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मोदी के मंत्री बोले सत्यपाल ने यूपी में दिया ज्ञान, आप भी लीजिए
केंद्रीय मानव संसाधन विकास एवं जल संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने यहां गाय और भैंस के दूध के फर्क को समझाते हुए कहा है कि अगर हमें अपने बच्चे को पहलवान बनाना है तो भैस का और अगर बुद्धिमान बनाना है तो उसे गाय का दूध और घी खिलाओं।
मेरठ : केंद्रीय मानव संसाधन विकास एवं जल संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने यहां गाय और भैंस के दूध के फर्क को समझाते हुए कहा है कि अगर हमें अपने बच्चे को पहलवान बनाना है तो भैस का और अगर बुद्धिमान बनाना है तो उसे गाय का दूध और घी खिलाओं। आज दिल्ली-मेरठ रोड स्थित गंगोल सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड,परतापुर के नवनिर्वाचित संचालक मंडल के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
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राज्य मंत्री ने कहा कि वें जब पूणे के पुलिस कमिश्नर थे उस समय वहां इस पर एक परीक्षण हुआ था। परीक्षण के दौरान दस भैसें एक लाइन में बांध दी गई और भैस के एक कटड़े को अपनी मां का दूध पीने के लिए छोड़ दिया गया। कटड़ा सभी भैसों के नीचे से निकल गया लेकिन अपनी मां को तलाश नही कर सका। इसके बाद एक लाइन में सौ गायों को बांध कर एक बछड़े को मां का दूध पीने के लिए छोड़ दिया गया। बछड़ा सीधे अपनी मां के नीचे पहुंच गया।
मंत्री ने कहा कि आज भी दूध की बहुत मांग है कि इसलिए खूब दूध पैदा करो। दिल्ली में तो कहीं-कहीं डेढ़ सौ रुपये लीटर दूध बिक रहा है।
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सत्यपाल ने कहा कि पिछली सपा सरकार ने तो पराग डेयरी बेचने की पूरी तैयारी कर ली थी। मेरे पास इसकी पूरी डिटेल थी। जिसके बाद मैने अखिलेश को कहा कि ऐसा मत करो वरना बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा,जिसके बाद ही पराग डेयरी बिकने से बची।
सत्यपाल सिंह ने इसी के साथ यह भी कहा कि मैं यह नही कहता कि मेरे कहने पर ही अखिलेश ने पराग डेयरी को नही बेचा,कुछ और वजह भी रही होगी।
देश में किसानों की हालत पर चिंता जताते हुए मंत्री सिंह ने कहा कि देश में 92 फीसदी किसान गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले हैं,जिनकी पूर्व में किसी ने चिंता नही देश में पहली बार किसानों की चिंता करने वाली मोदी सरकार आई है।
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उन्होंने कहा कि 1969 में इन्दिरा गांधी ने बैंको राष्ट्रीयकरण करते हुए कहा था कि इससे बैंको को कर्ज मिल सकेगा। लेकिन 1969 सो 2014 तक यानी 45 सालों में मात्र साढ़े तीन करोड़ ही ग्रामीणों के खाते खुल सके। देश में मोदी सरकार आई तो बिना पैसा जमा कराए खाते खुलने लगे। जिन्हें जनधन कहा जाता है। यही नहीं जनधन खाता खोलते के साथ ही दो लाख का बीमा हो जाता है।
मंत्री ने यूरिया का जिक्र करते हुए कहा कि पहले यूरिया बनाने पर कैप लगी हुई थी। यानी तय सीमा से अधिक यूरिया नही बना सकते थे, जिसके कारण यूरिया विदेशों से आयात करना पड़ता था। मोदी सरकार ने आते ही यह कैप उतार कर फेक दी। यानी अब कितना भी यूरिया बनाया जा सकता है।