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Sant Kabir Nagar News : निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

Sant Kabir Nagar News : बिजली के निजीकरण के विरोध में प्रदेश भर में बिजली कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध सभा की। कंसलटेंट नियुक्त करने के टेंडर से बिजली कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ा है।

Amit Pandey
Published on: 13 Jan 2025 8:17 PM IST
Sant Kabir Nagar News
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निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध (Pic - Social Media)

Sant Kabir Nagar News : पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया है। निजीकरण हेतु कंसल्टेंट की नियुक्ति करने का टेंडर आज समाचार पत्रों में प्रकाशित होने से बिजली कर्मचारियों का गुस्सा और बढ़ गया है। संघर्ष समिति ने यह निर्णय लिया है कि काली पट्टी बांधकर विरोध का अभियान पूरे सप्ताह जारी रखा जाएगा। संघर्ष समिति ने संविदा कर्मियों की छंटनी की कठोर शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन निजीकरण की जल्दी में बिजली व्यवस्था पटरी से उतार देने पर उतारू है। संविदा कर्मियों को निकाल कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है। संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि भय फैलाकर निजीकरण करने के मंसूबे किसी कीमत पर पूरे नहीं होने देंगे।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इं राजेश कुमार, इं मनोज कुमार, इं लक्ष्मण मिश्र, इं मुकेश गुप्ता, सुनील प्रजापति, नारायण चन्द्र चौरसिया, आशीष कुमार,दिलीप सिंह, राघवेन्द्र, श्रीराम, धीरेंद्र यादव, श्रवण प्रजापति,मनोज कुमार, विजय कुमार, दुर्गेश राय, लालचंद यादव, अभिषेक मणि त्रिपाठी, अंकित मिश्रा, निखिल श्रीवास्तव, हेमलता सिंह, नमिता पटेल, विभव रंजन श्रीवास्तव, दीक्षा श्रीवास्तव, मालती देवी, प्रदुम्न कुमार, संतोष कुमार, योगेन्द्र चौहान, श्रवण कुमार प्रजापति, रीतेश, संतोष कसौधन, प्रिन्स गुप्ता, विरेन्द्र मौर्या, मनीष मिश्रा ने कहा कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर/ कंसल्टेंट की नियुक्ति करने के विज्ञापन में साफ-साफ लिखा है कि कंसल्टेंट की नियुक्ति उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेश लिमिटेड को पीपीपी मॉडल पर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम एवं पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु सहायता प्रदान करने के लिए की जानी है। उल्लेखनीय है कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और सरकार लगातार यह करते रहे हैं कि यह निजीकरण नहीं है अपितु पीपीपी मॉडल पर भागीदारी है। लेकिन टेंडर नोटिस में साफ लिखा है - "पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण।"

ऊर्जा निगमों में अशांति फैलाने की कोशिश

संघर्ष समिति ने यह भी कहा कि आज ही प्रयागराज में शताब्दी का सबसे बड़ा महाकुम्भ प्रारम्भ हुआ और आज ही निजीकरण हेतु टेंडर नोटिस प्रकाशित करना, प्रबन्धन द्वारा जानबूझकर ऊर्जा निगमों में अशांति का वातावरण बनाने की साजिश है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में शानदार सफलता की जीवन रेखा बिजली है जिसे श्रेष्ठतम बनाए रखने हेतु बिजली कर्मी लगे हुए हैं। ऐसे में प्रबन्धन की यह कोशिश पूरी तरह अनावश्यक, घोर आपत्तिजनक और अमान्य है। संघर्ष समिति ने यह सवाल भी उठाया कि इसके पूर्व पॉवर कारपोरेशन ने दिसम्बर माह में एक कंसल्टेंट मेसर्स मार्कडोज से रिपोर्ट लेकर एनर्जी टास्क फोर्स में पारित कराई थी। अब नए सिरे से पुनः कंसल्टेंट नियुक्त करने की प्रक्रिया का क्या मतलब है?

ऐसा लगता है कि प्रबंधन ने निजीकरण हेतु कंसल्टेंट से लेकर पीपीपी मॉडल पर निजी घरानों का नाम पहले ही तय कर रखा है और सारी प्रक्रिया केवल उन्हीं पूर्व निर्धारित निजी घरानों को पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को बेचने के लिए की जा रही है। संघर्ष समिति ने एक बार फिर कहा कि लाखों करोड़ों रुपए की विद्युत वितरण निगमों की परिसंपत्तियों का बिना मूल्यांकन कराए किस आधार पर इसे बेचने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति जा रही है। साथ ही प्रबंधन यह भी बताए कि 42 जनपदों की अरबों खरबों रुपए की जमीन मात्र एक रुपए में निजी कंपनी को सौंपने से बिजली उपभोक्ताओं का क्या भला होने वाला है? संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ता और किसान भी इस मेगा लूट को समझ रहे हैं और बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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