Sant Kabir Nagar: मासूम अरुण हत्याकांड में 24 घंटे के अंदर पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार

Sant Kabir Nagar: संत कबीर नगर को दहला देने वाला मासूम अरुण हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया।

Amit Pandey
Report Amit PandeyPublished By Vidushi Mishra
Published on: 7 March 2022 11:56 AM GMT (Updated on: 7 March 2022 12:00 PM GMT)
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बुलंदशहर में सिरफिरे युवक का खूनी तांडव (photo : social media )

Sant Kabir Nagar: यूपी के संत कबीर नगर को दहला देने वाला मासूम अरुण हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया और दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। आपको बताते चलें कि 24 घंटे पहले महुली थाना क्षेत्र में 7 वर्ष के मासूम अरुण का शव गेहूं के खेत के पास मिला था जिसकी पहचान अरुण के रूप में हुई थी।

आपको बता दे अरुण पिछले 2 दिन से लापता था और उसकी मां प्रमिला देवी द्वारा कोतवाली खलीलाबाद में गुमशुदगी का केस दर्ज था । शव मिलने के बाद मृतक की मां ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी लगाया था ,मां का कहना था यदि समय रहते पुलिस चेत जाती तो मेरा बच्चा जिंदा होता ।

पुलिस ने 24 घंटे के अंदर किया खुलासा

घटना प्रकाश में आते ही पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुभ ने पुलिस टीम को सख्त निर्देश दिया था जल्द से जल्द घटना का खुलासा किया जाए। मासूम का शव मिलने की महज 24 घंटे के भीतर पुलिस ने दो अभियुक्त रविचंद्र मंटू पुत्र सुरेश चंद्र राव, व धनेश्वर झूलेलाल पुत्र कैलाश निवासी मटिहाना थाना कोतवाली खलीलाबाद को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि मृतक अरुण की मां प्रमिला को सबक सिखाने के लिए उसके बच्चे को 4 तारीख को घर से बाहर अपहरण करके महुली थाना क्षेत्र के राम घाट पुल पर सड़क किनारे ले गए और गड्ढे में हाथ बांधकर पानी में डुबोकर मार दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। शव को छुपाने के लिए गेहूं के खेत के पास झाड़ी में फेंक दिया।

इस सम्बंध में पुलिस कप्तान डॉ कौस्तुभ ने बताया कि शव के पास मिले चूड़ी और बिंदी इन अभियुक्तों द्वारा रखा गया था ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके और यह साबित हो कि जाए हत्याकांड जादू टोटके की वजह से हुआ है।

अभियुक्तों के पास से बच्चे के अपहरण में उपयोग की गई दुपहिया वाहन जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 58 k 0723 ,व दो एंड्राइड मोबाइल सैमसंग ओप्पो कंपनी और ₹500 नगद बरामद किया गया।

पुलिस कप्तान ने बताया शुरुआती पूछताछ में अभियुक्त परिजनों के साथ पुलिस के सहयोग में दिखता रहा जिस देश पर शक नहीं किया था बाद में इसकी भूमिका संदिग्ध महसूस हुई जिससे यह भागने का प्रयास करने लगा और मुखबिर की सटीक जानकारी पर इसे दबोचा गया।

Vidushi Mishra

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