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UP Police Paper Leak: दूसरे के स्थान पर दी परीक्षा, मुख्य आरोपी समेत गैंग के दस सदस्यों की जमानत खारिज

UP Police Paper Leak Case: संतकबीरनगर जिले में धोखाधड़ी कर दूसरे की जगह परीक्षा का ठेका लिए गैंग के सरगना सहित 10 लोगों की जमानत अर्जी खारिज हो गयी।

Amit Pandey
Published on: 22 March 2024 7:05 PM IST
UP Police Paper Leak Case
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UP Police Paper Leak Case (Pic:Newstrack)

Sant Kabir Nagar News: पुलिस भर्ती परीक्षा में संतकबीरनगर जिले में धोखाधड़ी कर दूसरे की जगह परीक्षा का ठेका लिए गैंग के सरगना सहित 10 लोगों की जमानत अर्जी खारिज हो गयी। जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव एवं विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि थाना कोतवाली अंतर्गत गन्ना विकास इंटर कॉलेज के केंद्र व्यवस्थापक अभिषेक शर्मा ने थाना कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिए कि परीक्षा कंट्रोल रूम लखनऊ से उन्हें सूचना मिली कि उनके परीक्षा केंद्र पर शशि कपूर जो परीक्षा दे रहा है वह फेक है। अपने स्तर से जांच कर लें तथा परीक्षा में भी बाधा उत्पन्न न हो।

कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर उनके द्वारा रोल नंबर मिलान कर संबंधित रोल नंबर को चेक किया गया तो दिनांक 17 फरवरी 2024 की प्रथम पाली की उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा संचालन में उक्त अभ्यर्थी का हस्ताक्षर, फोटो, आधार, प्रवेश पत्र का मिलान करने पर आपस में मेंल नहीं खा रही थी। ऐसी दशा में जब बायोमेट्रिक टीम द्वारा आधार जांच कराया गया तो अभ्यर्थी का फोटो, आधार, अंगूठा निशान बायोमेट्रिक से मैच नहीं किया। उक्त स्थिति में उनके द्वारा उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया। इसके संबंध में संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचकर परीक्षा समाप्ति के पश्चात अभ्यर्थी से पूछताछ किया तो उक्त अभ्यर्थी ने अपना नाम प्रशांत कुमार उर्फ सिंकू सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह निवासी जोनी थाना बिक्रमगंज जिला रोहतास सासाराम बिहार बताया और उसने बताया कि वह शशि कपूर पुत्र चेतराम निवासी राजनौली सिरसी खास थाना धनघटा के स्थान पर परीक्षा दे रहा है।

उसने यह भी बताया कि घनश्याम उससे मिला और बताया कि तुम्हें पैसा दिया जाएगा और तुम्हे शशि कपूर की जगह पर परीक्षा देना है कुछ पैसा ट्रांसफर किया गया है। ट्रेन से गोरखपुर स्टेशन पर पहुंचना जहां तुम्हें विनय नाम का व्यक्ति मिलेगा। वह तुमको खलीलाबाद परीक्षा केंद्र पर पहुंचा देगा। उसने यह भी बताया कि जब वह खलीलाबाद पहुंचा तो केंद्र के बाहर शशि कपूर मिला और उसने अपना पूरा कागज उसे दे दिया।

मामले में पुलिस द्वारा इस संबंध में पूरे गैंग का पर्दाफाश किया गया तथा 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें प्रशांत कुमार उर्फ सिंकु सिंह, गौतम कुमार संजय कुमार यादव, चंद्रशेखर यादव, शशि कपूर, सेनपाल उर्फ विनय, शैलेंद्र यादव ,राम भरत, संजय कुमार, शशिकांत सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार उर्फ इंद्रजीत थे। सभी अभियुक्तगण ने जमानत अर्जी न्यायालय में प्रस्तुत किया जिसका शासकीय अधिवक्ता द्वारा विरोध करते हुए तर्क दिया गया कि ऐसे लोग गैंग बनाकर वास्तविक अभ्यर्थियों के हक को छीनने का कार्य किए हैं जिसे लाखों अभ्यर्थियों को परेशानी उठानी पड़ी है।ऐसे लोगों के कृत्य से मेधावी छात्र आत्मघाती कदम उठा लेते हैं।

अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम दिनेश प्रताप सिंह ने दोनों पक्षों के बहस को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी आरोपियों की जमानत अर्जी निरस्त कर दिए। उन्होंने अपने आदेश में यह बताएं कि अभियुक्त द्वारा कारित किया गया कि अपराध लोक नीति के विरुद्ध अपराध है और अभियुक्तगण के उक्त कृत से मेधावी छात्रों को मानसिक संत्रास एवं सामाजिक रूप से हतोत्साहित होना पड़ता है।

इस तरह से पेपर आउट करने या कराने या किसी के स्थान पर बैठकर परीक्षा देने पर पेपर आउट करने या कराने में सहयोग करने से परीक्षा की सुचिता व गोपनीयता भी भंग होती है। इस प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने से अयोग्य व्यक्तियों का चयन हो जाता है और योग्य अभ्यर्थी असफल होकर कुंठा ग्रसित होकर आत्महंता कदम उठा लेते हैं जैसा कि प्रायः समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है।

Durgesh Sharma

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