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Syed Salar Masood Ghazi: कौन था सैयद सालार मसूद गाजी, जिसकी याद में संभल में नेजा मेला लगाने को नहीं मिली अनुमति
Syed Salar Masood Ghazi: विदेशी आक्रांताओं ने भारत में कई बार समय-समय पर लूटपाट की। इसमें मुगल भी शामिल थे जो लूटपाट करने आए और फिर भारत में लंबे अरसे तक शासन भी किया।
Syed Salar Masood Ghazi
Syed Salar Masood Ghazi: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक हजार साल से लगने वाले नेजा मेला इस वर्ष नहीं लगेगा। संभल में सैयद सालार मसूद गाजी की याद में होली के बाद हर साल नेजा मेला का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस साल पुलिस प्रशासन ने साफ कह दिया है कि किसी भी आक्रांता की याद में मेले के आयोजन को अनुमति नहीं दी जा सकती है।
वहीं नेजा मेला को लेकर दूसरे पक्ष ने मांग की थी कि मसूद गाजी के महिमामंडन के लिए इस तरह के मेले के आयोजन को अनुमति न दी जाए। जनपद के एएसपी श्रीशचंद्र ने साफ कह दिया है कि सालार मसूद गाजी आक्रांता था। सोमनाथ मंदिर के लुटेरे की याद में नेजा मेला अब नहीं लगेगा। ऐसी कुरीतियां खत्म होनी चाहिए।
सैयद सालार मसूद गाजी कौन था
विदेशी आक्रांताओं ने भारत में कई बार समय-समय पर लूटपाट की। इसमें मुगल भी शामिल थे जो लूटपाट करने आए और फिर भारत में लंबे अरसे तक शासन भी किया। इनमें से ही एक था महमूद गजनवी। महमूद गजनवी गजनी का रहने वाला था। उसने सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण किया था। सोमनाथ मंदिर में लूटपाट की। यहीं नहीं मंदिर में स्थित शिवलिंग को भी खंडित कर दिया था।
सैयर सालार मसूद गाजी मोहम्मद गजनवी का ही भांजा था। मसूद गाजी को गजनवी की सेना का सेनापति था। जब मुस्लिम शासक मोहम्मद गजनवी भारत आया। उसने जबरन धर्म परिवर्तन करवाया और जिसने भी उसकी बात नहीं मानी। उसका कत्ल कर दिया गया। श्रीवस्ती के राजा सुहेलदेव राजभर ने मोहम्मद गजनवी का डटकर सामना किया।
उसने कई राजाओं ने मिलकर संयुक्त सेना तैयार की और सैयद सालार से युद्ध किया। युद्ध में सैयद सालार मसूद गाजी की हार और वह मारा गया। मसूद गाजी की कब्र यूपी के बहराइच जनपद में हैं। मुस्लिम शासकों ने उसका महिमामंडन करने के लिए दरगाह का रूप दे दिया। यहां भी मेला लगता है। जिसको लेकर विवाद हो चुके हैं। वहीं संभल में होली के बाद मसूद गाजी की याद में नेजा मेला का आयोजन होता है।