था, उस दौरान भी लोगों ने एएसआई टीम को मंदिर के अंदर घुसने से रोक दिया था।

- मस्जिद का मुआयना नहीं कर पाने के अंदर मस्जिद परिसर में हुए निर्माण कार्यों की कोई जानकारी एएसआई के पास नहीं है।

- एएसआई ने जामा मस्जिद में अवैध तरीके से निर्माण कार्य कराये जाने और मस्जिद के स्वरूप को बदले जाने का आरोप लगाया है।

- ASI ने कोर्ट से कहा कि मस्जिद परिसर में निर्माण कार्य कराया जाना प्राचीन इमारतों और पुरातात्विक अवशेषों के संरक्षण अधिनियम 1958 के प्रावधानों का उल्लंघन है, इसे लेकर जिम्मेदार लोगों को नोटिस भी जारी किए गए थे।

- मस्जिद परिसर में सीढ़ियों के दोनों ओर स्टील की रेलिंग लगाई गई है। इसे लेकर आगरा कमिश्नर ने 19 जनवरी 2018 को संभल कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई थी। एएसआई ने भी 23 जनवरी, 2018 को संभल जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया था। वहीं, 16 फरवरी, 2018 को आगरा मंडल के एडिशनल कमिश्नर ने संभल के डीएम को आदेश दिया था कि स्टील रेलिंग को घ्वस्त किया जाए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

- एएसआई ने कहा कि मस्जिद के केंद्र में स्थित हौज का नवीनीकरण किया गया है। इसके साथ फर्श ही पर लाल बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट और संगमरमर लगा दिया गया था, जिससे पुरानी फर्श दब गई है। इसके अलावा मूल पत्थर के निर्माण पर प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल किया गया है। पेंट का कई बार इस्तेमाल किया गया, जिससे मस्जिद का वास्तविक स्वरूप नष्ट हो गया है।

- एएसआई ने अपने हलफनामे में कहा कि जामा मस्जिद में अलग-अलग स्थानों पर मनमाने तरीके से निर्माण कार्य कराए गए हैं, जिससे इसका मूल स्वरूप काफी हद तक बदला जा चुका है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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