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Saras and Arif Friendship: लोगों को भा गई सारस और आरिफ की जय-वीरू वाली दोस्ती, जुदाई ने की आंखें नम

Saras and Arif Friendship: अमेठी के आरिफ और सारस की दोस्ती का मुद्दा सुर्खियों में है। नियमों का हवाला देते हुए वन विभाग की टीम ने जब सारस को आरिफ से अलग किया तो इस पर सियासत भी शुरू हो गई। पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में ट्वीट कर सियासी सरगर्मी बढ़ा दी, बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसे जय-वीरू की दोस्ती करार दिया। साथ ही साथ दोनों ने योगी सरकार को नसीहत भी दे डाली। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।

Hariom Dwivedi
Published on: 25 March 2023 12:40 AM IST (Updated on: 25 March 2023 2:35 AM IST)

Saras and Arif Friendship: प्रकृति के प्रारंभ से ही बेजुबानों और इंसानों के बीच प्रगाढ़ दोस्ती रही है। धार्मिक ग्रंथों में भी इसका जिक्र मिलता है। भगवान शिव के साथ नंदी हैं। श्री विष्णु के साथ गरुण और गणेश जी के साथ मूसक और मां दुर्गा के साथ शेर है। वैसे ही इंसान ने भी अपने-अपने दोस्त बनाये हैं। कोई कुत्ता पालता है, कोई हाथी और कोई गाय, भैंस, बकरी और घोड़ा आदि। पक्षियों की कई प्रजातियों को भी लोगों ने घर में जगह दे रखी है। जब-जब एक-दूसरे से इन्हें अलग किया गया है, इनकी जुदाई के दर्द ने सभी को भावुक किया है। इन दिनों उत्तर प्रदेश में की एक ऐसी ही दोस्ती सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। यह दोस्ती है अमेठी के आरिफ और संरक्षित पक्षी सारस की।

अमेठी के आरिफ को करीब एक साल पहले एक घायल सारस मिला था। उन्होंने उसका इलाज किया। खिलाया-पिलाया। परिवार के सदस्य की तरह पाला। खूब दुलार किया। नतीजन, सारस को भी आरिफ से दोस्ती हो गई और वह वहीं रहने लगा। दोनों साथ-साथ खाना खाते और घूमते थे। अचानक, एक दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव को इनकी दोस्ती का पता चला तो वह दोनों से मिलने पहुंच गये। उनकी प्रगाढ़ता देख अखिलेश ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर भी किया। इसके बाद वन विभाग की टीम आई और सारस को पकड़कर ले गई। वन विभाग ने सारस को समसपुर पक्षी विहार में छोड़ दिया है।

दोस्त से दूर होने का दर्द

आरिफ और सारस दोनों एक-दूसरे से जुदा होकर बेहद परेशान हैं। आरिफ का कहना है कि सारस उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया था। उधर, सारस भी बेचैन है। वन विभाग की टीम ने जंगल में छोड़ा, लेकिन वह वहां नहीं रुका और आरिफ की तलाश में बस्ती की ओर भागा। सरसपुर पक्षी विहार से 6 किमी दूर वह बिसैया गांव पहुंचा। उसे क्या पता था कि जिंदगी इतनी आसान नहीं है। वहां कुत्तों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। यह तो भला हो गांववालों का जिन्होंने फिर उसे बचाया और खाना खिलाया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम फिर से उसे पकड़कर ले गई। वन विभाग की टीम ने सारस की निगरानी और बढ़ा दी है। आरिफ का दावा है कि अगर सारस को छोड़ दिया जाये तो वह वापस उसके पास ही आ जाएगा। आरिफ बताते हैं कि वन विभाग के अधिकारियों ने उसे सख्त हिदायद दी है कि अगले 20 से 25 दिन वह समसपुर पक्षी विहार के आसपास दिखाई न पड़े। वहीं, रायबरेली के क्षेत्रीय वन अधिकारी रुपेश श्रीवास्तव ने कहा कि आरिफ यहां आ सकते हैं और टिकट लेकर उसे देख सकते हैं। पहचान पाएंगे तो पहचान भी लेंगे।

दोस्ती के आड़े आ रहा कानून

फिलहाल, दोनों की दोस्ती के आड़े कानून आ रहा है। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं, 'किसी भी संरक्षित पक्षी या जानवर को रखना गैरकानूनी है। इतना ही नहीं उसे खिलाना-पिलाना भी गैरकानूनी है।' उनके मुताबिक, आप किसी पक्षी को बचा सकते हैं, लेकिन उसके बाद आपको उसे कानूनी तौर पर वन विभाग को सुपुर्द करना होगा।

'मर्जी से रहता और खेलता था सारस'

आरिफ कहते हैं कि सारस अपनी मर्जी से यहां रहता था। कभी वह खेतों में जाता था। कभी उड़ता था और कभी वापस आ जाता था। मैंने न तो उसे कभी बांधकर रखा और न ही पकड़ा। वह अपनी मर्जी से मेरे साथ टहलता था। खाना खाता था। आरिफ कहते हैं कि वाइल्ड लाइफ को लेकर वन विभाग का क्या नियम है, हमें नहीं पता। वह लोग आये और उसे ले गये।

आरिफ कहते हैं कि मुझे सारस की बहुत चिंता है। ऊपर वाले से बस यही दुआ है कि वह सुरक्षित रहे। वन विभाग जिस तरह से वह भागा है, मुझे डर है कि उसे कुछ हो न जाये। वन विभाग द्वार मेरे पास से आजाद कराने के नाम पर उसे कैद कर दिया गया है। जब वो मेरे पास था तो बहुत अच्छे से रहता था, आजाद था, जहां मन होता था वहां जाता था। जंगल में भी चला जाता था।

सारस पर सियासत शुरू

वन विभाग द्वारा सारस को ले जाने के बाद उत्तर प्रदेश में इस पर सियासत शुरू हो गया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सारस के गायब होने से लेकर मिलने तक ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। दोपहर बाद सारस के मिलने की सूचना उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि पक्षी प्रेमी बोसैया गांव को धन्यवाद जिसने सारस को बचाया, जिसमें प्रदेश की सरकार नाकाम रही है। उन्होंने कहाकि प्रेम से बड़ी और सत्ता कोई नहीं हो सकती है। भाजपा अगर समय रहते ये समझ ले तो शायद उसके अंदर की नफरत कुछ कम हो जाये।

प्रियंका ने बताया जय-वीरू की दोस्ती

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सारस और आरिफ की दोस्ती की मिसाल देते हुए उसे जय-बीरू की तरह दोस्ती करार दिया। प्रियंका गांधी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर सारस की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, "अमेठी के रहने वाले आरिफ और एक सारस पक्षी की दोस्ती जय-बीरू की तरह थी। साथ रहना, साथ खाना, साथ आना जाना, उनकी दोस्ती इंसान की जीवों से दोस्ती की मिसाल है। आरिफ ने प्रिय सारस को घर के सदस्य की तरह पाला, उसकी देखभाल की, उसे प्यार किया। ऐसा करके उन्होंने पशु-पक्षियों के प्रति इंसानी फर्ज की नजीर पेश की, जोकि काबिल-ए-तारीफ है।"

सोशल मीडिया पर बहस तेज

सारस और आरिफ को दोस्ती को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो चुकी है। पक्ष-विपक्ष में तरह-तरह की दलीलें पेश की जा रही हैं। कुछ लोग उनको फिर से मिलाने की बात कर रहे हैं। वहीं, कुछ कानून का हवाला देकर वन विभाग की कार्रवाई को सही बता रहे हैं।

Hariom Dwivedi

Hariom Dwivedi

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