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Sant Kabir Nagar: खराब ब्लेजर बेचने पर उपभोक्ता आयोग ने कैनरी लंदन के खिलाफ सुनाया फैसला

Sant Kabir Nagar: शिकायतकर्ता ने अगले दिन दो घण्टे तक उसे पहना उसके बाद देखा कि भुजाओं व कोहनी के स्थान पर जगह-जगह रोएं निकल आये हैं तथा कपड़े खराब हो गए हैं।

Amit Pandey
Published on: 16 Aug 2022 2:47 PM GMT
Consumer Commission has ruled against Canary London for selling bad blazer
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 Consumer Commission has ruled against Canary London for selling bad blazer (Image: Newstrack)

Sant Kabir Nagar: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, सदस्य सुशील देव व श्रीमती संतोष ने मंगलवार को खराब ब्लेजर बेचने के मामले में फैसला सुनाते हुए विक्रेता को ब्लेजर वापस लेकर उसका सम्पूर्ण मूल्य समेत बारह हजार अतिरिक्त ब्याज समेत अदा करने का आदेश दिया है। मामला खलीलाबाद शहर में नेहरु चौक पर स्थित परिधान विक्रेता कैनरी लंदन के दुकान का है।

मगहर कस्बा स्थित तकिया बाजार निवासी रईस अहमद ने अपने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दाखिल कर कहा कि उन्होंने कैनरी लंदन के लोक लुभावन विज्ञापन से प्रभावित होकर दिनांक 22 नवम्बर 2021 को उनके दुकान से एक ब्लेजर रुपये पांच हजार 999 देकर खरीदा था। दुकानदार द्वारा यह कहा गया कि 14 दिन के भीतर किसी भी प्रकार की शिकायत आने पर इसे बदल दिया जाएगा।

शिकायतकर्ता ने अगले दिन दो घण्टे तक उसे पहना उसके बाद देखा कि भुजाओं व कोहनी के स्थान पर जगह-जगह रोएं निकल आये हैं तथा कपड़े खराब हो गए हैं। अगले दिन दुकान पर जाने तथा कमियों के बारे में शिकायत करने पर दुकान मालिक द्वारा कोई ध्यान नही दिया गया। इसके साथ ही उनके द्वारा यह कहा गया कि इसे न तो बदला जाएगा और न ही वापस किया जाएगा। इसके साथ ही दुकान से निकल जाने की बात कही गई। मजबूर होकर न्यायालय की शरण में आना पड़ा।

न्यायालय ने अधिवक्ता अन्जय कुमार श्रीवास्तव के दलीलों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने तथा सबूतों का अवलोकन करने के उपरांत कैनरी लंदन प्रबंधक को 30 दिन के भीतर उक्त खराब ब्लेजर को वापस लेकर रुपये पांच हजार नौ सौ निन्याबे मुकदमा दाखिल करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक छह फीसदी ब्याज के सात भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही रुपये दस हजार शारीरिक,आर्थिक व मानसिक क्षतिपूर्ति तथा रुपये दो हजार मुकदमा खर्च के रुप में शिकायतकर्ता को देने का आदेश दिया है। तीस दिन के भीतर भुगतान न करने पर आठ फीसदी ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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