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प्रमोद को नहीं भाया शत्रुघ्न सिन्हा का अंदाज
कांग्रेस ने लखनऊ से आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रत्याशी बनाये अभी 24 घंटे बीता नहीं,पार्टी में अंतर विरोध शुरू हो गया है। हाल ही कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा गुरुवार को लखनऊ में थे, यह माना जा रहा था कि सिन्हा लखनऊ से कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम के नामांकन जुलूस में शामिल होंगे, लेकिन कांग्रेस और सपा के तल्खी के बीच सिन्हा ने अपनी पत्नी और सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा के नामांकन जुलूस में जाना उचित समझा, जिसे लेकर कांग्रेसियों में रोष का भाव साफ़ दिखा।
धनंजय सिंह
लखनऊ: कांग्रेस द्वारा लखनऊ से आचार्य प्रमोद कृष्णम को प्रत्याशी बनाये अभी 24 घंटे भी नहीं बीते। पार्टी में अंतर विरोध शुरू हो गया। हाल ही कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा गुरुवार को लखनऊ में थे, यह माना जा रहा था कि सिन्हा लखनऊ से कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम के नामांकन जुलूस में शामिल होंगे, लेकिन कांग्रेस और सपा की तल्खी के बीच सिन्हा ने अपनी पत्नी और सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा के नामांकन जुलूस में जाना उचित समझा, जिसे लेकर कांग्रेसियों में रोष का भाव साफ़ दिखा।
सपा प्रत्याशी पूनम सिन्हा के नामांकन में शत्रुघ्न सिन्हा के शामिल होने पर कांग्रेस प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी का धर्म निभाना चाहिए, कांग्रेस में रहते हुए उन्हें लखनऊ सीट पर पार्टी उम्मीदवार का प्रचार प्रसार करना चाहिए।
प्रमोद कृष्णम द्वारा उठाये गए सवाल पर शत्रुघ्न सिन्हा ने पलटवार करते हुए कहा कि वह परिवार के मुखिया और पति का धर्म निभाने आये हैं, परिवार का समर्थन करना मेरा कर्तव्य है।
नामांकन को लेकर प्रमोद कृष्णम और शत्रुघ्न सिन्हा में चले जवाबी तीर
इस बारे कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कल ही कह दिया था कि शत्रुघ्न सिन्हा की जरूरत हमें नहीं है। वे अपनी सीट को देखें। इस कारण शत्रुघ्न को उनके नामांकन में बुलाया नहीं गया था। भले उनकी पत्नी यहां से सपा का चुनाव लड़ रही हैं लेकिन उनको वहां नहीं जाना चाहिए था। वह अभी कांग्रेस में नये आये हैं। इस कारण यहां का नियम पता नहीं है।
इससे साफ पता चलता है कि प्रमोद कृष्णम के नामांकन को लेकर न तो कोई पूर्व में तैयारी की गयी थी न ही कांग्रेस की प्रदेश इकाई के बीच सामंजस्य था, प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को चर्चा का बाजार गरम था।
पटना से खुद कांग्रेस उम्मीदवार होने के बावजूद लखनऊ में अपनी पत्नी व सपा उम्मीदवार पूनम सिन्हा के नामांकन में शामिल होकर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने आलोचकों को एक और मौका दे दिया है। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी पर उनकी निष्ठा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
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शत्रुघ्न में किसी पार्टी के प्रति निष्ठा नहीं
शत्रुघ्न भले ही इस मामले में चुप्पी साधे रहे लेकिन राजनीति के गलियारों में इसकी खूब चर्चा होती रही। वे गुरुवार को अपनी पत्नी पूनम सिन्हा के नामांकन जुलुस में शामिल होने आये थे, जबकि आज ही कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद कृष्णम् का भी नामांकन था। इसके बावजूद शत्रुघ्न ने कांग्रेस कार्यालय जाना मुनासिब नहीं समझा।
इस संबंध में राजनीतिक विश्लेषक निखिलेश सिंह का कहना है कि नियमत: तो कांग्रेस को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होगा। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति जानता है कि शत्रुघ्न सिन्हा की किसी पार्टी के प्रति निष्ठा नहीं बची है। यदि निष्ठा होता तो वे भाजपा से पहले ही इस्तीफा देकर, पार्टी के विरोध में उतरते। भाजपा के सांसद भी बने रहे और पूरे पांच साल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में बोलते भी रहे। कांग्रेस को सिर्फ एक नेम-फेम का उम्मीदवार चाहिए था। इसलिए पार्टी ने पटना साहिब से उन्हें उतार दिया।
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