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जमात-ए-इस्लामी हिंद के सेमिनार में जमकर बरसे संजय राउत
सीएए, एनपीआर या एनआरसी से महाराष्ट्र में किसी को डरने जरूरत नहीं
मुंबई, 5 जनवरी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कल शाम जमात-ए-इस्लामी हिंद द्वारा आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा लिया। सेमिनार का विषय "सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी के मध्य सम्बन्ध" था। यह सेमिनार पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय था क्योंकि संजय राउत ने जमात-ए-इस्लामी हिंद के इस निमंत्रण को स्वीकार कर रखा था।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को सीएए, एनपीआर या एनआरसी से डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि महाराष्ट्र की सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा देशभक्ति का कोई धर्म नहीं होता और धर्म के आधार पर किसी पर किसी प्रकार लेबल नहीं लगाया जा सकता।
संजय राउत ने यहाँ कहा कि जब इस संगठन ने मुझे आमंत्रित किया था तब लोगों के बीच एक सवाल था कि क्या मैं इस कार्यक्रम में आऊंगा या नहीं ? मैंने यहाँ आना इसीलिए स्वीकार किया क्योंकि मैं इस नए कानून के बारे में लोगों के बीच फैले डर को दूर करना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस देश, यहाँ नागरिकों एवं समाज को धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहती है और हम ऐसा कतई होने नहीं देंगे। उन्होंने कहा पूरा देश एवं विपक्ष सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, तरह तरह की आशंकायें व्यक्त कर रहा है, लेकिन भाजपा इतने विरोध के बावजूद इन विवादास्पद कानूनों को लागू करने में जुटी है।
संजय राउत ने कहा शिवसेना भाजपा के निष्ठुर रूख को कतई समर्थन नहीं देने वाली है। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस द्वारा छात्रों पर किये गए अत्याचार पर सबसे पहले बोलने वाले मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही रहे। उन्होंने इस घटना की तुलना जलियांवाला बाग (घटना) से की थी। उन्होंने कहा कि हमारे पीएम कहते हैं कि छात्रों को सिर्फ पानी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। तो मैं उन्हें याद दिला देना चाहता हूँ कि आजादी के बाद से इस देश का हर आंदोलन छात्रों द्वारा ही शुरू किया गया है। इस देश को बदलने में इन छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। एक लोकतान्त्रिक देश में छात्रों पर अत्याचार किये जाने की कल्पना भी नहीं की जानी चाहिए। यदि इस देश का युवा खतरे में होगा तो लोकतंत्र भी कहीं न कहीं खतरे में ही होगा।
उन्होंने कहा भाजपा महाराष्ट्र में सरकार खोने के आघात से उबर नहीं पाई है। अभी तो यह शुरुआत है हम उन्हें ऐसे बहुत झटके देते रहेंगे। हमने उन्हें यह झटका महाराष्ट्र को आँखें न दिखाने के लिए ही दिया है। सबका साथ, सबका विकास सिर्फ भाजपा ही नहीं शिवसेना भी कर सकती है और हम महाराष्ट्र में यह कर के रहेंगे।