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Sambhal Hinsa : पुलिस ने 100 से ज्यादा उपद्रवियों की पहचान की, 27 को भेजा जेल, इंटरनेट सेवा 24 घंटे के लिए निलंबित
Sambhal Hinsa : संभल में हिंसा के दो दिन बाद कुछ हिस्सों में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
Sambhal Hinsa : उत्तर प्रदेश के संभल में बीते रविवार को हुई हिंसा में करीब चार लोगों की मौत हुई है। हिंसा के बाद अभी भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। कानून व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए एहतियात के तौर पर 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। वहीं, हिंसा को लेकर सियासी घमासान भी मचा हुआ है। एक ओर पुलिस का कहना है कि हिंसा के दौरान जिन लोगों की मौत हुई है, उसका कारण देशी तंमचे से गोली लगना है। पुलिस का कहना है, उनकी तरफ से फायरिंग नहीं की गई है। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय का कहना है कि पुलिस दो तरह के हथियार रखती है।
संभल के पुलिस अधीक्षक केके बिश्नोई ने बताया कि हिंसा के आरोपों में कथित संलिप्तता के लिए मंगलवार को दो महिलाओं सहित 27 लोगों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं, जिन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से 100 से ज़्यादा उपद्रवियों की पहचान की है। इन उपद्रवियों को पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगतार दबिश दे रही हैं।
इंटरनेट सेवा पर लगी रोक
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हालात सामान्य बने हुए हैं, हालांकि कुछ स्थानों पर अभी भी तनाव की स्थिति है। कानून-व्यवस्था न बिगड़े, इसे देखते हुए और अफ़वाहों पर लगाम लगाने के लिए इंटरनेट सेवाओं को अगले 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि शाही मस्जिद इलाके में दुकानें बंद हैं। जिले के अन्य हिस्सों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, काम-काज शुरू हो गया है।
अफवाहों को फैलाने से बचें
एसपी केके बिश्नोई ने कहा कि शांति बहाली के लिए प्रशासन की ओर से सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि कि गलत सूचनाएं और अफवाह फैलाने वालों से सतर्क रहें। किसी भी अफवाह की स्थिति में पुलिस को सूचित करें। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों को शेयर करने से बचने की भी सलाह दी है। प्रशासन ने कानून व्यवस्था को देखते हुए 30 नवंबर तक बाहरी लोगों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
वहीं, इससे पहले मंगलवार को ही समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि आजकल पुलिस की नई प्रवृत्ति है। पुलिस अपने पास दो तरह के असलहे रखती है, एक सरकारी और एक देशी। पुलिस को जहां गोली चलानी होती है, वहां देश असलहे का इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि बहुत कम ही मौके होते हैं, जब सरकारी असलहा इस्तेमाल किया जाता है।