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Sant Kabir Nagar: चर्चित मुर्गा कांड के आरोपी को आजीवन कारावास और चार लाख का अर्थ दंड

Sant Kabir Nagar: रानू ने गाली देने से मना किया तो इरफान गुस्से में आकर मोबीन की दुकान पर रखा मुर्गा काटने वाले चाकू से रानू के गर्दन पर वार कर दिया जिससे रानू बेहोश होकर गिर गया।

Amit Pandey
Published on: 6 March 2025 5:59 PM IST
sant kabir nagar news
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Sant Kabir Nagar: जिला शासकीय अधिवक्तता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद के चर्चित मुसरद चौराहा मुर्गा कांड में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। उन्होंने बताया कि ग्राम ढोढ़ई निवासी मनोज कुमार ने थाना दुधारा में प्रार्थना पत्र दिया कि दिनांक 16.05.23 को डीजे के संबंध में विवाद हुआ था। उसी विवाद को लेकर 18 मई 23 को समय 06.15 बजे शाम वह अपने दोस्त रानू उर्फ रूदल तथा अमन निषाद के साथ मुसरत चौराहे पर मोबिन मुर्गा वाले की दुकान पर मुर्गा खरीदने गया था।

मोबीन की दुकान पर इरफान पहले से मौजूद था। पूर्व में इरफान और रानू व अमन के बीच विवाद हुआ था। इरफान, रानू और अमन को देखते ही भद्दी भद्दी गाली देने लगा। जब रानू ने गाली देने से मना किया तो इरफान गुस्से में आकर मोबीन की दुकान पर रखा मुर्गा काटने वाले चाकू से रानू के गर्दन पर वार कर दिया जिससे रानू बेहोश होकर गिर गया। उसके द्वारा बीच बचाव किया गया तब इरफान जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भागने लगा इस पर वहां मौजूद लोगों ने इरफान को पकड़ लिया। वह अपने दोस्त रानू को मोटरसाइकिल से जिला अस्पताल खलीलाबाद ले आया वहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में रानू की मृत्यु हो गई।

मामले में थाना दुधारा में मुकदमा पंजीकृत हुआ तथा विवेचक द्वारा आरोपी इरफान और मोबीन निवासी मुसरद थाना दुधारा के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से 14 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया जिसमें मुख्य रूप से मृतक रानू का दोस्त मनोज कुमार ने अपने बयान में घटना का समर्थन किया और बतौर चश्मदीद साक्षी अपना बयान अंकित कराया ।अन्य साक्षियों ने भी घटना का समर्थन किया।

मृतक का पोस्ट मार्टम करने वाले साक्षी डॉक्टर प्रफुल्ल राय ने अपने बयान में चाकू से आई चोटों का कथन किया और बताया की मृतक के गर्दन में दाहिनी ओर धारदार हथियार से घोपा हुआ घाव पाया गया जिससे कि मृतक के गर्दन की रक्तवाहिनी कटने से उसकी मृत्यु हो गई। मृतक रानू के दोस्त अमन ने मुख्य परीक्षा और प्रति परीक्षा के दौरान घटना का समर्थन किया किंतु प्रति परीक्षा में बाद में उसने घटना से इनकार किया जिस पर न्यायालय द्वारा अमन को नोटिस जारी किया गया की क्यों न उसके विरुद्ध झूठा साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया जाए।

इसी प्रकार मृतक के भाई ईश्वर चंद्र ने अपने बयान में यह कथन किया की जब वह अपने घायल भाई रानू को देखने अस्पताल गया तो उसने बताया कि इरफान ने घटना नहीं की है। इस पर माननीय न्यायालय ने अपना मत व्यक्त किया कि यह बयान लालच या भय वश दिया गया था क्योंकि जो व्यक्ति गंभीर चोट के कारण जीवन मृत्यु के बीच में झूल रहा उससे कोई व्यक्ति या तो पूछ सकता है की घटना किसने कारित किया है, किंतु यह नहीं पूछेगा कि किसी व्यक्ति विशेष द्वारा घटना कारीत की गई थी या नहीं ।यदि अभियुक्त इरफान द्वारा घटना कारीत न की गई होती तो मृतक के भाई द्वारा मृतक से इरफान का नाम लेकर उसके बारे में क्यों पूछा जाता।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पक्षों के बहस को सुनने के पश्चात आरोपी इरफान को सत्र न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद चौधरी ने हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और ₹400000 अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिए। अर्थदंड न अदा करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिए। अर्थ दंड की धनराशि में से 3ः50 लाख रुपए मृतक रानू उर्फ रुदल के माता-पिता तथा माता-पिता के न रहने पर उनके उत्तराधिकारियों को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिये तथा शेष ₹50000 जुर्माने के रूप में जमा करने का आदेश दिए। इसी प्रकार आरोपी मोबीन को आयुध अधिनियम के अपराध में 1 वर्ष के कठोर कारावास और ₹15000 के अर्थदंड से दंडित करने का आदेश दिए ।अर्थदंड न अदा करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिए।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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