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UP: संजय सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के ट्रांसफर पर उठाए सवाल, बोले- डॉक्टर का तेरहवीं के बाद आया ट्रांसफर आर्डर
कॉन्फ्रेंस में संजय सिंह ने कहा कि जौनपुर का एक डॉक्टर जिसका निधन 2 साल पहले हो गया था, उसका ट्रांसफर भी कर दिया गया। और तो और एक डॉक्टर का 2-2 जिलों में भी ट्रांसफर कर दिया गया।
Uttar Pradesh: 'प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. बृजेश पाठक जिनके पास स्वास्थ्य विभाग भी है, उन्होंने खुद कहा था कि जो डॉक्टर की, चिकित्सकों की चिकित्सा कर्मियों की ट्रांसफर पोस्टिंग हुई है, उसमें तमाम अनियमितता बरती गई और तबादला नीति की अनदेखी की गई। जिस दिन स्वास्थ्य महानिदेशक महोदय का रिटायरमेंट का दिन है उसी दिन वह सारे ट्रांसफर कर देते हैं। आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग में हो रहे ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर कई सवाल खड़े किए और जांच कमेटी बैठाई है।' ये बातें राज्यसभा सांसद व आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
डॉक्टर का तेरहवीं के बाद आया ट्रांसफर आर्डर
कॉन्फ्रेंस में संजय सिंह ने कहा कि जौनपुर का एक डॉक्टर जिसका निधन 2 साल पहले हो गया था, उसका ट्रांसफर भी कर दिया गया। और तो और एक डॉक्टर का 2-2 जिलों में भी ट्रांसफर कर दिया गया। तो क्या यह स्वास्थ्य विभाग में मजाक हो रहा है? डिप्टी सीएमओ डॉ सुधीर चंद्रा जिनकी मृत्यु हो गई और तेरहवीं भी कर दी गई, उसके बाद उनके ट्रांसफर का ऑर्डर आ गया, इसी तरह दीपेंद्र सिंह नाम के एक सर्जन की मृत्यु के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया।
अमरोहा में 4 नवजात बच्चों की हुई मौत
संजय सिंह ने गलत तरीके से किये गए ट्रांसफर का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफरों की वजह से अमरोहा में कोई महिला डॉक्टर के प्रसव के लिए उपलब्ध ना होने से 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि जौनपुर में तैनात डेंटल हाइजीनिस्ट डॉ विजय श्रीवास्तव जिनकी मौत 2 साल पहले हो गई थी उनका ट्रांसफर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुजानगंज में कर दिया गया।
रिटायरमेंट के दिन DG ने किये ट्रांसफर
संजय सिंह ने ट्रांसफर पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपने रिटायरमेंट के दिन स्वास्थ्य विभाग के डीजी द्वारा ट्रांसफर के नाम पर इस तरह के मजाक किए गए। क्या अब भी योगी आदित्यनाथ को समझ में नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर दलाली का जो धंधा चल रहा है, जिसमें विभाग के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री खुद सवाल उठा रहे हैं, जिस पर आदित्यनाथ ने एक जांच कमेटी भी बना दी। लेकिन इन जांच कमेटियों का निष्कर्ष कुछ भी नहीं निकलता है।